Tag Search: “स्कूली शिक्षा”

क्या भारत में अंग्रेजी बोलना अधिक लाभकारी होता है?

भारत में आम धारणा है कि अंग्रेजी-भाषा कौशल से ही बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिफल प्राप्‍त होते हैं। इस कॉलम में भारत में अंग्रेजी कौशल से वेतन प्रतिफल का अनुमान लगाया गया है, जिसमे यह पाया गया कि अंग्रे...

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हमें भारत के बच्चों को निराश नहीं करना है

कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद हैं और पूरी दुनिया में करोड़ों बच्चे घर में बैठे रहने को मजबूर हैं। अनिश्चितता से भरे इस दौर में, खास तौर पर बच्चों को सामान्य हालात की कुछ झलक चाहिए। उनकी ज़रूरतों के...

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क्या भारत अपने सरकारी स्कूलों में सुधार कर सकता है? - शोध कहता है हां

यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रश्न है कि क्या छात्र परिणामों को प्रभावी ढंग से बढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार किया जा सकता है। यह लेख भारत में उच्च गुणवत्ता वाले सार्वजनिक स्क...

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कोविड-19: संकटग्रस्त स्कूली शिक्षा और व्याप्त शैक्षणिक विषमता में अप्रत्याशित वृद्धि

कोविड-19 महामारी ने भारत के स्कूलों में पहले से ही व्याप्त घोर असमानता को और बढ़ा दिया है। इस लेख में मार्टिन हॉस और अभिषेक आनंद ने तीन व्यापक विषयों पर चर्चा की है - डिजिटल डिवाइड, इंफ्रास्ट्रक्चर डिव...

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महिलाओं का कितना नुकसान? भारत में निजी स्कूलों में नामांकन का विश्लेषण

सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति और निजी स्कूलों की स्‍पष्‍ट दक्षता को देखते हुए, भारतीय माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना तेज़ी से बढ़ रहा है। यह आलेख 2005-2012 के दौरान 7-18 वर्ष की ...

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भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में मानव विकास

मानव विकास के मानकों में हो रहे परिवर्तनों को मापने से हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था और मानव कल्‍याण में किस तरह के बदलाव आ रहे है। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के मानव विकास...

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बच्चों के अभियान द्वारा एक गाँव को नशा-मुक्त बनाने की यात्रा

केवल दो वर्षों में, महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक स्कूल के छात्रों और उनके शिक्षक के प्रयासों ने पूरे गांव के शराब की लत को समाप्त कर दिखाया। इस नोट में, शिरीष खरे ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गा...

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अकालपक्वता: भारत में स्कूली शिक्षा पर जल्द माहवारी होने का प्रभाव

सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भों में, लड़कियों की माहवारी के शुरुआत का प्रतिकूल प्रभाव उनके शिक्षा पर पड़ता है। इस लेख में चर्चा की गई है कि 12 साल की उम्र से पहले माहवारी की शुरुआत के कारण स्कूल नामां...

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प्रथम के साथ बैनर्जी और डुफ्लो का सफर

इस वर्ष अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो ने 20 वर्षों से भी अधिक समयतक भारत में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संस्थान ‘प्रथम’ के साथ कार्य किया है।सम...

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आरटीई के 25% के अधिदेश के तहत विद्यालय के विकल्पों को समझना

शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत गैर-अल्पसंख्यक दर्जे के निजी विद्यालयों द्वारा समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के लिए कम से कम 25% सीट आरक्षित किया जाना अनिवार्य है। यह लेख अहमदाबाद ...

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अभिभावक लड़कियों की शिक्षा में निवेश क्यों करते हैं? ग्रामीण भारत से प्रमाण

ग्रामीण राजस्थान में किशोरियां अक्सर कम उम्र में पढ़ना छोड़ देती हैं और कम उम्र में हीं उनकी शादी भी हो जाती है। इस आलेख में बेटी की शिक्षा और विवाह की उम्र के बारे में औसत अभिभावक की पसंदों, तथा विवाह ...

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एक अनोखी क्रांति: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा

आज भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली में चुनौती यह है कि स्कूली शिक्षा को ‘सीखने’ में कैसे रूपांतरित किया जाए । जहाँ सीखने के संकट पर दुखी होने के कारण मौजूद हैं वहीं उत्तर प्रदेश में एक अनोखी क्रांति हो ...

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