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क्या शिक्षा से जलवायु कार्रवाई की प्रेरणा मिल सकती है?

हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है जो पर्यावरण की रक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैश्विक आंदोलन है। जलवायु संकट के और भी गंभीर होने के साथ ही, आज पृथ्वी के ...

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‘ब्रिंग-ए-फ्रेंड’: महिलाओं के प्रजनन अधिकार में सुधार के लिए वित्तीय और साथी के समर्थन का लाभ उठाना

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के सन्दर्भ में प्रस्तुत दो आलेखों की श्रृंखला के इस दूसरे लेख में उन परिणामों पर प्रकाश डाला गया है, जिनसे पता चलता है कि अगर महिलाओं के साथी उनके साथ हों तो उनके परिवा...

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मम्मी-जी को मनाना : भारत में परिवार नियोजन के लिए सास की स्वीकृति

भारत में हर साल 11 अप्रैल को, जो कस्तूरबा गाँधी की जयन्ती होती है, राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मानाने का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर चरणों में माताओं के ...

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कोविड-19: क्या हम लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं? - भाग 1

कोविड-19 के प्रसार की संभावित पुनरावृत्ति को रोकने के लिए यह लॉकडाउन, संभवतः भविष्य में किए जाने वाले कई लॉकडाउन में से पहला हो सकता है, इसलिए नीति निर्माताओं को इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यक्तिय...

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क्‍या एक व्‍यापक लॉकडाउन का कोई उचित विकल्‍प है?

कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में, हम दो विकल्‍पों में से अनिवार्यत: एक का चयन कर रहे हैं, एक ओर सामाजिक दूरी और दूसरी ओर लोगों को अपनी आजीविका से वंचित करना। सामान्य तथा अनिवार्य लॉकडाउन की अस्थिरत...

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एक महामारी के दौरान खाद्य और कृषि: प्रभावों का प्रबंधन

नोवल कोरोनोवायरस महामारी के बाद लॉकडाउन का एक महत्वपूर्ण प्रभाव यह हुआ है कि किसान और उपभोक्ता इस बात को लेकर असमंजस, अनिश्चितता और चिंता में हैं कि आखिर आने वाले हफ्तों में क्या होगा। इस पोस्ट में, स...

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कोविड-19: समाज के कमजोर वर्ग की सहायता तत्काल कैसे की जा सकती है

केंद्र सरकार ने अभी तक इस बात की कोई घोषणा नहीं की है कि भारत में फैले कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के कारण पहले से ही सामना कर रहे आर्थिक आपातकाल से निपटने की उसकी क्या् योजना है। इस पोस...

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येस बैंक: एक संकट का गहन विश्‍लेषण

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में हाल के वर्षों में सामने आई धोखाधड़ी और असफलताओं की पूरी श्रृंखला, बैंकिंग पर्यवेक्षण की कमजोरियों को दर्शाती है। इस पोस्ट में, पांडे और प्रियदर्शिनी यह तर्क देते हैं कि रिज़...

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बच्‍चों के स्वास्थ्य पर कोयले का प्रभाव: भारत के कोयला विस्तार से साक्ष्य

हाल के वर्षों में, भारत में कोयले से हो रहे बिजली उत्पादन में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह लेख भारत में कोयले से होने वाले बिजली उत्पादन से बच्‍चों के स्वास्थ्य और मानव संसाधन पर पड़ने वाले प्रभावों ...

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महिलाओं का कितना नुकसान? भारत में निजी स्कूलों में नामांकन का विश्लेषण

सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति और निजी स्कूलों की स्‍पष्‍ट दक्षता को देखते हुए, भारतीय माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना तेज़ी से बढ़ रहा है। यह आलेख 2005-2012 के दौरान 7-18 वर्ष की ...

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भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में मानव विकास

मानव विकास के मानकों में हो रहे परिवर्तनों को मापने से हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था और मानव कल्‍याण में किस तरह के बदलाव आ रहे है। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के मानव विकास...

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ग्रामीण भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी में गिरावट: आपूर्ति पक्ष

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी के कम दर, ग्रामीण क्षेत्रों की विवाहित महिलाओं पर केंद्रित है। यह कॉलम सुझाव देता है कि आंशिक ...

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जलवायु क्षति के लिए अनुकूलन - विकासशील देशों के लिए वरदान या अभिशाप?

जलवायु पर अलग-अलग देशों की प्रतिबद्धताओं से यह साफ है कि पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के ऐसे स्तर का सामना करने वाली है जिसकी सीमा सहनीय जलवायु नुकसान पहुंचाने वाले स्तर से काफी ऊपर होगी। और आगे चल के ...

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केंद्रीय बजट 2020 और भारत का आर्थिक भविष्य

इस पोस्ट में, निर्विकार सिंह ने यह चर्चा की है कि हम हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट से भारत की अर्थव्यवस्था की संभावित दिशा के बारे में क्या जान सकते हैं। वे कहते हैं कि, हालांकि भारत की अर्थव्यवस्थ...

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आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20: यह कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान कैसे करेगा?

इस वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण, जोकि वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि दस्तावेज है, हाल ही में संसद में पेश किया गया था। यह ऐसे वक्त में आया है जिसमे भारत आर्थिक मंदी और ग्रामीण तंगी के दौर से गुजर रहा है। इस ...

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