मम्मी-जी को मनाना : भारत में परिवार नियोजन के लिए सास की स्वीकृति
भारत में हर साल 11 अप्रैल को, जो कस्तूरबा गाँधी की जयन्ती होती है, राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मानाने का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर चरणों में माताओं के ...
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S Anukriti
Catalina Herrera-Almanza
Mahesh Karra
Rocío Valdebenito
11 अप्रैल, 2025
- लेख
राज्यों की सब्सिडी का बढ़ता बोझ
भारत में राज्य सरकारों द्वारा नागरिकों को कल्याणकारी लाभ पहुँचाना अक्सर ‘सब्सिडी’ के रूप में जाना जाता है। इस लेख में वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच की अवधि के लिए भारत के सात राज्यों के बजटीय डेटा का...
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Kishan Narayan
08 अप्रैल, 2025
- लेख
एएसईआर 2024: महामारी के बाद के सुधार से कहीं बेहतर
गत कई वर्षों की ही भाँति शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) 2024 में भारत के लगभग सभी ग्रामीण जिलों से बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति, उनके पठन और अंकगणित के स्तर के बारे में रिपोर्ट प्रस्तु...
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Wilima Wadhwa
03 अप्रैल, 2025
- दृष्टिकोण
लिंग आधारित हिंसा के लिए मौत की सजा: एक टूटी हुई व्यवस्था के लिए अस्थाई समाधान
2018 में, भारत सरकार ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोकसो) अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता में संशोधन किया है, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा ...
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Shreeradha Mishra
05 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
उषारमुक्ति परियोजना: नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए संस्थानों का संगम
पश्चिम बंगाल सरकार की एक परियोजना ‘उषारमुक्ति’ को राज्य के पश्चिमी हिस्से में नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि मिट्टी और पानी के संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत जल विभाजक ...
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Ashwini Kulkarni
30 जनवरी, 2020
- दृष्टिकोण
भारतीय संसद में, प्रतिनिधित्व के बारे में ‘प्रश्नकाल’ क्या बता सकता है?
क्या अपने समूह के हितों का एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के लिए किसी विशेष सामाजिक पृष्ठभूमि से भारतीय सांसदों का संख्यात्मक प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है? पिछले 20 वर्षों के संसद में सांसदों द...
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Saloni Bhogale
22 जनवरी, 2020
- लेख
बच्चों के अभियान द्वारा एक गाँव को नशा-मुक्त बनाने की यात्रा
केवल दो वर्षों में, महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक स्कूल के छात्रों और उनके शिक्षक के प्रयासों ने पूरे गांव के शराब की लत को समाप्त कर दिखाया। इस नोट में, शिरीष खरे ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गा...
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Shirish Khare
21 जनवरी, 2020
- लेख
चुनावी चक्र और अपूर्ण लोक निर्माण परियोजनाएं: भारत में एमपीएलएडी योजना का विश्लेषण
सरकारों द्वारा आरंभ किए गए लोक निर्माण कार्यक्रमों का सफल निष्पादन अक्सर स्थानीय स्तर की ऐसी अनेक प्रकार की परियोजनाओं के पूर्ण होने पर निर्भर करता है जिन्हें नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व...
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Jonathan Darsey
Anjali Thomas
17 जनवरी, 2020
- लेख
प्रारंभिक जीवन और वायु प्रदूषण से संपर्क: भारत में बच्चों पर प्रभाव
भारत की आधी से ज्यादा आबादी ऐसी हवा में सांस लेती है जिसमें पीएम 2.5 की मात्रा राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों द्वारा तय किए गए वार्षिक सीमा से ज्यादा है। इस लेख में जियो-कोडेड जनसांख्यिकी और भा...
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Kunal Bali
Sourangsu Chowdhury
Sagnik Dey
Prachi Singh
15 जनवरी, 2020
- लेख
क्या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने बिहार में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग में सुधार किया है?
बिहार सामाजिक-आर्थिक रूप से एक पिछड़ा राज्य है जिसका मातृ और बाल स्वास्थ्य सूचकों के संबंध में रिकॉर्ड लगातार खराब रहा है। यह लेख, स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय पतिदर्श सर्वेक्षणों के आंकड़ों के आधार पर इस त...
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Saswata Ghosh
Zakir Husain
10 जनवरी, 2020
- लेख
स्कूल में मूल्यवर्धन-प्रयोगशाला की बदौलत ग्रामीणों ने बनाया बगीचा
महाराष्ट्र के जिला कोल्हापुर के वालवे खुर्द में स्थित एक प्राथमिक स्कूल के छत्रों और शिक्षकों ने पर्यावरण के मुद्दे को पुस्तकों से बाहर निकाला और व्यवहारिक रुप से अपनाया। इस नोट में, शिरीष खरे ने स्कू...
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Shirish Khare
08 जनवरी, 2020
- फ़ील्ड् नोट
उनसे ज्यादा अंधा कोई और नहीं जो देखना हीं नहीं चाहते
भारत सरकार के आंकड़ों के आधार पर, भारत के अर्थशास्त्रियों ने और सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर दो विपरीत आख्यान स्थापित किए हैं। इस पोस्ट में, प्रणव सेन ने इस दो आख्यानों के बीच के अंतर पर प्...
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Pronab Sen
02 जनवरी, 2020
- लेख
अकालपक्वता: भारत में स्कूली शिक्षा पर जल्द माहवारी होने का प्रभाव
सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भों में, लड़कियों की माहवारी के शुरुआत का प्रतिकूल प्रभाव उनके शिक्षा पर पड़ता है। इस लेख में चर्चा की गई है कि 12 साल की उम्र से पहले माहवारी की शुरुआत के कारण स्कूल नामां...
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Madhulika Khanna
20 दिसंबर, 2019
- लेख
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: सेवा वितरण एवं पहुंच से संबंधित मुद्दे और उनमें अंतराल
यह ध्यान में रखते हुए कि 79% ग्रामीण भारतीय घरों में महिलाओं को घर के अंदर स्वास्थ्य के लिए खतरा है क्योंकि वे अभी भी खाना पकाने के लिए परंपरागत प्रदूषण फैलाने वाले ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर हैं, प्रधान...
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Rahul Ranjan
18 दिसंबर, 2019
- दृष्टिकोण
आरसीईपी व्यापार समझौता – मौका छोड़ दिया गया?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और इसके मुक्त-व्यापार भागीदारों के बीच क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (रीजनल कोंप्रिहेंसिव इकनॉमिक पार्टनर्शिप -...
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Sarthak Agrawal
Madhav Malhotra
13 दिसंबर, 2019
- दृष्टिकोण