क्या शिक्षा से जलवायु कार्रवाई की प्रेरणा मिल सकती है?
हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है जो पर्यावरण की रक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैश्विक आंदोलन है। जलवायु संकट के और भी गंभीर होने के साथ ही, आज पृथ्वी के ...
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Surayya Masood
Shwetlena Sabarwal
22 अप्रैल, 2025
- दृष्टिकोण
‘ब्रिंग-ए-फ्रेंड’: महिलाओं के प्रजनन अधिकार में सुधार के लिए वित्तीय और साथी के समर्थन का लाभ उठाना
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के सन्दर्भ में प्रस्तुत दो आलेखों की श्रृंखला के इस दूसरे लेख में उन परिणामों पर प्रकाश डाला गया है, जिनसे पता चलता है कि अगर महिलाओं के साथी उनके साथ हों तो उनके परिवा...
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S Anukriti
Catalina Herrera-Almanza
Mahesh Karra
Rocío Valdebenito
16 अप्रैल, 2025
- लेख
मम्मी-जी को मनाना : भारत में परिवार नियोजन के लिए सास की स्वीकृति
भारत में हर साल 11 अप्रैल को, जो कस्तूरबा गाँधी की जयन्ती होती है, राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे मानाने का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर चरणों में माताओं के ...
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S Anukriti
Catalina Herrera-Almanza
Mahesh Karra
Rocío Valdebenito
11 अप्रैल, 2025
- लेख
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: वित्तपोषण के लिए करों की जांच-पड़ताल अत्यंत महत्वपूर्ण
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के पूर्व नैशनल फैलो प्रोफेसर एस. सुब्रामनियन ने आय अंतरण योजना को समायोजित करने के लिए बढ़े कराधान और वांछित वृद्धि के संभावित स्तर के लिए कुछ अनुमान करने के प्रश्न...
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S. Subramanian
22 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के विस्तार को प्राथमकिता
आइजीसी इंडिया के कंट्री डायरेक्टर डॉ. प्रोनाब सेन का तर्क है कि यह देखते हुए कि अधिकांश गरीबी उच्च निर्भरता अनुपातों के कारण हैं – पहली प्राथमिकता वर्तमान सामाजिक सुरक्षा का विस्तार होना चाहिए जिसमे ब...
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Pronab Sen
20 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: गरीबी के दीर्घकालिक समाधान के बजाय उपयोगी 'प्राथमिक उपचार'
लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मैत्रीश घटक का तर्क है कि न्याय द्वारा जिस तरह के नकद अंतरण के बारे में सोचा गया है, उससे जीवन निर्वाह के हाशिए पर जी रहे गरीब लोगों को कुछ राहत और स...
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Maitreesh Ghatak
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: बहुआयामी गरीबी से निपटने का साधन
प्रगति अभियान की निदेशक अश्विनी कुलकर्णी इस विचार को सामने रखती हैं कि न्याय जैसे बिना शर्त आय अंतरण कार्यक्रम से बहुआयामी गरीबी की समस्या हल करने और गरीबों के सबसे असुरक्षित हिस्से को जिंदा रहने से आ...
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Ashwini Kulkarni
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: सही लक्ष्यीकरण करना
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डीएगो में अर्थशास्त्र के टाटा चांसलर्स प्रोफेसर कार्तिक मुरलीधरन ने न्याय के तहत देश में सबसे गरीब 20 प्रतिशत प्रखंडों (ब्लॉक्स) को लक्षित करने की और उन क्षेत्रों में न...
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Karthik Muralidharan
16 मई, 2019
- दृष्टिकोण
'न्याय' विचार-गोष्ठी: न्याय से अन्याय न हो
रांची विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज़ ने भारत में सामाजिक सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में ‘न्याय’ की भूमिका पर चर्चा की है और इस योजना के लिए कुछ संभावित सिद्धांत प्रस्तावित किए हैं।...
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Jean Drèze
14 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: न्याय का संभावित मैक्रोइकोनॉमिक प्रभाव
आईडीएफसी इंस्टिट्यूट के रिसर्च डायरेक्टर और सीनियर फेलो निरंजन राजाध्यक्ष का तर्क है कि न्याय की अनुमानित लागत काफी है और योजना के राजकोषीय बोझ के बारे में चिंतित होने के पर्याप्त कारण हैं। इसके अलावा...
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Niranjan Rajadhyaksha
13 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: यूनिवर्सल बेसिक इनकम के एक अनुपूरक का पक्ष
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर प्रनब बर्धन ने एक आय अनुपूरक के पक्ष में तर्क दिए हैं, लेकिन वह जो सबको उपलब्ध हो।...
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Pranab Bardhan
10 मई, 2019
- दृष्टिकोण
विचार-गोष्ठी की प्रस्तावना: कांग्रेस के 'न्याय' का विश्लेषण
जारी संसदीय चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में की गई एक बड़ी घोषणा न्यूनतम आय की गारंटी के प्रस्ताव – न्यूनतम आय योजना (न्याय) की है। इस विचार गोष्ठी में भरत रामास्वामी (अशोका विश्वविद्यालय), ...
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Ashok Kotwal
08 मई, 2019
- विचार-गोष्ठी
‘न्याय' विचार-गोष्ठी: नकद अंतरण नीतियों से संबंधित चार चिंताएं
भरत रामास्वामी (अशोका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर) ने अतिरिक्त नकद अंतरण (ऍड-ऑन कैश ट्रांसफर) के बतौर ‘न्याय' के क्रियान्वयन में चार प्रकार की आपत्तियों पर चर्चा की है। उनका तर्क है कि प...
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Bharat Ramaswami
08 मई, 2019
- दृष्टिकोण
अपनों को मताधिकार? मतदान अधिकारी की पहचान और चुनाव परिणाम
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का प्रावधान ऐसी लोक सेवा है जो निर्वाचित प्रतिनिधियों को जवाबदेह और प्रतिक्रियाशील बनाए रखने के लिहाज से बहुत ज़रूरी है। इस आलेख में मतदान केंद्रों के प्रशासन की छानबीन की ग...
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Yusuf Neggers
02 मई, 2019
- लेख
चुनावी धोखाधड़ी, लोकतंत्र, और विकास पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रभाव
चुनावी गड़बडि़यों पर नियंत्रण रखने के प्रयास में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा 1990 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग शुरू किया गया था। इस लेख में राज्यों की विधान सभाओं के 1...
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Sisir Debnath
25 अप्रैल, 2019
- लेख