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हिन्दी अनुभाग

आज कितने भारतीय गरीब हैं?

  • दृष्टिकोण

ऋण बाज़ार में सकारात्मक कार्रवाई : क्या इससे अल्पसंख्यक कल्याण में बढ़ोतरी होती है?

धार्मिक अल्पसंख्यकों के कल्याण में सुधार के लिए भारत सरकार के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, वर्ष 2009 में वाणिज्यिक बैंकों को इन समूहों को दिए जाने वाले ऋण बढ़ाने के निर्देश दिए। यह लेख दर्शाता है क...

  • लेख

भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में उप-अनुबंध लिंकेज

अनौपचारिक उद्यमों के विकास को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ी फर्मों के साथ उनके उप-अनुबंध लिंकेज को महत्वपूर्ण माना गया है। इस लेख में वर्ष 2001-2016 के दौरान भारतीय अनौपचारिक विनिर्माण से संबंधित र...

  • लेख

भारत में स्कूली पाठ्य पुस्तकों में व्याप्त लैंगिक पूर्वाग्रह का विश्लेषण

शिक्षक का पुस्तकों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण प्रणालियों, नई पीढ़ियों, नवाचार और समाज से अंतरंग सम्बन्ध है। शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर को प्रस्तुत इस शोध आलेख में शिक्षकों की नहीं अपितु पाठ्य पुस्तकों के एक संवे...

  • लेख
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क्या ओबीसी हेतु आरक्षण विकास के लिए अच्छा है?

सकारात्मक कार्रवाई के बारे में बहस हमेशा योग्यता बनाम सामाजिक न्याय के सवाल में घिरी रही है, और जाति-आधारित जनगणना किये जाने की चर्चा ने एक बार फिर से अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के आरक्षण से संबंधित ...

  • लेख

क्या ग्रामीण महिलाओं द्वारा फोन का उपयोग किये जाने से उनके प्रति लैंगिक मानदंडों में उदारता आती है?

भारत में मोबाइल नेटवर्क की बेहतर कनेक्टिविटी के बावजूद, महिलाओं की प्रौद्योगिकी तक पहुंच और उनके द्वारा इसके उपयोग के संबंध में लैंगिक पूर्वाग्रह अभी तक बने हुए हैं। इस लेख में, एक अध्ययन से प्राप्त प...

  • फ़ील्ड् नोट

भारत में बच्चों के टीकाकरण की समयबद्धता और उसका कवरेज

यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त में टीकाकरण उपलब्ध होने के बावजूद, विश्व के एक तिहाई बच्चों की मौतें भारत में जिन बीमारियों की रोकथाम वैक्सीन से हो सकत...

  • दृष्टिकोण

श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उनकी वित्तीय चिंताओं को दूर करना

वित्तीय बाधाओं का असर श्रमिकों की मानसिक स्थिति पर हो सकता है और इसके कारण कार्य के दौरान श्रमिक के अधिक विचलित रहने से उसकी उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। ओडिशा में छोटे पैमाने के निर्माण-उद्योग के श...

  • लेख

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: क्या बच्चे वापस स्कूल में जाने के लिए तैयार हैं?

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य' पर आयोजित की गई I4I ई-संगोष्ठी के पूर्व भाग में स्कूल बंद होने के कारण, विशेष रूप से हाशिए पर रहे और कमजोर समूहों से संबंधित बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले...

  • लेख

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देना

शांतनु मिश्रा (सह-संस्थापक और ट्रस्टी, स्माइल फाउंडेशन) चर्चा करते है कि कैसे कोविड के कारण सामाजिक आवागमन और सामाजिक कार्यकलापों पर लगे प्रतिबंध एवं घर में अनुकूल माहौल बनाने के लिए वयस्कों पर पूर्ण ...

  • दृष्टिकोण

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: "इन्फोडेमिक" से लड़ाई, एक समय में एक फोन कॉल

भारत में कोविड-19 के बारे में जानकारी संप्रेषित करने की नीतियों में मुख्य रूप से टेक्स्ट संदेश और फोन कॉल की शुरुआत में रिकॉर्ड किए गए वॉयस मैसेज शामिल हैं। कर्नाटक में गारमेंट श्रमिकों के किये गए एक ...

  • लेख

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: टेलीकाउंसलिंग के माध्यम से महिलाओं की मानसिक स्थिति में सुधार लाना

कोविड-19 जैसी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के कारण परिवार में निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति, देखभाल की अधिक जिम्मेदारियां, और जीवन-साथी द्वारा हिंसा के खतरे के चलते महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य की ...

  • लेख

कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: ई-संगोष्ठी का परिचय

कोविड-19 महामारी और इससे संबंधित लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा जिसके कारण सबसे कमजोर वर्गों को आजीविका, कमाई का नुकसान हुआ और उन्हें खाद्य असुरक्षा भी झेलनी पड़ी। यद्यपि इस महामार...

  • विचार-गोष्ठी

भारतीय राज्यों में जातिगत असमानता को मापना

हालांकि असमानता संबंधी हाल के शोध से पता चलता है कि उच्च जातियां भौतिक कल्याण की दृष्टी से बहुत आगे हैं, पूरे भारत में जातिगत असमानता में व्यापक भिन्नता है। जातिगत असमानता के तीन रूपों - परिणाम (आय), ...

  • लेख

श्रम-प्रधान उद्योगों में श्रमिकों की अनुपस्थिति का सामना करना

श्रम-प्रधान उद्योगों में श्रमिकों की अनुपस्थिति फर्मों की उत्पादकता में हानि का कारण बनती है, जिसके चलते श्रमिकों के लिए उत्पादकता-आधारित प्रोत्साहन की संभावना कम होती है। कर्नाटक में किये गए एक अध्यय...

  • लेख

क्या सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में वंचित समूहों के लिए आरक्षण (कोटा) उनके कल्याण को बढ़ावा दे सकता है?

सकारात्मक कार्रवाई संबंधी नीतियां विवादास्पद रही हैं क्योंकि कई लोगों का यह तर्क है कि इनके लाभ इन नीतियों से बाहर रखे गए लोगों के बदले में मिलते हैं और ये लाभ वंचित समूहों में से अभिजात वर्ग को असमान...

  • लेख