लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की ओर बढ़ते पहिए
भारत के बिहार और ज़ाम्बिया के ग्रामीण इलाके में, सरकार ने किशोरियों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल प्रदान करके शिक्षा में लैंगिक अंतर को दूर करने के कार्यक्रम शुरू किए। इस लेख में, इन पहलों के तात्काल...
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Vagisha Pandey
Sahil Pawar
Nishith Prakash
13 मार्च, 2025
- लेख
गतिशीलता के माध्यम से लैंगिक असमानता से लड़ना : दिल्ली की ‘पिंक टिकट’ योजना का आकलन
आवागमन में व्याप्त लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना की शुरुआत की। शहर में महिला यात्रियों के एक सर्वेक्षण के आधार पर, निशा...
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Nishant .
Archana Singh
11 मार्च, 2025
- फ़ील्ड् नोट
महिलाओं के कार्यबल की क्षमता को बढ़ाना
शैक्षिक उपलब्धि और स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढाने में भारत पीछे है, जिसके चलते तेज़ और समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य बाधित हो रहा है। इस लेख मे...
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Aakash Dev
Ratna Sahay
06 मार्च, 2025
- लेख
बैंकिंग संकट का भारत की अर्थव्यवस्था पर असर
पिछले पांच वर्षों में, भारतीयों बैंकों के नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट (एनपीए) अर्थात डूबे हुए कर्ज की रकम में काफी वृद्धि हुई है। इन नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट के साथ निवेश वृद्धि दर में भी तेज गिरावट दर्ज की गयी ...
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Rajeswari Sengupta
Harsh Vardhan
11 नवंबर, 2019
- दृष्टिकोण
दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में नीतिगत झटकों से निपटना: विश्वसनीयता के निर्धारक तत्व के रूप में सामाजिक नेटवर्क
सामाजिक नेटवर्क में विश्वसनीयता एवं भागीदारी एक दूसरे से अंतरनिहित रूप से परस्पर संबंधित हैं। यह आलेख दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में विश्वसनीयता के निर्धारक तत्वों को चिह्नित करता है, जहां विश्...
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Anne Hilger
Christophe Jalil Nordman
06 नवंबर, 2019
- लेख
क्या कम खर्च और विकल्प देकर गोवा को प्लास्टिक-मुक्त बनाया जा सकता है
प्लास्टिक-प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखकर समुद्री विशेषज्ञों को आशंका है कि वर्ष 2050 तक समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक होगा। इस फील्ड नोट में शिशिर खरे ने गोवा में हो रहे प्लास्टिक-प्रदूषण के ...
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Shirish Khare
31 अक्टूबर, 2019
- फ़ील्ड् नोट
आरटीई के 25% के अधिदेश के तहत विद्यालय के विकल्पों को समझना
शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत गैर-अल्पसंख्यक दर्जे के निजी विद्यालयों द्वारा समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के लिए कम से कम 25% सीट आरक्षित किया जाना अनिवार्य है। यह लेख अहमदाबाद ...
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Ambrish Dongre
Ankur Sarin
Karan Singhal
29 अक्टूबर, 2019
- लेख
स्वच्छ भारत मिशन से क्या बदलाव नहीं आए
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की 5वीं वर्षगांठ पर, कॉफ़ी और स्पीयर्स ने अपने एक फील्ड सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर चर्चा की है। यह सर्वेक्षण पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण उत...
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Diane Coffey
Dean Spears
24 अक्टूबर, 2019
- दृष्टिकोण
सरकारी योजनाओं के लिए आधार...कितना निराधार?
कल्याणकारी योजनाओं और नकदी हस्तांतरण (ट्रांस्फर) को आधार भुगतान प्रणालियों से जोड़ने के लिए बैंक खातों को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया के कारण जमीनी स्तर पर काफी अव्यवस्था हुई। इस नोट में, निकलस वैग्न...
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Sakina Dhorajiwala
Niklas Wagner
17 अक्टूबर, 2019
- फ़ील्ड् नोट
सस्ते घर की योजनाओं के घरेलू स्तर परप्रभाव: मुंबई से प्रमाण
भारत के सभी प्रमुख शहरों में निम्न-मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए सब्सिडी वाले घरों की बिक्री से जुड़े कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इस लेख में मुंबई में लॉटरी के माध्यम से कार्यान्वित एक ऐसे कार्यक्रम के...
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Tanu Kumar
09 अक्टूबर, 2019
- लेख
शौचालय तक पहुँच और महिलाओं की सार्वजनिक सुरक्षा
भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण भारत में शौचालय युक्त घरों का अनुपात वर्ष 2019 तक 38.8% से बढ़ाकर 100% करने का था। महाजन और सेखरी ...
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Kanika Mahajan
Sheetal Sekhri
02 अक्टूबर, 2019
- लेख
क्या राजनेताओं को अदालतों में विशेष ख्याल मिलता है?
क्या लंबित आपराधिक मामलों में विधानसभाओं के सदस्यों (विधायकों) को भारतीय कानूनी प्रणाली में विशेष ख्याल मिलता है? यह अनुच्छेद राज्य के सत्ताधारी दल के साथ राजनीतिक संरेखण के आधार पर, पद हासिल करने के ...
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Rubén Poblete-Cazenave
27 सितंबर, 2019
- लेख
क्या भारतीय मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों के कार्यालय में रहते हुए उनकी संपत्ति में वृद्धि होता देख फर्क पड़ता है?
राजनेताओं के लिए वित्तीय सूचनाओं की जानकारी देने की आवश्यकता के तहत अपनी परिसंपत्तियों की घोषणाएं करना पूरी दुनिया में आम बात होती जा रही है। भारत में वित्तीय घोषणाएं राजनीतिक पद के लिए उम्मीदवारी की ...
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Simon Chauchard
S.P. Harish
Marko Klašnja
18 सितंबर, 2019
- लेख
अभिभावक लड़कियों की शिक्षा में निवेश क्यों करते हैं? ग्रामीण भारत से प्रमाण
ग्रामीण राजस्थान में किशोरियां अक्सर कम उम्र में पढ़ना छोड़ देती हैं और कम उम्र में हीं उनकी शादी भी हो जाती है। इस आलेख में बेटी की शिक्षा और विवाह की उम्र के बारे में औसत अभिभावक की पसंदों, तथा विवाह ...
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Abigail Adams
Alison Andrew
11 सितंबर, 2019
- लेख
डॉ. प्रणव सेन का पी.टी.आई. भाषा के साथ देश की आर्थिक सुस्ती पर साक्षात्कार
भारत के वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहले तिमाही के रिपोर्ट आने से यह ज्ञात हो रहा है कि कई कारणों से देश आर्थिक सुस्ती से गुज़र रहा है। इस बढ़ती हुई आर्थिक सुस्ती के ऊपर डॉ प्रणव सेन का कहना है कि देश की सर...
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Pronab Sen
04 सितंबर, 2019
- दृष्टिकोण