प्रतिस्पर्धी नौकरियों की खोज : कम शेयरिंग से कंपनियों का नुकसान
श्रम बाज़ार में नौकरियों और कर्मचारियों के सही तालमेल के लिए यह ज़रूरी है कि नौकरी पोस्टिंग की जानकारी उपयुक्त नौकरी खोजने वालों तक पहुँचे। हालांकि इस सम्बन्ध में सोशल नेटवर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते...
- Gaurav Chiplunkar Erin M. Kelley Gregory Lane
- 16 जनवरी, 2025
- लेख
भीख मांगने का अर्थशास्त्र
अनौपचारिक अनुमानों से पता चलता है कि दुनिया की 60% आबादी भिखारियों को भीख देती है। इस लेख में एक आर्थिक गतिविधि के रूप में भीख मांगने का सैद्धांतिक और अनुभवजन्य विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। दिल्ली म...
- Samreen Malik Nishtha Sharma
- 14 जनवरी, 2025
- लेख
वर्ष 2024 पर एक नज़र
नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं! हिंदी भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और एक प्रकार से यह सम्पर्क सूत्र का काम भी करती रही है। इस महत्व को समझते हुए आई4आई के पोर्टल पर काफी स...
- I4I Team
- 10 जनवरी, 2025
- संपादक कॉर्नर
भारत में बीमा: प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना की लक्ष्यीकरण संबंधी समस्या
भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम गरीब और कमजोर आबादी पर लक्षित है जो कम से कम चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने में सक्षम होंगे। तथापि, इस लेख में छाबड़ा और स्मिथ दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय और राज्...
- Sheena Chhabra Owen Smith
- 16 नवंबर, 2022
- लेख
एमएसएमई को जमानती (कोलेटरल) ऋण दिए जाने से जुड़ा कम उत्पादकता जाल
महामारी के दौरान एमएसएमई को दिए गए बैंक ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। इस लेख में, हर्ष वर्धन ने इस वृद्धि के संभावित चालक के रूप में बैंक ऋणों की सरकारी गारंटी के बारे में चर्चा की है। वह जमानती...
- Harsh Vardhan
- 10 नवंबर, 2022
- लेख
भारत में पार्टी प्राथमिकताएं और रणनीतिक मतदान
अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव परिणामों का सटीक अंदाजा लगाने हेतु ठोस जानकारी उपलब्ध न होने के कारण कई मतदाता मानते हैं कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार जीत जाएगा। वर्ष 2017 में उत्तर-प्रदेश में हुए विधानसभ...
- Oliver Heath Adam Ziegfeld
- 03 नवंबर, 2022
- लेख
एनबीएफसी किस प्रकार से एमएसएमई वित्त की पुनर्रचना कर रहे हैं
हालांकि भारत के एमएसएमई में 99% से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यम शामिल हैं, उन्हें बैंक ऋण का अपेक्षाकृत कम अनुपात प्राप्त होता है। चंद्रा और मुथुसामी पिछले दो दशकों में एमएसएमई को उधार किस प्रकार से विकस...
- Rohit Chandra Nishanth Muthusamy
- 24 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
उच्च स्कोरिंग लेकिन गरीब: उच्च शिक्षा में प्रतिभा का गलत आवंटन
जैसे-जैसे कॉलेज शिक्षा में श्रम बाजार के लाभों में बढ़ोतरी हुई है, अब पहले से कहीं अधिक युवको को किसी न किसी प्रकार की उच्च शिक्षा प्राप्त हो रही है। फिर भी, गरीब सामाजिक आर्थिक स्थिति के बच्चों की कॉ...
- Andres Yi Chang Jishnu Das Abhijeet Singh
- 20 अक्टूबर, 2022
- लेख
क्या भारत में निर्यात-उन्मुख विनिर्माण मॉडल के दिन लद गए हैं?
भारत अपनी तेजी से बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी हेतु अच्छी तनख्वाह वाली लाखों नौकरियां सृजित करने की चुनौती का सामना कर रहा है, अतः देवाशीष मित्र विश्लेषण करते हैं कि कौन-से क्षेत्र और किस प्रकार की रणन...
- Devashish Mitra
- 10 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
बुढ़ापे का भविष्य
भारत में बुजुर्गों के लिए सार्वजनिक सहायता के व्यापक स्तर पर विस्तार की आवश्यकता है। ड्रेज़ और डफ्लो इस लेख में तर्क देते हैं कि इसकी अच्छी शुरुआत निकट-सर्वव्यापक सामाजिक सुरक्षा पेंशन से हो सकती है। ...
- Jean Drèze Esther Duflo
- 07 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
अच्छी नौकरियां सुनिश्चित कराने में शहरों की भूमिका
भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण के मद्देनजर, राणा हसन उन विभिन्न कारकों पर प्रकाश डालते हैं जो बड़े शहरों को छोटे नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करते हैं: रोजगार के अधिक अवसर, अधिकतम मजदूरी, बड़े व...
- Rana Hasan
- 28 सितंबर, 2022
- दृष्टिकोण
इल्लम थेडी कलवी: कोविड के बाद की शिक्षा के लिए एक बूस्टर शॉट
कोविड -19 महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण हुए शिक्षण के नुकसान की चिंताओं के बीच, तमिलनाडु के एक स्वयंसेवक-आधारित शिक्षा कार्यक्रम - इल्लम थेडी कलवी (आईटीके) – ने सीखने की खाई को पाटने में महत...
- Sarthak Agrawal
- 23 सितंबर, 2022
- फ़ील्ड् नोट
विकासशील देशों में उन्नति से जुड़ी बाधाएं
हाल के दशकों में, उन्नत विश्व प्रौद्योगिकियों को अपनाये जाने से मदद मिलने के कारण कुछ हद तक कई देशों में तेजी से विकास हुआ है। इस लेख में, एरिक वरहोजेन ने उन कारकों के बारे में चर्चा की है जो विकासशील...
- Eric Verhoogen
- 20 सितंबर, 2022
- दृष्टिकोण
वित्तीय पहुंच परिवारों में महिलाओं की निर्णय लेने की भूमिका को कैसे प्रभावित करती है
महिलाओं को वित्तीय सहायता तक पहुंच प्रदान करने वाले सरकारी कार्यक्रमों द्वारा दी जाने वाली सहायता अक्सर इतनी कम होती है कि जिससे महिलाओं की उनके परिवार में आर्थिक स्थिति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं ...
- Anjini Kochar C. S. Nagabhusana Ritwik Sarkar Rohan Shah Geeta Singh
- 16 सितंबर, 2022
- लेख
श्रम प्रतिबंधों में ढील का प्रभाव: राजस्थान में रोजगार से संबंधित साक्ष्य
भारत में कड़े श्रम कानून फर्मों के विकास में बाधा डाल सकते हैं और अनौपचारिक एवं अनुबंध वाले रोजगार बढ़ा सकते हैं। यह लेख, औद्योगिक विवाद अधिनियम (आईडीए) में संशोधन के बाद राजस्थान में स्थित फर्मों से ...
- Sarur Chaudhary Siddharth Sharma
- 13 सितंबर, 2022
- लेख