भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में उप-अनुबंध लिंकेज
अनौपचारिक उद्यमों के विकास को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ी फर्मों के साथ उनके उप-अनुबंध लिंकेज को महत्वपूर्ण माना गया है। इस लेख में वर्ष 2001-2016 के दौरान भारतीय अनौपचारिक विनिर्माण से संबंधित र...
- Surbhi Kesar
- 10 सितंबर, 2024
- लेख
भारत में स्कूली पाठ्य पुस्तकों में व्याप्त लैंगिक पूर्वाग्रह का विश्लेषण
शिक्षक का पुस्तकों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण प्रणालियों, नई पीढ़ियों, नवाचार और समाज से अंतरंग सम्बन्ध है। शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर को प्रस्तुत इस शोध आलेख में शिक्षकों की नहीं अपितु पाठ्य पुस्तकों के एक संवे...
- Lee Crawfurd Theodore Mitchell Radhika Nagesh Christelle Saintis-Miller Rory Todd
- 05 सितंबर, 2024
- लेख
भूमि संबंधी ऐतिहासिक नीतियाँ और सामाजिक-आर्थिक विकास : उत्तर प्रदेश का मामला
उत्तर प्रदेश में विकासात्मक परिणामों में महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय भिन्नता पाई जाती है और शोध से पता चलता है कि ऐसा आंशिक रूप से, राज्य के भीतर औपनिवेशिक भूमि संबंधी नीतियों में अंतर के दीर्घकालिक प्रभा...
- Kartikeya Batra
- 20 अगस्त, 2024
- लेख
क्या भारत में अंग्रेजी बोलना अधिक लाभकारी होता है?
भारत में आम धारणा है कि अंग्रेजी-भाषा कौशल से ही बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिफल प्राप्त होते हैं। इस कॉलम में भारत में अंग्रेजी कौशल से वेतन प्रतिफल का अनुमान लगाया गया है, जिसमे यह पाया गया कि अंग्रे...
- Mehtabul Azam Aimee Chin Nishith Prakash
- 04 सितंबर, 2020
- लेख
शादी के समय महिलाओं की उम्र घरेलू हिंसा को कैसे प्रभावित करती है?
दुनिया भर में तीन में से एक महिला अपने जीवनकाल में घरेलू हिंसा से प्रभावित होती है। जो महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं, उन्हें गंभीर प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों से प्रभावित होने के साथ-साथ भारी ...
- Gaurav Dhamija Punarjit Roychowdhury
- 01 सितंबर, 2020
- लेख
भारत में महिलाओं के विरासत के अधिकार और पुत्र की प्राथमिकता
भारत में अस्वाभाविक रूप से पुरुष-पक्षपाती जनसंख्या लिंग-अनुपात का एक महत्वपूर्ण कारण भारतीय माता-पिता की पुत्र होने की महत्वाकांक्षा है। यह लेख इस बात की पड़ताल करता है कि उनकी यह इच्छा किस हद तक उनकी...
- Sonia Bhalotra Rachel Brulé Sanchari Roy
- 27 अगस्त, 2020
- लेख
क्या व्यावसाय के लिए जाति की पहचान अभी भी मायने रखती है?
आज के भारत में, केवल जातिगत पहचान की भावना के कारण लोग किस हद तक नौकरियों को नजर अंदाज करते हैं? यह लेख ग्रामीण ओडिशा में किए गए एक प्रयोग पर चर्चा करता है जिसमें अस्थायी काम के इच्छु?क श्रमिकों को एक...
- Suanna Oh
- 25 अगस्त, 2020
- लेख
कार्यरत बैंक ऋण पर विवादों का प्रभाव: भारतीय सीमा क्षेत्रों से साक्ष्य
विवाद, महत्वहपूर्ण व्यक्तियों के निर्णयों के माध्यम से आर्थिक परिणामों को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार गोलाबारी की घटनाओं के सीमावर्ती जिलों में कार्यरत ऋण अधिकारियों ...
- Mrinal Mishra Steven Ongena
- 20 अगस्त, 2020
- लेख
क्या राजनीतिक आरक्षण कारगर है? यदि हाँ तो किसके लिए?
क्या राजनीतिक आरक्षण विकास को कमजोर करता है या उसे बढ़ावा देता है, तो किसके लिए? यह लेख भारत के 'अनुसूचित क्षेत्रों' का विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जहाँ ऐतिहासिक रूप से वंचित अनुसूचित जनजातियों के लिए ...
- Saad Gulzar Nicholas Haas Ben Pasquale
- 18 अगस्त, 2020
- लेख
लोक-स्वास्थ्य कैसे बने राजनीतिक प्राथमिकता
आज सारा विश्व कोरोना महामारी की समस्या से जूझ रहा है जिस पर अनेक कोणों से शोधकर्ताओं ने प्रामाणिक आलेख प्रस्तुत किए हैं। भावेश झा द्वारा इस आलेख में आम जनता के स्वास्थ्य को राजनीतिक प्राथमिकता कैसे प्...
- Bhawesh Jha
- 11 अगस्त, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: बिहार लौटते प्रवासी मजदूर, ग्रामीण आजीविका तथा सामाजिक सुरक्षा
कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण अनेक प्रवासी मजदूरों ने अपना रोज़गार गँवाया और उनमें से करीब 30 लाख से ज्यादा प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार लौटे। इस विषय पर प्रोफेस...
- Farzana Afridi Arvind Kumar Chaudhary
- 06 अगस्त, 2020
- पॉडकास्ट
हमें भारत के बच्चों को निराश नहीं करना है
कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद हैं और पूरी दुनिया में करोड़ों बच्चे घर में बैठे रहने को मजबूर हैं। अनिश्चितता से भरे इस दौर में, खास तौर पर बच्चों को सामान्य हालात की कुछ झलक चाहिए। उनकी ज़रूरतों के...
- Harini Kannan
- 04 अगस्त, 2020
- दृष्टिकोण
भूख और अनिश्चितता: ओडिशा के खानाबदोश भविष्यश-वक्ताजओं की स्थिति
अबिनाश दाश चौधरी, जो भारत में कोविड-19 से जुड़े मानवीय संकट पर पाक्षिक डेटा प्रस्तुत करने के लिए शोधकर्ताओं के एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम करते हैं, ने इस लेख में दक्षिण ओडिशा के पारंपरिक भविष...
- Abinash Dash Choudhury
- 30 जुलाई, 2020
- लेख
कैंसर जांच के लिए ‘मोबाइल कैंप’ पर पुनर्विचार करना
मोबाइल शिविरों के माध्यम से कैंसर की निवारक जांचों की संख्याप बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी प्रयासों के बावजूद, इस बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक बनी हुई है। इस लेख में घोष एवं सेकर ने बड़ी संख्या में ल...
- Samayita Ghosh Preethiya Sekar
- 28 जुलाई, 2020
- दृष्टिकोण
वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन: महाराष्ट्र के दो गांवों की कहानी
वन अधिकार अधिनियम (2006) भारत में एक ऐतिहासिक वन कानून था, जिसके तहत वन संसाधनों पर व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकारों को मान्यता दी गई। हालांकि नवंबर 2018 तक देश भर में प्राप्त कुल दावों में से केवल 44...
- Sayak Sinha
- 24 जुलाई, 2020
- फ़ील्ड् नोट