डिजिटल सपना: भारत को भविष्य के लिए कौशल-निपुण बनाना
कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन में आम होती जा रही प्रौद्योगिकी की गति को तेज कर दिया है, इसने एक बड़े डिजिटल विभाजन को भी उजागर किया है, जिससे भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस प्रतिमान बदलाव से बाहर...
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Venugopal Mothkoor
Fatima Mumtaz
16 जून, 2022
- दृष्टिकोण
जलवायु संबंधी अपने लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की प्रगति
जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत भारत का लक्ष्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक 33-35% तक कम करना है। मनीषा जैन ने ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ में प्रकाशित अपने प...
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Manisha Jain
05 जून, 2022
- लेख
भारतीय विनिर्माण उद्योग में हिंदू-मुस्लिम एकता और फर्म का उत्पादन- एक क्षेत्र प्रयोग से साक्ष्य
उपलब्ध प्रमाण दर्शाते हैं कि खराब सामाजिक संबंधों और श्रमिकों में पसंद-आधारित भेदभाव के चलते जातिगत विविधता फर्म के उत्पादन को कम कर सकती है। यह लेख, पश्चिम बंगाल के एक विनिर्माण संयंत्र में किये गए ए...
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Arkadev Ghosh
31 मई, 2022
- लेख
उनसे ज्यादा अंधा कोई और नहीं जो देखना हीं नहीं चाहते
भारत सरकार के आंकड़ों के आधार पर, भारत के अर्थशास्त्रियों ने और सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर दो विपरीत आख्यान स्थापित किए हैं। इस पोस्ट में, प्रणव सेन ने इस दो आख्यानों के बीच के अंतर पर प्...
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Pronab Sen
02 जनवरी, 2020
- लेख
अकालपक्वता: भारत में स्कूली शिक्षा पर जल्द माहवारी होने का प्रभाव
सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भों में, लड़कियों की माहवारी के शुरुआत का प्रतिकूल प्रभाव उनके शिक्षा पर पड़ता है। इस लेख में चर्चा की गई है कि 12 साल की उम्र से पहले माहवारी की शुरुआत के कारण स्कूल नामां...
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Madhulika Khanna
20 दिसंबर, 2019
- लेख
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: सेवा वितरण एवं पहुंच से संबंधित मुद्दे और उनमें अंतराल
यह ध्यान में रखते हुए कि 79% ग्रामीण भारतीय घरों में महिलाओं को घर के अंदर स्वास्थ्य के लिए खतरा है क्योंकि वे अभी भी खाना पकाने के लिए परंपरागत प्रदूषण फैलाने वाले ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर हैं, प्रधान...
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Rahul Ranjan
18 दिसंबर, 2019
- दृष्टिकोण
आरसीईपी व्यापार समझौता – मौका छोड़ दिया गया?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और इसके मुक्त-व्यापार भागीदारों के बीच क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (रीजनल कोंप्रिहेंसिव इकनॉमिक पार्टनर्शिप -...
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Sarthak Agrawal
Madhav Malhotra
13 दिसंबर, 2019
- दृष्टिकोण
प्रथम के साथ बैनर्जी और डुफ्लो का सफर
इस वर्ष अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो ने 20 वर्षों से भी अधिक समयतक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संस्थान ‘प्रथम’ के साथ कार्य किया है।सम...
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Rukmini Banerji
11 दिसंबर, 2019
- दृष्टिकोण
बार में शराब का सेवन और सार्वजनिक स्थान में महिलाओं की सुरक्षा का प्रबन्ध
बार ऐसे परिसर हैं जिनमें शराब प्रदान किया जाता हैं और सामाजिक रुप से शराब पीने के स्थान के रुप में जाने जाते हैं। 2014 में, केरल ने राज्य में शराब बेचने वाले वाले सभी बारों को बंद कर दिया। इस लेख में ...
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Saloni Khurana
Kanika Mahajan
04 दिसंबर, 2019
- लेख
युवाओं के आत्म पहचान में सहायक बनता सामाजिक उद्देश्य
‘उभरती वयस्कता’ का तात्पर्य किेशोरावास्था से युवावास्था में प्रवेश की अवस्था है, जहां उभरते वयस्क अपनी प्रामणिकता, जागरूकता, व्यक्तिगत परिभाषा और विश्व साक्षात्कार की खोज हेतु अथक प्रयासरत रहत...
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Jainetri Merchant
29 नवंबर, 2019
- फ़ील्ड् नोट
पीएमसी बैंक की असफलता से सबक
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-औपरेटिव बैंक (पीएमसीबी) धोखाधड़ी सामने आने के बाद सितंबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पीएमसीबी पर प्रतिबंध लगाया था। आरबीआई ने यह कदम अपनी निगरानी और नियामक ढांचे को सुधा...
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K. Srinivasa Rao
27 नवंबर, 2019
- दृष्टिकोण
इस साल के अर्थशास्त्र नोबेल की दास्तान
इस पोस्ट में मैत्रीश घटक इस बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि कैसे रैन्डमाइज्ड कंट्रोल ट्राइयल्स (आरसीटी; यादृच्छिकीकृत नियंत्रित परीक्षणों) को — जिसके प्रयोग की अगुआई इस वर्ष के अर्थशास्त्र में नोब...
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Maitreesh Ghatak
20 नवंबर, 2019
- दृष्टिकोण
उच्च शिक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण: सकारात्मक कार्रवाई या वोट बैंक की राजनीति?
हाल ही में मंजूर किए गए संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019, में सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान ल...
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Devika Malhotra Sharma
14 नवंबर, 2019
- दृष्टिकोण
बैंकिंग संकट का भारत की अर्थव्यवस्था पर असर
पिछले पांच वर्षों में, भारतीयों बैंकों के नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट (एनपीए) अर्थात डूबे हुए कर्ज की रकम में काफी वृद्धि हुई है। इन नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट के साथ निवेश वृद्धि दर में भी तेज गिरावट दर्ज की गयी ...
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Rajeswari Sengupta
Harsh Vardhan
11 नवंबर, 2019
- दृष्टिकोण
दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में नीतिगत झटकों से निपटना: विश्वसनीयता के निर्धारक तत्व के रूप में सामाजिक नेटवर्क
सामाजिक नेटवर्क में विश्वसनीयता एवं भागीदारी एक दूसरे से अंतरनिहित रूप से परस्पर संबंधित हैं। यह आलेख दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में विश्वसनीयता के निर्धारक तत्वों को चिह्नित करता है, जहां विश्...
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Anne Hilger
Christophe Jalil Nordman
06 नवंबर, 2019
- लेख