Tag Search: “स्कूली शिक्षा”
व्यापार, आंतरिक प्रवास और मानवीय पूंजी: भारत में आईटी में तेजी का फायदा किसे हुआ
भारतीय अर्थव्यवस्था में 1993-2004 के दौरान व्यापार में विस्तार हुआ और आईटी में तेजी आई। कुछ चुनिंदा बड़े शहरों में केंद्रित उच्च कौशल-गहन क्षेत्र में हुए शानदार विकास ने देश भर में असमानता को कैसे प्र...
- Devaki Ghose
- 05 अप्रैल, 2022
- लेख
ग्रामीण भारत में गणित सीखने में लैंगिक अंतर
विकसित देशों में साक्ष्य के बढ़ते दायरे यह संकेत देते हैं कि गणित सीखने संबंधी परिणामों में महिलाओं के लिए प्रतिकूल स्थिति बनी रहती है और इसके संभावित कारण सामाजिक कारक, सांस्कृतिक मानदंड, शिक्षक पूर्...
- Upasak Das Karan Singhal
- 11 फ़रवरी, 2022
- लेख
क्या ‘वादे’ कारगर होते हैं? 'अपनी बेटी अपना धन' कार्यक्रम के दीर्घकालिक लाभों का आकलन
1994-1998 के दौरान, हरियाणा की राज्य सरकार ने बाल विवाह की समस्या के समाधान हेतु एक सशर्त नकद हस्तांतरण कार्यक्रम चलाया; जिसके तहत, समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के माता-पिता को, यदि उनकी बेटी 18 ...
- Shreya Biswas Upasak Das
- 23 नवंबर, 2021
- लेख
कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देना
शांतनु मिश्रा (सह-संस्थापक और ट्रस्टी, स्माइल फाउंडेशन) चर्चा करते है कि कैसे कोविड के कारण सामाजिक आवागमन और सामाजिक कार्यकलापों पर लगे प्रतिबंध एवं घर में अनुकूल माहौल बनाने के लिए वयस्कों पर पूर्ण ...
- Santanu Mishra
- 12 अक्टूबर, 2021
- दृष्टिकोण
कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य: ई-संगोष्ठी का परिचय
कोविड-19 महामारी और इससे संबंधित लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा जिसके कारण सबसे कमजोर वर्गों को आजीविका, कमाई का नुकसान हुआ और उन्हें खाद्य असुरक्षा भी झेलनी पड़ी। यद्यपि इस महामार...
- Farzana Afridi
- 01 अक्टूबर, 2021
- विचार-गोष्ठी
हाई स्कूल में विज्ञान? कॉलेज और नौकरी के परिणाम
भारत में विज्ञान के अध्ययन के साथ जुड़े कैरियर पथ, हाई स्कूलों में अन्य विषयों के अध्ययन से जुड़े कैरियर पथ के मुक़ाबले, अधिक प्रतिष्ठित और लाभप्रद माने जाते हैं। यह लेख उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ...
- Tarun Jain Abhiroop Mukhopadhyay Nishith Prakash Raghav Rakesh
- 17 सितंबर, 2021
- लेख
पोषण में सुधार हेतु स्कूली भोजन योजनाओं का महत्व
भारत में अल्पपोषित बच्चों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है और यहां मिड-डे मील (एमडीएम) के रूप में स्कूली भोजन की सबसे बड़ी योजना जारी है परंतु इस योजना के अंतर-पीढ़ीगत प्रभाव पर सीमित साक्ष्य उपलब्...
- Harold Alderman Suman Chakrabarti Daniel Gilligan Purnima Menon Samuel Scott
- 24 अगस्त, 2021
- लेख
कोटा (आरक्षण) और स्कूली शिक्षा सम्बन्धी निर्णय
सामाजिक समूहों में व्याप्त असमानताओं को पाटने के एक साधन के रूप में, सकारात्मक कार्रवाई, दशकों से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। यह लेख 1990 के दशक में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और कॉलेजों में भारत ...
- Gaurav Khanna
- 20 अगस्त, 2021
- लेख
आरम्भ वही करे जो समाप्त हो सके! जोखिम और स्कूली शिक्षा में निवेश
आर्थिक झटकों के परिणामों को कम करने के लिए माता-पिता अधिक काम करने के लिए प्रेरित होते हैं और बच्चों का अधिक समय घर के कामों में उनकी मदद करने या परिवार के खेतों में बीत सकता है, जिससे उनकी स्कूली शिक...
- Andrew Foster Esther Gehrke
- 30 जुलाई, 2021
- लेख
शिक्षक की जवाबदेही: कक्षा में पढ़ाई संबंधी कार्यों की तुलना में गैर-शैक्षणिक कार्य को प्राथमिकता
यद्यपि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009) के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं के लिए 200 दिनों का शिक्षण अनिवार्य है लेकिन सरकारी स्कूलों में इसकी वास्तविक संख्या बहुत कम प्रतीत होती है। गुणात्मक फील्डवर्क और राज...
- Indira Patil
- 23 नवंबर, 2020
- फ़ील्ड् नोट
नकुशा: बेटों की चाहत, अवांछित बेटियाँ और स्कूली शिक्षा में लैंगिक-अंतर
भारतीय समाज में सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के कारण बेटों की चाहत आम बात है। 1986 से 2017 तक राष्ट्रीय रूप का प्रतिनिधित्व करते आंकड़ों का प्रयोग कर यह आलेख बेटों की तुलना में बेटियों की शिक्षा पर, मा...
- Ashwini Deshpande Apoorva Gupta
- 12 नवंबर, 2020
- लेख
ग्रामीण भारत में स्कूल का चयन: धारणा बनाम वास्तविकता
कम शुल्क वाले निजी स्कूलों की संख्या मे वृद्धि होने के साथ भारत में स्कूलों के विकल्पों में काफी वृद्धि हुई है और इसे स्कूली शिक्षा के लिए बाजार-आधारित दृष्टिकोण के अंतर्गत महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्...
- Rahul Lahoti Rahul Mukhopadhyay
- 15 अक्टूबर, 2020
- लेख