वर्ष 2024 पर एक नज़र
नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं! हिंदी भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और एक प्रकार से यह सम्पर्क सूत्र का काम भी करती रही है। इस महत्व को समझते हुए आई4आई के पोर्टल पर काफी स...
- I4I Team
- 10 जनवरी, 2025
- संपादक कॉर्नर
क्या अल्पसंख्यकों के बारे में बातचीत के ज़रिए भेदभाव कम हो सकता है? चेन्नई में ट्रांसजेंडर-विरोधी भेदभाव से जुड़े साक्ष्य
भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस भाषाई, धर्म, जाति, लिंग और रंग के आधार पर अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों को बढ़ावा और संरक्षण देने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है और प्रति वर्ष 18 दिसम्बर को मनाया जाता है। ...
- Duncan Webb
- 20 दिसंबर, 2024
- लेख
एक उज्जवल भविष्य : झारखंड के एक गाँव में सौर ऊर्जा माइक्रो-ग्रिड
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, जो हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है, भारत में ऊर्जा संरक्षण और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करता है। 2024 की थीम सामूहिक ऊर्जा-बचत प्रयासों के प्...
- Sharmistha Baig Animesh Ghosh Anandjit Goswami Rakesh Kacker
- 17 दिसंबर, 2024
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19: विपरीत पलायन से उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करना
भारत में कोविड-19 लॉकडाउन से सबसे बुरी तरह प्रभावित वर्गों में से एक वर्ग प्रवासी मजदूरों का है, जो बेरोजगार, धनहीन और बेघर हो गये हैं। हालांकि कई राज्य सरकारों द्वारा प्रवासी मजदूरों को वापस लाने और ...
- Ankita Gupta Harsh Parikh Kumar Subham
- 03 जुलाई, 2020
- दृष्टिकोण
भारत एक क्रियाशील सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए दुनिया का नेतृत्व कैसे कर सकता है
इबोला वायरस रोग से सबक के बावजूद, दुनिया ने अभी तक भरोसेमंद, समुदाय से जुड़े हुए लोक-स्वास्थ्यकर्मियों के संवर्ग में निवेश नहीं किया है जो अपने कार्यों को पेशेवरों के रूप में करने में सशक्त होते हैं। ...
- Stuti Khemani
- 30 जून, 2020
- लेख
कोविड-19 राहत: क्या महिला जन धन खाते नकद हस्तांतरण के लिए सही विकल्प हैं?
भले भारत सरकार द्वारा कोविड-19 हेतु राहत पैकेज की घोषणा की गई है, जिसमें खाद्य राशन प्रदान किए जाने के साथ-साथ नकद हस्तांतरण को भी उचित स्थान दिया गया है, परंतु नकद हस्तांतरण हेतु महिला जन धन बैंक ख...
- Anmol Somanchi
- 26 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – पांचवां भाग
इस श्रृंखला के पिछले दो भागों में, डॉ. प्रणव सेन ने कोविड-19 झटके से उबरने के लिए तीन अलग-अलग चरणों (उत्तरजीविता, पुनर्निर्माण और सुधार) के माध्यम से सुधार के मार्ग प्रस्तुत किए हैं। श्रृंखला के अंति...
- Pronab Sen
- 23 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – चौथा भाग
इस श्रृंखला के पिछले भाग में डॉ. प्रणव सेन ने सुधार के लिए एक मार्ग प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होने 'उत्तबरजीविता' के चरण, यानि लॉकडाउन की तीन महीने की अवधि पर ध्यान केन्द्रित किया था। इस भाग में उन्...
- Pronab Sen
- 20 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – तीसरा भाग
श्रृंखला के पिछले भाग में, डॉ. प्रणव सेन ने वर्तमान में जारी संकट के कारण हुई आर्थिक क्षति, और अगले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था के अपेक्षित प्रक्षेपवक्र के अनुमान प्रदान किए थे। इस भाग में, उन्होंने ...
- Pronab Sen
- 18 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – दूसरा भाग
आलेखों की इस श्रृंखला के पहले भाग में डॉ. प्रणब सेन ने पिछले दो बड़े आर्थिक झटकों – 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट और 2016-17 में नोटबंदी एवं जीएसटी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर चर्चा की...
- Pronab Sen
- 16 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – पहला भाग
कोविड-19 महामारी और इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए रोकथाम उपायों ने भारत के साथ-साथ दुनिया के बाकी हिस्सों में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। इसके अलावा, भारत एक बड़े मानवीय संकट का...
- Pronab Sen
- 12 जून, 2020
- लेख
कोविड-19: भारत को प्रभावी रूप से लॉकडाउन से बाहर निकालना
भारत अपने कोविड-19 लॉकडाउन से बाहर आने की कगार पर है। इस लेख में, सुगाता घोष और सरमिष्ठा पाल ने भारत को लॉकडाउन से प्रभावी ढंग से बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ सलाह के कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों ...
- Sugata Ghosh Sarmistha Pal
- 10 जून, 2020
- दृष्टिकोण
महामारी के वक्त में पक्षपात: कोविड संबंधी अफवाहें और कारखानों में श्रमिक आपूर्ति
मार्च महीने के मध्य में, एक इस्लामी संस्था तब्लीगी जमात द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद से कोविड मामलों की संख्या में भरी संख्या में एकाएक वृद्धि हुई, और भारत में इस बीमारी के मुसलमा...
- Arkadev Ghosh
- 05 जून, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19: संकटग्रस्त स्कूली शिक्षा और व्याप्त शैक्षणिक विषमता में अप्रत्याशित वृद्धि
कोविड-19 महामारी ने भारत के स्कूलों में पहले से ही व्याप्त घोर असमानता को और बढ़ा दिया है। इस लेख में मार्टिन हॉस और अभिषेक आनंद ने तीन व्यापक विषयों पर चर्चा की है - डिजिटल डिवाइड, इंफ्रास्ट्रक्चर डिव...
- Abhishek Anand Martin Haus
- 02 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 के प्रति सरकार की प्रतिक्रियाएँ कितनी देाषपूर्ण रही हैं? प्रवासी संकट का आकलन
कोविड-19 संकट के बीच, मार्च के अंत तक, अनगिनत प्रवासी श्रमिकों ने भारत के बंद शहरों से भाग कर अपने-अपने घरों के लिए गांवों की ओर पैदल ही जाना शुरू कर दिया। इस पोस्ट में सरमिष्ठा पाल यह तर्क देती हैं ...
- Sarmistha Pal
- 29 मई, 2020
- दृष्टिकोण