Tag Search: “लोक स्वास्थ्य”
ड्यूएट: रोजगार को एक सार्वभौमिक अधिकार बनाने की ओर
देबराज रे का यह कहना हैं कि हमें रोजगार के मुद्दे को एक सार्वभौमिक अधिकार बनाने के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए, और ड्यूएट इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिक निभाएगा। वे प्रस्ताव के दो पहलुओं पर चर्चा करते है...
- Debraj Ray
- 22 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: शहरी रोजगार योजना हेतु एक प्रस्ताव
ज्यां द्रेज़ शहरी क्षेत्रों में रियायती सार्वजनिक रोजगार की एक सरल योजना का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं, जो कई सार्वजनिक संस्थानों की खुद की पहल के आधार पर बनाई गई है। ...
- Jean Drèze
- 16 सितंबर, 2020
- विचार-गोष्ठी
लोक-स्वास्थ्य कैसे बने राजनीतिक प्राथमिकता
आज सारा विश्व कोरोना महामारी की समस्या से जूझ रहा है जिस पर अनेक कोणों से शोधकर्ताओं ने प्रामाणिक आलेख प्रस्तुत किए हैं। भावेश झा द्वारा इस आलेख में आम जनता के स्वास्थ्य को राजनीतिक प्राथमिकता कैसे प्...
- Bhawesh Jha
- 11 अगस्त, 2020
- दृष्टिकोण
भूख और अनिश्चितता: ओडिशा के खानाबदोश भविष्यश-वक्ताजओं की स्थिति
अबिनाश दाश चौधरी, जो भारत में कोविड-19 से जुड़े मानवीय संकट पर पाक्षिक डेटा प्रस्तुत करने के लिए शोधकर्ताओं के एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम करते हैं, ने इस लेख में दक्षिण ओडिशा के पारंपरिक भविष...
- Abinash Dash Choudhury
- 30 जुलाई, 2020
- लेख
कैंसर जांच के लिए ‘मोबाइल कैंप’ पर पुनर्विचार करना
मोबाइल शिविरों के माध्यम से कैंसर की निवारक जांचों की संख्याप बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी प्रयासों के बावजूद, इस बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक बनी हुई है। इस लेख में घोष एवं सेकर ने बड़ी संख्या में ल...
- Samayita Ghosh Preethiya Sekar
- 28 जुलाई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: विपरीत पलायन से उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करना
भारत में कोविड-19 लॉकडाउन से सबसे बुरी तरह प्रभावित वर्गों में से एक वर्ग प्रवासी मजदूरों का है, जो बेरोजगार, धनहीन और बेघर हो गये हैं। हालांकि कई राज्य सरकारों द्वारा प्रवासी मजदूरों को वापस लाने और ...
- Ankita Gupta Harsh Parikh Kumar Subham
- 03 जुलाई, 2020
- दृष्टिकोण
भारत एक क्रियाशील सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए दुनिया का नेतृत्व कैसे कर सकता है
इबोला वायरस रोग से सबक के बावजूद, दुनिया ने अभी तक भरोसेमंद, समुदाय से जुड़े हुए लोक-स्वास्थ्यकर्मियों के संवर्ग में निवेश नहीं किया है जो अपने कार्यों को पेशेवरों के रूप में करने में सशक्त होते हैं। ...
- Stuti Khemani
- 30 जून, 2020
- लेख
कोविड-19 राहत: क्या महिला जन धन खाते नकद हस्तांतरण के लिए सही विकल्प हैं?
भले भारत सरकार द्वारा कोविड-19 हेतु राहत पैकेज की घोषणा की गई है, जिसमें खाद्य राशन प्रदान किए जाने के साथ-साथ नकद हस्तांतरण को भी उचित स्थान दिया गया है, परंतु नकद हस्तांतरण हेतु महिला जन धन बैंक ख...
- Anmol Somanchi
- 26 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – दूसरा भाग
आलेखों की इस श्रृंखला के पहले भाग में डॉ. प्रणब सेन ने पिछले दो बड़े आर्थिक झटकों – 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट और 2016-17 में नोटबंदी एवं जीएसटी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर चर्चा की...
- Pronab Sen
- 16 जून, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: भारत को प्रभावी रूप से लॉकडाउन से बाहर निकालना
भारत अपने कोविड-19 लॉकडाउन से बाहर आने की कगार पर है। इस लेख में, सुगाता घोष और सरमिष्ठा पाल ने भारत को लॉकडाउन से प्रभावी ढंग से बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ सलाह के कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों ...
- Sugata Ghosh Sarmistha Pal
- 10 जून, 2020
- दृष्टिकोण
महामारी के वक्त में पक्षपात: कोविड संबंधी अफवाहें और कारखानों में श्रमिक आपूर्ति
मार्च महीने के मध्य में, एक इस्लामी संस्था तब्लीगी जमात द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद से कोविड मामलों की संख्या में भरी संख्या में एकाएक वृद्धि हुई, और भारत में इस बीमारी के मुसलमा...
- Arkadev Ghosh
- 05 जून, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19 के प्रति सरकार की प्रतिक्रियाएँ कितनी देाषपूर्ण रही हैं? प्रवासी संकट का आकलन
कोविड-19 संकट के बीच, मार्च के अंत तक, अनगिनत प्रवासी श्रमिकों ने भारत के बंद शहरों से भाग कर अपने-अपने घरों के लिए गांवों की ओर पैदल ही जाना शुरू कर दिया। इस पोस्ट में सरमिष्ठा पाल यह तर्क देती हैं ...
- Sarmistha Pal
- 29 मई, 2020
- दृष्टिकोण