आप्रवासन नीति सम्बन्धी अनिश्चितता श्रम बाज़ारों को प्रभावित करती है
राष्ट्रपति ट्रम्प के फिर से चुने जाने से एच-1बी वीज़ा सम्बन्धी नीतियों पर बहस फिर से शुरू हो गई है, यह एक अस्थाई उच्च कौशल कार्य वीज़ा है जिसमें 70% वीज़ा भारतीयों के पास हैं। इस लेख में, वर्ष 2016 मे...
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Ritam Chaurey
Kanika Mahajan
Shekhar Tomar
21 जनवरी, 2025
- लेख
प्रतिस्पर्धी नौकरियों की खोज : कम शेयरिंग से कंपनियों का नुकसान
श्रम बाज़ार में नौकरियों और कर्मचारियों के सही तालमेल के लिए यह ज़रूरी है कि नौकरी पोस्टिंग की जानकारी उपयुक्त नौकरी खोजने वालों तक पहुँचे। हालांकि इस सम्बन्ध में सोशल नेटवर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते...
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Gaurav Chiplunkar
Erin M. Kelley
Gregory Lane
16 जनवरी, 2025
- लेख
भीख मांगने का अर्थशास्त्र
अनौपचारिक अनुमानों से पता चलता है कि दुनिया की 60% आबादी भिखारियों को भीख देती है। इस लेख में एक आर्थिक गतिविधि के रूप में भीख मांगने का सैद्धांतिक और अनुभवजन्य विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। दिल्ली म...
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Samreen Malik
Nishtha Sharma
14 जनवरी, 2025
- लेख
कौशल निर्माण और उत्पादक रोजगार तक महिलाओं की पहुँच को बढ़ाना
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर फ़रज़ाना अफरीदी ने महिलाओं के लिए अच्छी नौकरियों के निर्माण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे – कौशल के प्रावधान के बारे में चर्चा की है। वे महिलाओं के कौशल प्रशिक्षण ह...
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Farzana Afridi
08 मार्च, 2023
- दृष्टिकोण
75 वर्षों के योजनाबद्ध विकास के बाद आदिवासी आजीविका की स्थिति
भारत में आदिवासी समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने हेतु सतत प्रयास किये जाने के बावजूद, यह समुदाय सबसे वंचितों में से एक रहा है। चौधरी एवं घोष ने इस लेख में झारखंड तथा ओडिशा में रहने वाले आदिवासी समाज की ...
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Dibyendu Chaudhuri
Parijat Ghosh
02 मार्च, 2023
- लेख
क्या ग्रामीण उत्तर भारत में अभी भी खुले में शौच प्रचलित है?
स्वच्छ भारत मिशन के बाद चार फोकस वाले राज्यों में प्रचलित खुले में शौच को समझने की कोशिश में, व्यास और गुप्ता एनएफएचएस-5 के निष्कर्षों का मूल्यांकन करते हैं। वे पाते हैं कि पारिवारिक स्तर पर एकत्र किए...
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Aashish Gupta
Sangita Vyas
23 फ़रवरी, 2023
- लेख
मानव और पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य किस प्रकार से आपस में जुड़े हुए हैं: भारत में गिद्धों की संख्या में गिरावट से साक्ष्य
भारत के किसान परंपरागत रूप से अपने मृत मवेशियों के शवों के निपटान हेतु गिद्धों पर भरोसा करते आये हैं। किन्तु आकस्मिक विषाक्तता के चलते भारत में गिद्धों की संख्या कम हो जाने के कारण मृत मवेशियों के शवो...
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Eyal Frank
Anant Sudarshan
16 फ़रवरी, 2023
- लेख
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु आरक्षण को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित करने की चुनौतियाँ
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार आरक्षित श्रेणियों के सदस्यों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के दायरे से बाहर कर दिया गया है। आयगुन, तुरहान और येनमेज़ इस निर्णय के निहितार्थों ...
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Orhan Aygün
Bertan Turhan
M. Bumin Yenmez
31 जनवरी, 2023
- दृष्टिकोण
गवर्नेंस मैट्रिक्स: बदलाव हेतु सिस्टम की तैयारी को समझना
आदर्श परिणामों की अपेक्षा और किसी अपूर्ण प्रणाली की वास्तविकता के बीच के अंतर को स्पष्ट करने हेतु गौरव गोयल ने ‘गवर्नेंस मैट्रिक्स’ नामक एक ऐसा साधन प्रस्तुत किया है जिसका उपयोग सरकारी पहलों को सफलताप...
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Gaurav Goel
25 जनवरी, 2023
- दृष्टिकोण
मजदूरों का एक विभाजन: भारत में जाति की पहचान और कार्य कुशलता
भारत में जातियाँ कुछ व्यवसायों से निकटता से सम्बद्ध हैं और ये लाखों लोगों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करती हैं। इस अध्ययन में एक नए डेटासेट का उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया है कि अभी भी...
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Guilhem Cassan
Daniel Keniston
Tatjana Kleineberg
10 जनवरी, 2023
- लेख
वास्तविकताओं का प्रतिबिंब: महिला सूक्ष्म उद्यमियों की नज़र से डिजिटल टेक्नॉलजी
महामारी के दौरान भौतिक बाजारों से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक हुए बाजारों के विस्तार के कारण भारत में पहले से मौजूद डिजिटल लैंगिक विभाजन और भी बढ़ गया है। ऑटो-फ़ोटोग्राफ़ी का तरीका अपनाते हुए, सेवा भार...
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Aneysha Roy
03 जनवरी, 2023
- फ़ील्ड् नोट
राजनीतिक पद का समय और बेईमानी में लैंगिक अंतर: स्थानीय राजनीति से प्राप्त साक्ष्य
राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक होना वर्तमान साहित्य में कम भ्रष्टाचार का संकेत माना गया है | ईमानदारी को एक अंतर्निहित या स्थिर चरित्र विशेषता के रूप में देखा जाता है। हालाँकि, पश्चिम बंगाल मे...
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Ananish Chaudhuri
Vegard Iversen
Francesca R. Jensenius
Pushkar Maitra
20 दिसंबर, 2022
- लेख
संकट के दौरान फर्मों के राजनीतिक संबंधों की भूमिका
शोध कहता है कि आर्थिक संकट की स्थिति में किसी फर्म के लिए राजनीतिक संबंध मायने रखते हैं। इस लेख में, भारत में फर्मों के राजनीतिक कनेक्शन के बारे में एक अद्वितीय डेटा सेट के माध्यम से पाया गया कि दुर्ल...
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Yutong Chen
Gaurav Chiplunkar
Sheetal Sekhri
Anirban Sen
Aaditeshwar Seth
15 दिसंबर, 2022
- लेख
विद्युत अधिनियम में संशोधन: सजग दृष्टिकोण की आवश्यकता
विद्युत अधिनियम, 2003 में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन कुछ विधायी परिवर्तनों के साथ लगभग दो दशकों के बाद आया है। इस लेख में, दीक्षित और जोसे बिजली क्षेत्र के विकास- विशेष रूप से उस समय के दौरान प्रौद्...
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Shantanu Dixit
Ann Josey
08 दिसंबर, 2022
- लेख
भारत में माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच से संबंधित चुनौतियां
भारत की नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्ष 2030 तक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच की परिकल्पना की गई है। हालांकि, प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन अधिक होने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच कम रही है।...
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Mridusmita Bordoloi
Sharad Pandey
01 दिसंबर, 2022
- लेख