Tag Search: “कृषि”
कृषि श्रमिकों का निकास और पराली का जलना
यद्यपि श्रमिकों का कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों से उच्च उत्पादकता वाले क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित होने की प्रक्रिया को आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले ...
-
Hemant Kumar Pullabhotla
03 फ़रवरी, 2021
- लेख
सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाना तथा उत्पादकता: भारतीय कृषि में मोबाइल फोन की भूमिका
2000 के दशक के मध्य और उत्तरार्ध के दौरान भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन कवरेज का विस्तार किया और कृषि संबंधी सलाह लेने वाले किसानों के लिए निशुल्क कॉल सेंटर सेवाओं की शुरुआत की। इस लेख से ...
-
Apoorv Gupta
Jacopo Ponticelli
Andrea Tesei
12 जनवरी, 2021
- लेख
कृषि कानून: प्रथम सिद्धांत और कृषि बाजार विनियमन की राजनीतिक अर्थव्यवस्था
कृषि क़ानूनों के इस संगोष्ठी का समापन करते हुए मेखला कृष्णमूर्ति और शौमित्रो चटर्जी इस आलेख में यह तर्क देते हैं कि विनियामक सुधार, अनिवार्य नीतिगत डिजाइन और कार्यान्वयन के लिए एक अधिक व्यापक और प्रासं...
-
Shoumitro Chatterjee
Mekhala Krishnamurthy
03 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण
कृषि कानून: सकारात्मक परिणामों के लिए क्षमतावान
सिराज हुसैन का तर्क है कि यद्यपि कृषि कानून भारतीय कृषि के लिए मध्यम-से-लंबी अवधि में लाभकारी हो सकते हैं परंतु यदि उन्हें पारित कराने के लिए संसदीय प्रक्रियाओं का पालन किए जाता और आम सहमति बनाने के ...
-
Siraj Hussain
02 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण
कृषि कानून: कायापलट करने वाले बदलाव लाने की संभावना कम है
इस पोस्ट में संजय कौल ने कृषि कानून से सभी हितधारकों (किसानों, व्यवसायियों, कमीशन एजेंटों, और सरकार) को होने वाले लाभों और कमियों पर चर्चा की है। इसमें शामिल गतिशीलता को देखते हुए उन्होने यह निष्कर्ष ...
-
Sanjay Kaul
29 अक्टूबर, 2020
- लेख
कृषि कानून: वांछनीय होने के लिए डिजाइन में बहुत कुछ छूट गया है
सुखपाल सिंह कृषि विपणन के मौजूदा तंत्र के मद्देनजर कृषि कानून के संभावित निहितार्थों की जांच करते हैं और इसकी डिजाइन में कुछ खामियों को उजागर करते हैं। ...
-
Sukhpal Singh
26 अक्टूबर, 2020
- दृष्टिकोण
कृषि कानून: कृषि विपणन का उदारीकरण आवश्यक है
कृषि कानून पर अपना दृष्टिकोण प्रदान करते हुए भरत रामास्वामी ने यह कहा है कि कृषि विपणन का उदारीकरण एक आवश्यक कदम है – पूर्व में सभी राजनीतिक विचारधाराओं द्वारा इसका समर्थन किया गया। इसमें बदलाव करना य...
-
Bharat Ramaswami
23 अक्टूबर, 2020
- दृष्टिकोण
ई-संगोष्ठी का परिचय: नए कृषि कानून को समझना
क्या कृषि कानून किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगे? क्या किसानों को बाजारों तक विस्तारित पहुंच से लाभ मिल सकता है? क्या वे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून के कारण शहरी फर्मों के साथ अनुबंध स्थापित करने...
-
Ashok Kotwal
21 अक्टूबर, 2020
- विचार-गोष्ठी
कोविड-19: क्या हम लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं? - भाग 2
इस आलेख के पहले भाग में, लेखकों ने भारत में कोविड-19 के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करने हेतु व्यापक सिफारिशें कीं। इस भाग में, वे पांच ऐसे समूहों की पहचान करते हैं जिनके वर्तमान संकट से ...
-
Abhinash Borah
Sabyasachi Das
Aparajita Dasgupta
Ashwini Deshpande
Kanika Mahajan
Bharat Ramaswami
Anuradha Saha
Anisha Sharma
08 अप्रैल, 2020
- लेख
कोविड-19: क्या हम लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं? - भाग 1
कोविड-19 के प्रसार की संभावित पुनरावृत्ति को रोकने के लिए यह लॉकडाउन, संभवतः भविष्य में किए जाने वाले कई लॉकडाउन में से पहला हो सकता है, इसलिए नीति निर्माताओं को इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यक्तिय...
-
Abhinash Borah
Sabyasachi Das
Aparajita Dasgupta
Ashwini Deshpande
Kanika Mahajan
Bharat Ramaswami
Anuradha Saha
Anisha Sharma
06 अप्रैल, 2020
- दृष्टिकोण
उषारमुक्ति परियोजना: नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए संस्थानों का संगम
पश्चिम बंगाल सरकार की एक परियोजना ‘उषारमुक्ति’ को राज्य के पश्चिमी हिस्से में नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि मिट्टी और पानी के संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत जल विभाजक ...
-
Ashwini Kulkarni
30 जनवरी, 2020
- दृष्टिकोण
उनसे ज्यादा अंधा कोई और नहीं जो देखना हीं नहीं चाहते
भारत सरकार के आंकड़ों के आधार पर, भारत के अर्थशास्त्रियों ने और सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर दो विपरीत आख्यान स्थापित किए हैं। इस पोस्ट में, प्रणव सेन ने इस दो आख्यानों के बीच के अंतर पर प्...
-
Pronab Sen
02 जनवरी, 2020
- लेख