शिक्षा का मार्ग रोशन करना : क्या बिजली की सुविधा से बच्चों के परीक्षा स्कोर में वृद्धि हो सकती है?
घरों में बिजली की सुविधा उपलब्ध हो जाने पर बच्चों के स्कूल में दाखिला लेने की सम्भावना बढ़ जाती है। लेकिन क्या वे बेहतर प्रदर्शन भी करते हैं? यह लेख पश्चिम बंगाल के सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण कार्यक...
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Somdeep Chatterjee
Shiv Hastawala
Jai Kamal
15 मई, 2025
- लेख
किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर शराब निषेध का अनपेक्षित प्रभाव
शराब का सेवन आमतौर पर किशोरावस्था के दौरान शुरू होता है, जिसका वयस्कों के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिरता और कल्याण पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। इस लेख में बिहार के शराब प्रतिबंध का विश्लेषण करते हुए, पड़...
- लेख
भारत के औद्योगिक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि
पहली मई को दुनिया भर में श्रमिकों के हितों के लिए समर्पित दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसी परिपेक्ष में प्रस्तुत है यह लेख। हाल के वर्षों में, भारत में विनिर्माण क्षेत्र के रोज़गार में औसत वार्ष...
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Suresh Chand Aggarwal
Bishwanath Goldar
01 मई, 2025
- लेख
कोविड-19 का केरल प्रबंधन: प्रमुख सीख
केरल वह पहला भारतीय राज्य था जहां एक समय कोविड-19 के सबसे अधिक मामले थे, लेकिन आज वहाँ संक्रमण वक्र सपाट हो गया है और आरोग्य प्राप्ति दर यहाँ भारत में सर्वाधिक है। इस पोस्ट में, एस.एम. विजयानंद, केरल...
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S.M. Vijayanand
27 मई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 का राज्य वित्त पर प्रभाव
स्वास्थ्य का विषय राज्य सरकारें देखती हैं, इस लिए जब से भारत में कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई, तब से अलग-अलग राज्यों ने वे सारी प्रतिक्रियाएं अपनाईं हैं जो वे अपने राज्य-स्तरीय विधानों के तहत अपना स...
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Pronab Sen
21 मई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: दुनिया को नए विचारों की जरुरत है
मजदूर, कारीगर, छोटे किसान और अन्य साधनहीन लोग पहले की तुलना में आज अधिक अपमानजनक जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं। कोविड-19, एक महामारी, जिसने समस्त दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस लेख में प्रेमकु...
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Premkumar Mani
19 मई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 संबन्धित आलेखों का संग्रह
हम यहाँ आइडियास फॉर इंडिया (I4I) के कोविड-19 संबंधित हिन्दी विषयवस्तु के लिंक प्रस्तुत करेंगे...
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I4I Team
18 मई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - II
हालांकि कई टिप्पणीकारों ने चल रहे कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा को उजागर किया है, परंतु शहरी झुग्गी-झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में कम ही ज्ञात है। अफरीदी, ढि...
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Farzana Afridi
Amrita Dhillon
Sanchari Roy
14 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? - फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - I
यद्यपि कई टिप्पणीकारों ने वर्तमान कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है, परंतु शहरी झुग्गी झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में बहुत कम ज्ञात है। इस नोट ...
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Farzana Afridi
Amrita Dhillon
Sanchari Roy
13 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
भ्रष्टाचार और बहिष्करण को संतुलित करना: आधार को पीडीएस में शामिल करना
सार्वजनिक रूप से प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लाभार्थियों को इन लाभों को प्राप्त करने के लिए अपनी पहचान कैसे साबित करनी चाहिए? यह लेख, झारखंड राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में...
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Karthik Muralidharan
Paul Niehaus
Sandip Sukhtankar
09 मई, 2020
- लेख
कोविड-19 और एमएसएमई क्षेत्र: समस्या 'पहचान' की
हाल ही में 5,000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से 71 प्रतिशत उद्यम मार्च 2020 में भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान न...
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Radhika Pandey
Amrita Pillai
05 मई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: लॉकडाउन और घरेलू हिंसा
जैसे-जैसे दुनिया भर की सरकारें कोरोनावायरस के प्रसार को कम करने के लिए विभिन्न तीव्रता से लॉकडाउन लागू कर रहे हैं, और इससे भारत सहित कई देशों में घरेलू हिंसा की खबरों में अचानक बड़ा उछाल आया है। इस ...
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Nalini Gulati
30 अप्रैल, 2020
- लेख
कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई: एक तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य
भारत की अनुकूल जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल को देखते हुए यह सुझाव दिया गया है कि चुनिन्दा तौर पर लॉकडाउन में छूट दी जा सकती है। इस पोस्ट में, घोष और पाल तर्क देते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में ...
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Sugata Ghosh
Sarmistha Pal
28 अप्रैल, 2020
- लेख
राज्य के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी: एक अनदेखा मानव संसाधन
कोविड-19 और इसके लिए किए गए लॉकडाउन ने ऐसे दो समूहों पर देश का ध्यान केंद्रित किया है जिनकी संख्या लाखों में है, परंतु इन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है: प्रवासी अनौपचारिक श्रमिक और प्रशासन की पहल...
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Vishwanath Giriraj
24 अप्रैल, 2020
- फ़ील्ड् नोट
सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता देने पर किस प्रकार आगे बढ़ा जाए
भारत में दुनिया के हर 10 में से 3 से भी अधिक बच्चे अविकसित हैं, और यहां प्रति वर्ष जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं की संख्या सर्वाधिक है। इस पोस्ट में, श्वेता खंडेलवाल ने कहा है कि भारत कुपोषण के खिल...
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Shweta Khandelwal
22 अप्रैल, 2020
- दृष्टिकोण