अंतर्निहित प्रयोगों में जोखिम
शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं द्वारा एक टीम के रूप में किये जा रहे 'अंतर्निहित प्रयोगों' में रुचि बढ़ रही है। क्षमता के पैमाने के अलावा,इन प्रयोगों का मुख्य आकर्षण किये गए शोध को शीघ्र ही नीति में पर...
-
Jean Drèze
19 मई, 2022
- दृष्टिकोण
सामाजिक-धार्मिक समूहों के भीतर व्याप्त जातिगत असमानताएँ: उत्तर प्रदेश से साक्ष्य प्रमाण
मंडल आयोग और सचर समिति की रिपोर्ट में चार प्रमुख जाति समूहों के भीतर जातिगत असमानताओं के अस्तित्व को दर्शाया गया है। हालाँकि, इस विषय पर सीमित डेटा ही उपलब्ध है। यह लेख उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014-2015...
-
Srinivas Goli
Chhavi Tiwari
13 मई, 2022
- लेख
बिजली की कटौती को कम करने हेतु बिजली संयंत्रों की प्रोत्साहन राशि निश्चित करना
भारत में अपेक्षाकृत उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और बिजली संयंत्रों की पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद, उपभोक्ताओं को लगातार बिजली की कटौती का सामना करना पड़ता है। यह लेख भारत में ब्लैकआउट के सन्दर्भ ...
-
Fiona Burlig
Akshaya Jha
Louis Preonas
26 अप्रैल, 2022
- लेख
भारत में राजनीतिक भागीदारी में लगातार मौजूद लैंगिक अंतर
पूरी दुनिया में, खास कर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में महिलाएं नागरिक के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में पुरुषों से कम दिखाई देती और बोलती हैं। इस लेख में भारत के मध्य प्रदेश में राजनीतिक भागीदारी में ...
-
Soledad Prillaman
23 मई, 2019
- लेख
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: वित्तपोषण के लिए करों की जांच-पड़ताल अत्यंत महत्वपूर्ण
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के पूर्व नैशनल फैलो प्रोफेसर एस. सुब्रामनियन ने आय अंतरण योजना को समायोजित करने के लिए बढ़े कराधान और वांछित वृद्धि के संभावित स्तर के लिए कुछ अनुमान करने के प्रश्न...
-
S. Subramanian
22 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के विस्तार को प्राथमकिता
आइजीसी इंडिया के कंट्री डायरेक्टर डॉ. प्रोनाब सेन का तर्क है कि यह देखते हुए कि अधिकांश गरीबी उच्च निर्भरता अनुपातों के कारण हैं – पहली प्राथमिकता वर्तमान सामाजिक सुरक्षा का विस्तार होना चाहिए जिसमे ब...
-
Pronab Sen
20 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: गरीबी के दीर्घकालिक समाधान के बजाय उपयोगी 'प्राथमिक उपचार'
लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मैत्रीश घटक का तर्क है कि न्याय द्वारा जिस तरह के नकद अंतरण के बारे में सोचा गया है, उससे जीवन निर्वाह के हाशिए पर जी रहे गरीब लोगों को कुछ राहत और स...
-
Maitreesh Ghatak
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: बहुआयामी गरीबी से निपटने का साधन
प्रगति अभियान की निदेशक अश्विनी कुलकर्णी इस विचार को सामने रखती हैं कि न्याय जैसे बिना शर्त आय अंतरण कार्यक्रम से बहुआयामी गरीबी की समस्या हल करने और गरीबों के सबसे असुरक्षित हिस्से को जिंदा रहने से आ...
-
Ashwini Kulkarni
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: सही लक्ष्यीकरण करना
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डीएगो में अर्थशास्त्र के टाटा चांसलर्स प्रोफेसर कार्तिक मुरलीधरन ने न्याय के तहत देश में सबसे गरीब 20 प्रतिशत प्रखंडों (ब्लॉक्स) को लक्षित करने की और उन क्षेत्रों में न...
-
Karthik Muralidharan
16 मई, 2019
- दृष्टिकोण
'न्याय' विचार-गोष्ठी: न्याय से अन्याय न हो
रांची विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज़ ने भारत में सामाजिक सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में ‘न्याय’ की भूमिका पर चर्चा की है और इस योजना के लिए कुछ संभावित सिद्धांत प्रस्तावित किए हैं।...
-
Jean Drèze
14 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: न्याय का संभावित मैक्रोइकोनॉमिक प्रभाव
आईडीएफसी इंस्टिट्यूट के रिसर्च डायरेक्टर और सीनियर फेलो निरंजन राजाध्यक्ष का तर्क है कि न्याय की अनुमानित लागत काफी है और योजना के राजकोषीय बोझ के बारे में चिंतित होने के पर्याप्त कारण हैं। इसके अलावा...
-
Niranjan Rajadhyaksha
13 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: यूनिवर्सल बेसिक इनकम के एक अनुपूरक का पक्ष
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर प्रनब बर्धन ने एक आय अनुपूरक के पक्ष में तर्क दिए हैं, लेकिन वह जो सबको उपलब्ध हो।...
-
Pranab Bardhan
10 मई, 2019
- दृष्टिकोण
विचार-गोष्ठी की प्रस्तावना: कांग्रेस के 'न्याय' का विश्लेषण
जारी संसदीय चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में की गई एक बड़ी घोषणा न्यूनतम आय की गारंटी के प्रस्ताव – न्यूनतम आय योजना (न्याय) की है। इस विचार गोष्ठी में भरत रामास्वामी (अशोका विश्वविद्यालय), ...
-
Ashok Kotwal
08 मई, 2019
- विचार-गोष्ठी
‘न्याय' विचार-गोष्ठी: नकद अंतरण नीतियों से संबंधित चार चिंताएं
भरत रामास्वामी (अशोका विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर) ने अतिरिक्त नकद अंतरण (ऍड-ऑन कैश ट्रांसफर) के बतौर ‘न्याय' के क्रियान्वयन में चार प्रकार की आपत्तियों पर चर्चा की है। उनका तर्क है कि प...
-
Bharat Ramaswami
08 मई, 2019
- दृष्टिकोण
अपनों को मताधिकार? मतदान अधिकारी की पहचान और चुनाव परिणाम
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का प्रावधान ऐसी लोक सेवा है जो निर्वाचित प्रतिनिधियों को जवाबदेह और प्रतिक्रियाशील बनाए रखने के लिहाज से बहुत ज़रूरी है। इस आलेख में मतदान केंद्रों के प्रशासन की छानबीन की ग...
-
Yusuf Neggers
02 मई, 2019
- लेख