गतिशीलता के माध्यम से लैंगिक असमानता से लड़ना : दिल्ली की ‘पिंक टिकट’ योजना का आकलन
आवागमन में व्याप्त लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना की शुरुआत की। शहर में महिला यात्रियों के एक सर्वेक्षण के आधार पर, निशा...
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Nishant .
Archana Singh
11 मार्च, 2025
- फ़ील्ड् नोट
महिलाओं के कार्यबल की क्षमता को बढ़ाना
शैक्षिक उपलब्धि और स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढाने में भारत पीछे है, जिसके चलते तेज़ और समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य बाधित हो रहा है। इस लेख मे...
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Aakash Dev
Ratna Sahay
06 मार्च, 2025
- लेख
माता-पिता एवं शिक्षक के बीच सहयोग के माध्यम से आधारभूत शिक्षा को बढ़ावा देना
प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन में प्रगति होने के बावजूद, ग्रामीण भारत में 50% से अधिक विद्यार्थी मूल साक्षरता हासिल करने में असफल रहते हैं, जबकि 5वीं कक्षा के अंत तक 44% विद्यार्थियों में अंकगणित कौ...
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Ricardo Sabates Aysa
Deepak Kumar
Naveen Sunder
Wilima Wadhwa
27 फ़रवरी, 2025
- लेख
कोविड-19 टीके के बारे में झिझक: राज्यों में समय के साथ रुझान
कोविड-19 के टीके की उपलब्धता के बावजूद इसे स्वीकार या अस्वीकार करने में देरी, दुनिया भर में आबादी को इष्टतम टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा है। इस लेख में यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड और कार्...
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Soumi Roy Chowdhury
Abhinav Motheram
Santanu Pramanik
05 मई, 2021
- लेख
पोषण संकट को संबोधित करना: ओडिशा मिलेट मिशन के प्रभाव
ओडिशा राज्य में कुपोषण एक गंभीर समस्या है, और साक्ष्य बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों से संसाधन-प्रचुर चावल-गेहूं की उपज प्रणाली अस्थिर हो जाएगी। इस नोट में, साहा एवं अन्य द्वारा इस बात को...
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Subhodeep Basu
Arghadeep Saha
Sayantani Sathpathi
30 अप्रैल, 2021
- फ़ील्ड् नोट
भारत के मानसिक स्वास्थ्य संकट को समझना
जब से कोविड-19 महामारी शुरू हुई है, तब से कई रिपोर्टों से यह संकेत मिला है कि अलग-अलग आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थिति बिगड़ रही है। इस पोस्ट में, मिशेल मैरी बर्नडाइन ने भा...
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Michele Mary Bernadine
27 अप्रैल, 2021
- लेख
महिलाओं को पीछे छोड़ दिया: सरकारी स्वास्थ्य बीमा के उपयोग में लैंगिक असमानताएँ
भारत में स्वास्थ्य नीति का एक प्रमुख लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा में समानता लाना है। राजस्थान के प्रशासनिक आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए इस लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राज्य स्वास्थ्य बीमा कार्यक...
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Pascaline Dupas
Radhika Jain
23 अप्रैल, 2021
- लेख
क्या साहूकार वित्तीय बिचौलिए हैं?
विकासशील देशों में ग्रामीण परिवारों द्वारा उधार अधिकांशत: अनौपचारिक ऋणदाताओं से लिया जाता रहा है। यह लेख 2000 के दशक की शुरुआत से ग्रामीण भारत में इन अनौपचारिक ऋणदाताओं और बैंकों के बीच संबंधों की जां...
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Vaishnavi Surendra
20 अप्रैल, 2021
- लेख
नेता और नागरिक: भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी
भारत में आगामी राज्य चुनावों के संदर्भ में की जाने वाली चर्चाओं में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी एक प्रमुख तत्व के रूप में उभरी है। इस पोस्ट में, नलिनी गुलाटी और एला स्पेन्सर ने देश में महिलाओं के राज...
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Nalini Gulati
Ella Spencer
16 अप्रैल, 2021
- दृष्टिकोण
कोविड-19: बिहार की सरकारी योजनाएँ कमजोर आबादी की सहायता कितने अच्छे से कर रहीं हैं?
कोविड-19 महामारी और उससे जुड़े लॉकडाउन का तत्काल प्रतिकूल प्रभाव ऐसे प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों पर काफी अधिक देखा गया जिनकी अपने मूल गांवों में सरकारी योजनाओं तक पहुंचने की क्षमता अनिश्चित थी। ...
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Advaita Rajendra
Ankur Sarin
Karan Singhal
13 अप्रैल, 2021
- फ़ील्ड् नोट
जब आपराधिकता अपराध को जन्म देती है: निर्वाचित राजनेताओं की भूमिका
राजनीति का अपराधीकरण समाज के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है। यद्यपि साहित्य में आपराधिक रूप से आरोपी नेताओं के आर्थिक परिणामों पर अध्ययन तो किया गया है, लेकिन उनके क्षेत्राधिकार में आपराधिक माहौल पर ...
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Nishith Prakash
Soham Sahoo
Deepak Saraswat
Reetika Sindhi
09 अप्रैल, 2021
- दृष्टिकोण
बढ़ते शहरीकरण के प्रभाव में ग्रामीण भारत में बढ़ता हुआ मोटापा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार भारत की लगभग 20% जनसंख्या मोटापे से ग्रस्त है। यह लेख बताता है कि देश में मोटापे की प्रवृत्ति ने इसके स्वाभाविक आर्थिक परिव...
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Anaka Aiyar
Prabhu Pingali
Andaleeb Rahman
07 अप्रैल, 2021
- लेख
जीविकोपार्जन के लैंगिक मानदंड और कार्य निर्णय
यह मानदंड कि ‘एक पुरुष को अपनी पत्नी से अधिक अर्जित करना चाहिए’, विवाहित महिलाओं के श्रम-बाजार भाग लेने को गहरे रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। 1983 से 2012 तक की अवधि के दौरान भारत के राष्ट्र...
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Sakshi Gupta
05 अप्रैल, 2021
- लेख
ड्यूएट-विकेंद्रीकृत शहरी रोजगार और प्रशिक्षण: संशोधित
सितंबर 2020 में, शहरी रोजगार के लिए ज्यां द्रेज़ का ड्यूएट (विकेंद्रीकृत शहरी रोज़गार एवं प्रशिक्षण) नामक प्रस्ताेव आइडियाज फॉर इंडिया पर प्रस्तु त किया गया था।इसके बाद आयोजित एक गहन परिसंवाद में ख्यात...
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Jean Drèze
30 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
ठोस कचरा प्रबंधन संबंधी चुनौतियां: पटना शहर का मामला
अपर्याप्त योजना के साथ तेजी से शहरीकरण ने भारत के कई शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्याओं को जन्म दिया है। इस नोट में, उमा शरमिष्ठा बिहार राज्य के पटना शहर में एक क्षेत्र अध्ययन से प्रारंभिक निष्कर...
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Uma Sarmistha
25 मार्च, 2021
- लेख