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भारत में उद्यमिता और रोज़गार में लैंगिक असमानताओं का आकलन

आर्थिक विकास सम्पूर्ण कार्यबल के सफल उपयोग पर निर्भर करता है। एजाज़ ग़नी का तर्क है कि लैंगिक समानता न केवल मानवाधिकारों का एक प्रमुख स्तम्भ है, बल्कि उच्च और अधिक समावेशी आर्थिक विकास को बनाए रखने का ए...

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क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?

यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...

  • लेख

क्या मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के प्रति आरबीआई की प्रतिबद्धता विश्वसनीय है?

आरबीआई द्वारा लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) को अपनाए जाने के आठ साल बाद गर्ग, लकड़ावाला और सेनगुप्ता इस फ्रेमवर्क की सफलता का मूल्यांकन करते हैं। वे कोविड-पूर्व अवधि में मुद्रास्फीति लक्ष्यीक...

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सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता देने पर किस प्रकार आगे बढ़ा जाए

भारत में दुनिया के हर 10 में से 3 से भी अधिक बच्‍चे अविकसित हैं, और यहां प्रति वर्ष जन्‍म के समय कम वजन वाले शिशुओं की संख्या सर्वाधिक है। इस पोस्ट में, श्वेता खंडेलवाल ने कहा है कि भारत कुपोषण के खिल...

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जनसंख्या की आयु संरचना और कोविड-19

नए कोविड-19, विकासशील देशों की तुलना में पश्चिमी विकसित देशों को अधिक प्रभावित कर रहा है। इस पोस्ट में, बसु और सेन ने दिखाया हैं कि कोविड-19 से हुए हताहत लोगों की संख्‍या उन देशों में अधिक है जहां बुज...

  • दृष्टिकोण

कोविड-19: ऑनलाइन कक्षाएं और डिजिटल विभाजन

भारत में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने के कारण विश्वविद्यालयों को बंद रखने का औचित्यपूर्ण दबाव है। ऑनलाइन शिक्षण एक ऐसी व्‍यवस्‍था है जिस पर कई संस्थान विचार कर रहे हैं, लेकिन क्या भारतीय छात्रों के पास ऑ...

  • दृष्टिकोण

हमें कोविड-19 से लड़ने के लिए एक मार्शल प्‍लान की आवश्यकता है

कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अभी भी बहुत कुछ अज्ञात है, लेकिन दो कड़े सबक स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं: हमें अपनी स्वास्थ्य देखभाल क्षमता को सुदृढ़ करने तथा सामाजिक-सुरक्षा जाल को मजबूत बनाने...

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कोविड-19: क्या हम लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं? - भाग 2

इस आलेख के पहले भाग में, लेखकों ने भारत में कोविड-19 के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करने हेतु व्यापक सिफारिशें कीं। इस भाग में, वे पांच ऐसे समूहों की पहचान करते हैं जिनके वर्तमान संकट से ...

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कोविड-19: क्या हम लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं? - भाग 1

कोविड-19 के प्रसार की संभावित पुनरावृत्ति को रोकने के लिए यह लॉकडाउन, संभवतः भविष्य में किए जाने वाले कई लॉकडाउन में से पहला हो सकता है, इसलिए नीति निर्माताओं को इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यक्तिय...

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क्‍या एक व्‍यापक लॉकडाउन का कोई उचित विकल्‍प है?

कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में, हम दो विकल्‍पों में से अनिवार्यत: एक का चयन कर रहे हैं, एक ओर सामाजिक दूरी और दूसरी ओर लोगों को अपनी आजीविका से वंचित करना। सामान्य तथा अनिवार्य लॉकडाउन की अस्थिरत...

  • दृष्टिकोण

एक महामारी के दौरान खाद्य और कृषि: प्रभावों का प्रबंधन

नोवल कोरोनोवायरस महामारी के बाद लॉकडाउन का एक महत्वपूर्ण प्रभाव यह हुआ है कि किसान और उपभोक्ता इस बात को लेकर असमंजस, अनिश्चितता और चिंता में हैं कि आखिर आने वाले हफ्तों में क्या होगा। इस पोस्ट में, स...

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कोविड-19: समाज के कमजोर वर्ग की सहायता तत्काल कैसे की जा सकती है

केंद्र सरकार ने अभी तक इस बात की कोई घोषणा नहीं की है कि भारत में फैले कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के कारण पहले से ही सामना कर रहे आर्थिक आपातकाल से निपटने की उसकी क्या् योजना है। इस पोस...

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येस बैंक: एक संकट का गहन विश्‍लेषण

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में हाल के वर्षों में सामने आई धोखाधड़ी और असफलताओं की पूरी श्रृंखला, बैंकिंग पर्यवेक्षण की कमजोरियों को दर्शाती है। इस पोस्ट में, पांडे और प्रियदर्शिनी यह तर्क देते हैं कि रिज़...

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बच्‍चों के स्वास्थ्य पर कोयले का प्रभाव: भारत के कोयला विस्तार से साक्ष्य

हाल के वर्षों में, भारत में कोयले से हो रहे बिजली उत्पादन में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह लेख भारत में कोयले से होने वाले बिजली उत्पादन से बच्‍चों के स्वास्थ्य और मानव संसाधन पर पड़ने वाले प्रभावों ...

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महिलाओं का कितना नुकसान? भारत में निजी स्कूलों में नामांकन का विश्लेषण

सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति और निजी स्कूलों की स्‍पष्‍ट दक्षता को देखते हुए, भारतीय माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना तेज़ी से बढ़ रहा है। यह आलेख 2005-2012 के दौरान 7-18 वर्ष की ...

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