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वज़ीरएक्स : घाटे का समाजीकरण और वित्तीय विनियमन की आवश्यकता

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को हाल ही में एक सुरक्षा सेंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इसके उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। निपुणा वर्मन ने इस लेख में, ‘घाटे का समाजीकरण’ रिकवरी योजना क...

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लिंग-आधारित हिंसा की रिपोर्टिंग : सार्वजनिक सक्रियता और संवाद क्यों महत्वपूर्ण हैं

कोलकाता के एक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या के हालिया मामले के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और इसने एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्ष...

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भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा : प्रदर्शन खराब नहीं है

भारत में नौकरियों के बारे में उपलब्ध आँकड़े पिछले 50 वर्षों में भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण के हिस्से में मामूली वृद्धि ही दर्शाते हैं। इस लेख में बिश्वनाथ गोलदार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि व...

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क्या कोटा उच्चस्तरीय पदों के लिए उम्मीदवारों की संख्या बढ़ा सकते हैं? भारतीय राजनीति से साक्ष्य

क्या राजनीति में महिलाओं के लिए कोटा लंबे समय में संस्थागत परिवर्तन को प्रेरित कर सकता है? यह लेख इस बात की जाँच करता है कि क्या भारतीय स्थानीय सरकार में महिलाओं के लिए सकारात्मक विभेद का प्रभाव राज्य...

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पीडीएस में पसंद-आधारित विकल्प की आवश्यकता

भारत के प्रमुख खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) पर सार्वजनिक व्यय का एक बड़ा हिस्सा अपेक्षित लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता है। इसलिए सब्सिडी वाले अनाज के बदले डायरेक्ट बेनिफ...

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मोदीकेयर के सफल आरंभ का रोडमैप

पिछले साल घोषित की गई नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम पहले मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (रएसबीवाई) को अपने अंदर शामिल करती है, जिसने सबसे गरीब 30 करोड़ भारतीयों को अल्पकालिक अस्पताल के दौरे के लि...

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राजनेताओं का कष्ट, गरीब आदमी का लाभ: नजदीकी निर्वाचन क्षेत्रों में आय वितरण

स्टडीज में पब्लिक फंड्स के प्रवाह को दिशा देने में चुनावी प्रतिस्पर्धा की भूमिका को रेखांकित किया गया है। भारत के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए इस लेख में पाया गया है कि लगभग बराबरी की प्रतिस्पर्धा वाल...

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किसान क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम: ऋण की उपलब्ध्ता का विस्तार या ऋण का प्रसार?

किसान क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम – भारत में कृषि उधार में एक महत्वपूर्ण सुधार – का आरम्भ हुए लगभग 20 वर्ष हो गए हैं। हालांकि, लक्षित लाभार्थियों पर इसके प्रभाव का थोड़ा अनुभवजन्य साक्ष्य है। इस लेख में प...

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क्या कृषि ऋण की माफी इतनी बुरी है?

विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न हदों तक कृषि ऋणों की माफी के आशय की घोषणाओं की मीडिया और अन्य टिप्पणीकारों द्वारा सख्त आलोचना की गई है। इस आलेख में डॉ. प्रनब सेन ने उन दावों की वैधता की जांच की ह...

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अपेक्षित आय समर्थन तथा शिशु स्वास्थ्य

भारत सरकार के मातृत्व सहायता कार्यक्रम - प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना- का उद्देश्य ग्रामीण भारत में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को आय सहायता मुहैया कराना है। इस लेख में बिहार में चला...

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भारतीय महिलाओं की श्रमशक्ति में संलग्नता : स्मार्ट दृष्टिकोण का समय

इस आलेख में प्रोफेसर रोहिणी पांडे का दावा है कि भारत में महिला श्रमशक्ति की भागीदारी की अत्यंत निम्न दर को बढ़ाने के लिए व्यवहारमूलक हस्तक्षेप करना और सामाजिक प्रचलनों पर काम करना आवश्यक है।...

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अच्छी मॉनसून तो परीक्षा में कम प्राप्तांक? शिक्षा से भटकाव

भारत में अच्छी मॉनसून कृषि की उत्पादकता बड़ा देती है जिसके कारण रोजगार और वेतन भी बढ़ जाता है। क्या यह अतिरिक्त रोजगार गरीब बच्चों के मामले में उनकी स्कूली शिक्षा की कीमत पर होता है? इस लेख में पता चलता...

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