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जीविकोपार्जन के लैंगिक मानदंड और कार्य निर्णय
यह मानदंड कि ‘एक पुरुष को अपनी पत्नी से अधिक अर्जित करना चाहिए’, विवाहित महिलाओं के श्रम-बाजार भाग लेने को गहरे रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। 1983 से 2012 तक की अवधि के दौरान भारत के राष्ट्र...
- Sakshi Gupta
- 05 अप्रैल, 2021
- लेख
बजट 2021-22: स्वास्थ्य को प्राथमिकता, एक बार फिर से
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट का आकलन स्वास्थ्य क्षेत्र के नजरिए से करते हुए, कॉफी और स्पीयर्स यह तर्क देते हैं कि भारत के स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए पुरानी समस्याओं को पुराने तरीको से हल...
- Diane Coffey Dean Spears
- 15 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: लिंग आधारित नजरिए से
2021-22 के केंद्रीय बजट को लिंग आधारित नजरिए से परखते हुए नलिनी गुलाटी ने इस बात पर चर्चा की है कि इस बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजिटल पुश, सार्वजनिक परिवहन, अन्य सार...
- Nalini Gulati
- 24 फ़रवरी, 2021
- दृष्टिकोण
मानसिक स्वास्थ्य को मापने के लिए फोन सर्वेक्षण का इस्तेमाल
कोविड-19 के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं मानवीय संकटों ने खराब मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उजागर किया है। शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य भी काम और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है,...
- Diane Coffey Payal Hathi Nazar Khalid Amit Thorat
- 16 दिसंबर, 2020
- लेख
क्या किसी सहकर्मी का पुरुष या महिला होना मायने रखता है? कॉल सेंटरों से प्राप्त साक्ष्य
कई सिद्धांत यह सुझाव देते हैं कि लिंग-विभेदी समाजों में महिला एवं पुरुष कर्मचारियों के एक साथ काम करने के नकारात्मक परिणाम हो सकते है। पांच भारतीय शहरों में स्थित कॉल सेंटरों में 765 कर्मचारियों के सा...
- Deepshikha Batheja
- 08 दिसंबर, 2020
- लेख
महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण और घरेलू हिंसा
भारत में महिलाओं की सुरक्षा - घरों के अंदर और बाहर - दोनों एक प्रमुख चिंता का विषय है। यह पोस्ट महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण, मजबूत विरासत अधिकारों और काम करने की स्थिति तथा घरेलू हिंसा की घटनाओं के बी...
- Aparna Mathur
- 01 दिसंबर, 2020
- लेख
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस
25 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष कोविड-19 महामारी और संबद्ध लॉकडाउन के कारण घरेलू हिंसा में भरी वृद्धि ...
- I4I Team
- 25 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण
नकुशा: बेटों की चाहत, अवांछित बेटियाँ और स्कूली शिक्षा में लैंगिक-अंतर
भारतीय समाज में सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के कारण बेटों की चाहत आम बात है। 1986 से 2017 तक राष्ट्रीय रूप का प्रतिनिधित्व करते आंकड़ों का प्रयोग कर यह आलेख बेटों की तुलना में बेटियों की शिक्षा पर, मा...
- Ashwini Deshpande Apoorva Gupta
- 12 नवंबर, 2020
- लेख
कोविड-19: ‘आभासी महामारी’ और महिलाओं के खिलाफ हिंसा
महिलाओं के खिलाफ हिंसा दुनिया भर में एक समस्या है जिसकी आर्थिक लागतें वैश्विक जीडीपी में 1% से 4% तक आती हैं। यह लेख इस बात की जांच करता है कि भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा...
- Saravana Ravindran Manisha Shah
- 08 अक्टूबर, 2020
- लेख
सास अपनी बहुओं के सामाजिक नेटवर्क तथा प्रजनन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं?
परिवार के सदस्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधात्मक सामाजिक मानदंड एवं रणनीतिक बाधाएं, महिलाओं की सामाजिक नेटवर्क तक पहुंच और उससे प्राप्त होने वाले लाभ को सीमित कर सकती हैं। ग्रामीण उत्तर प्रदेश में एक स...
- S Anukriti Catalina Herrera-Almanza Mahesh Karra
- 08 सितंबर, 2020
- लेख
शादी के समय महिलाओं की उम्र घरेलू हिंसा को कैसे प्रभावित करती है?
दुनिया भर में तीन में से एक महिला अपने जीवनकाल में घरेलू हिंसा से प्रभावित होती है। जो महिलाएं घरेलू हिंसा का सामना करती हैं, उन्हें गंभीर प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों से प्रभावित होने के साथ-साथ भारी ...
- Gaurav Dhamija Punarjit Roychowdhury
- 01 सितंबर, 2020
- लेख
भारत में महिलाओं के विरासत के अधिकार और पुत्र की प्राथमिकता
भारत में अस्वाभाविक रूप से पुरुष-पक्षपाती जनसंख्या लिंग-अनुपात का एक महत्वपूर्ण कारण भारतीय माता-पिता की पुत्र होने की महत्वाकांक्षा है। यह लेख इस बात की पड़ताल करता है कि उनकी यह इच्छा किस हद तक उनकी...
- Sonia Bhalotra Rachel Brulé Sanchari Roy
- 27 अगस्त, 2020
- लेख