तृतीय अशोक कोतवाल स्मृति व्याख्यान- स्वैच्छिक कार्बन बाज़ार : विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में चुनौतियाँ और अवसर
हमारे संस्थापक प्रधान संपादक अशोक कोतवाल की याद में वर्ष 2022 में ‘अशोक कोतवाल स्मृति व्याख्यान’ की शुरुआत विकास के प्रमुख मुद्दों पर एक वार्षिक व्याख्यान के रूप में की गई थी। 11 दिसंबर 2024 को संपन्न...
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Rohini Pande
I4I Team
10 फ़रवरी, 2025
- वीडियो
बेटियों को सशक्त बनाना : सशर्त नकद हस्तांतरण किस प्रकार से पारम्परिक मानदंडों को बदल सकते हैं
हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2008 में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के महत्व के बारे में ...
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Nabaneeta Biswas
Christopher Cornwell
Laura Zimmermann
24 जनवरी, 2025
- लेख
आप्रवासन नीति सम्बन्धी अनिश्चितता श्रम बाज़ारों को प्रभावित करती है
राष्ट्रपति ट्रम्प के फिर से चुने जाने से एच-1बी वीज़ा सम्बन्धी नीतियों पर बहस फिर से शुरू हो गई है, यह एक अस्थाई उच्च कौशल कार्य वीज़ा है जिसमें 70% वीज़ा भारतीयों के पास हैं। इस लेख में, वर्ष 2016 मे...
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Ritam Chaurey
Kanika Mahajan
Shekhar Tomar
21 जनवरी, 2025
- लेख
कोविड-19: ‘आभासी महामारी’ और महिलाओं के खिलाफ हिंसा
महिलाओं के खिलाफ हिंसा दुनिया भर में एक समस्या है जिसकी आर्थिक लागतें वैश्विक जीडीपी में 1% से 4% तक आती हैं। यह लेख इस बात की जांच करता है कि भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा...
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Saravana Ravindran
Manisha Shah
08 अक्टूबर, 2020
- लेख
एक साथ कराए जाने वाले चुनाव, मतदाता का व्यवहार तथा चुनावी नतीजे
भारत सरकार का एक क्रियाशील नीतिगत प्रस्ताव है कि सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और राष्ट्रीय चुनाव एक साथ ही कराए जाएँ। यह लेख इस बात की जाँच करता है कि क्या राष्ट्रीय एवं राज्य के चुनाव एक साथ होने से...
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Vimal Balasubramaniam
Sabyasachi Das
Apurav Yash Bhatiya
06 अक्टूबर, 2020
- लेख
ड्यूएट: दूसरे देशों के अनुभवों से सीखना
ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए मार्टिन रेवेलियन यह सुझाव देते हैं कि इसमें तीन चरणों की आवश्यकता है: समान नीतियों वाले दूसरे देशों के अनुभवों से सीखना, वृद्धि पर विचार करने से पहले...
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Martin Ravallion
01 अक्टूबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: 'कैसे' से पहले 'क्यों' को संबोधित करना
ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव और इससे संबंधित विचारों पर टिप्पणी करते हुए अशोक कोटवाल यह तर्क देते हैं कि हमें इस तरह के शहरी निर्माण कार्यक्रम के डिज़ाइन के विवरण का गहन अध्ययन करने से पहले इसके औच...
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Ashok Kotwal
29 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: रोजगार सृजन को शहरी स्थानीय निकायों में विकेंद्रीकृत करना
दिलीप मुखर्जी रोजगार सृजन को शहरी स्थानीय निकायों में विकेंद्रीकृत करने के ज्यां द्रेज़ के सुझाव का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि अभी तक शहरी स्थानीय सरकार के अशक्त स्वभाव के कारण शहरी नवीकरण, स्वच्छ...
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Dilip Mookherjee
26 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: छोटे शहरों के सार्वजनिक कार्यों में रोजगार कार्यक्रम
भारत के शहरों में, विशेषकर देश में युवाओं की बढ़ती हुई आबादी के बीच, बेरोजगारी एवं कम नियुक्तियों को देखते हुए प्रणब बर्धन शहरों के सार्वजनिक कार्यों में रोजगार कार्यक्रम की आवश्यकता पर बल देते हैं। उ...
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Pranab Bardhan
24 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: रोजगार को एक सार्वभौमिक अधिकार बनाने की ओर
देबराज रे का यह कहना हैं कि हमें रोजगार के मुद्दे को एक सार्वभौमिक अधिकार बनाने के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए, और ड्यूएट इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिक निभाएगा। वे प्रस्ताव के दो पहलुओं पर चर्चा करते है...
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Debraj Ray
22 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
जलवायु संबंधी आघातों से निपटने में स्वयं-सहायता समूह परिवारों को कैसे सक्षम बनाते हैं
जलवायु परिवर्तनशीलता और इसकी विनाशक सीमा के साथ-साथ उपयुक्त बीमा उपायों की कमी वर्षा आधारित कृषि और विकासशील देशों में बड़ी आबादी के लिए खतरा पैदा करती है। यह लेख बताता है कि कैसे स्वयं-सहायता समूह (ए...
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Timothée Demont
19 सितंबर, 2020
- लेख
ड्यूएट: शहरी रोजगार योजना हेतु एक प्रस्ताव
ज्यां द्रेज़ शहरी क्षेत्रों में रियायती सार्वजनिक रोजगार की एक सरल योजना का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जो कई सार्वजनिक संस्थानों की खुद की पहल के आधार पर बनाई गई है। ...
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Jean Drèze
16 सितंबर, 2020
- विचार-गोष्ठी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कवरेज की समीक्षा
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) काफी चर्चित विषय रहा है। रीतिका खेरा और अनमोल सोमंची ने सरकारी आंकड़ों का प्रयोग कर पीडीएस के राज्य-वार कवरेज का अनुमान लगाया और भोजन ...
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Reetika Khera
Anmol Somanchi
14 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
‘मेक इन इंडिया’ में अवरोध
वर्तमान सरकार ने, सीमित सफलता के साथ, वर्ल्ड बैंक के डूइंग बिजनेस संकेतकों में भारत की रैंकिंग को सुधारने का प्रयास किया है। यह लेख बताता है कि राज्य और कारोबारों के बीच 'सौदे' - नियमों के बजाय - राज्...
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Sabyasachi Kar
Rajesh Raj S.N.
Kunal Sen
10 सितंबर, 2020
- लेख
सास अपनी बहुओं के सामाजिक नेटवर्क तथा प्रजनन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं?
परिवार के सदस्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधात्मक सामाजिक मानदंड एवं रणनीतिक बाधाएं, महिलाओं की सामाजिक नेटवर्क तक पहुंच और उससे प्राप्त होने वाले लाभ को सीमित कर सकती हैं। ग्रामीण उत्तर प्रदेश में एक स...
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S Anukriti
Catalina Herrera-Almanza
Mahesh Karra
08 सितंबर, 2020
- लेख