लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की ओर बढ़ते पहिए
भारत के बिहार और ज़ाम्बिया के ग्रामीण इलाके में, सरकार ने किशोरियों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल प्रदान करके शिक्षा में लैंगिक अंतर को दूर करने के कार्यक्रम शुरू किए। इस लेख में, इन पहलों के तात्काल...
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Vagisha Pandey
Sahil Pawar
Nishith Prakash
13 मार्च, 2025
- लेख
गतिशीलता के माध्यम से लैंगिक असमानता से लड़ना : दिल्ली की ‘पिंक टिकट’ योजना का आकलन
आवागमन में व्याप्त लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना की शुरुआत की। शहर में महिला यात्रियों के एक सर्वेक्षण के आधार पर, निशा...
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Nishant .
Archana Singh
11 मार्च, 2025
- फ़ील्ड् नोट
महिलाओं के कार्यबल की क्षमता को बढ़ाना
शैक्षिक उपलब्धि और स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढाने में भारत पीछे है, जिसके चलते तेज़ और समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य बाधित हो रहा है। इस लेख मे...
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Aakash Dev
Ratna Sahay
06 मार्च, 2025
- लेख
ठोस कचरा प्रबंधन संबंधी चुनौतियां: पटना शहर का मामला
अपर्याप्त योजना के साथ तेजी से शहरीकरण ने भारत के कई शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्याओं को जन्म दिया है। इस नोट में, उमा शरमिष्ठा बिहार राज्य के पटना शहर में एक क्षेत्र अध्ययन से प्रारंभिक निष्कर...
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Uma Sarmistha
25 मार्च, 2021
- लेख
कृषिक्षेत्र के द्वार पर ‘ड्रामा’
नए 'एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) बाइपास एक्ट' को 'डुअल रेगुलेशन ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग एक्ट' या ‘ड्रामा’ बताते हुए ज्यां द्रेज़ यह तर्क देते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दोहर...
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Jean Drèze
23 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
क्या कोविड-19 के बढ़ते प्रसार में सामाजिक और आर्थिक विविधता मायने रखती है?
कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए समुदायों को सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है, जो अधिक विविधत जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है। भारत से जिला-स्तरीय आंकड़ों का उ...
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Upasak Das
Udayan Rathore
Prasenjit Sarkhel
18 मार्च, 2021
- लेख
बजट 2021-22: स्वास्थ्य को प्राथमिकता, एक बार फिर से
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट का आकलन स्वास्थ्य क्षेत्र के नजरिए से करते हुए, कॉफी और स्पीयर्स यह तर्क देते हैं कि भारत के स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए पुरानी समस्याओं को पुराने तरीको से हल...
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Diane Coffey
Dean Spears
15 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
कृषि कानून: कृषि विपणन निजीकरण के लिए कार्य-योजना
कृषि विपणन में मुक्त बाजार प्रतिस्पर्धा को कथित रूप से बढ़ावा देने वाले कृषि कानूनों के सार पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिलीप मुखर्जी एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) मंडियों के सुधार की आवश्यकता पर जोर ...
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Dilip Mookherjee
05 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: राजनीतिक अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट को एक राजनीतिक अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से जांचते हुए यामिनी अय्यर कहती हैं कि भारत सरकार द्वारा चुने गए नीतिगत विकल्प यह दर्शाते हैं कि सरकार का झुकाव वित्तीय संसाधनों ...
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Yamini Aiyar
01 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: लिंग आधारित नजरिए से
2021-22 के केंद्रीय बजट को लिंग आधारित नजरिए से परखते हुए नलिनी गुलाटी ने इस बात पर चर्चा की है कि इस बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजिटल पुश, सार्वजनिक परिवहन, अन्य सार...
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Nalini Gulati
24 फ़रवरी, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: एक औसत बजट
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट का आकलन करते हुए भास्कर दत्ता यह तर्क देते हैं कि भले इस बजट में कई सकारात्मक पहलू भी हैं परंतु यह कुल मिलाकर निराशाजनक है क्योंकि इसमें गरीबों की जरूरतों को पूरा करने पर ...
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Bhaskar Dutta
18 फ़रवरी, 2021
- दृष्टिकोण
पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए सामूहिक कार्रवाई: ग्रामीण भारत में स्वच्छता से साक्ष्य
भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, बेहतर घरेलू शौचालयों तक की पहुंच और उनका निरंतर उपयोग किया जाना लंबे समय से चुनौती के साथ-साथ एक नीतिगत प्राथमिकता रहा है। घरेलू स्वच्छता विकल्पों को स्थापित ...
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Emily Pakhtigian
Subhrendu Pattanayak
10 फ़रवरी, 2021
- लेख
व्यवहार एवं व्यक्तित्व लक्षणों में जातिगत अंतर: विश्वविद्यालय के छात्रों का एक अध्ययन
यद्यपि कई अध्ययनों में जातियों में स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणामों में अंतर की जांच की गई है, लेकिन व्यावहारिक प्राथमिकताओं और व्यक्तित्व लक्षणों में जातिगत अंतर पर बहुत कम साक्ष्य उपलब्ध हैं। दिल्ली ...
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Utteeyo Dasgupta
Subha Mani
Smriti Sharma
Saurabh Singhal
05 फ़रवरी, 2021
- लेख
कृषि श्रमिकों का निकास और पराली का जलना
यद्यपि श्रमिकों का कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों से उच्च उत्पादकता वाले क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित होने की प्रक्रिया को आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले ...
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Hemant Kumar Pullabhotla
03 फ़रवरी, 2021
- लेख
‘संथाल परगना’ में भूमि विवाद: मुद्दे और समाधान
झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र के छह में से चार जिलों को नीति आयोग द्वारा ‘आकांक्षी जिलों’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस लेख में कर्ण सत्यार्थी ने इस क्षेत्र में कार्यरत भू-राजस्व प्रशासन के अनोख...
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Karn Satyarthi
29 जनवरी, 2021
- फ़ील्ड् नोट