Tag Search: “राजनीतिक अर्थव्यवस्था”
नौकरशाही नियुक्तियों को मिलने वाले निजी लाभ: भारत में वित्तीय खुलासे से साक्ष्य
हम अक्सर देखते हैं कि नौकरशाहों की तनख्वाह का ढांचा बहुत बंधा हुआ होता है | साथ ही, उन्हें मिलने वाली अन्य आर्थिक सुविधाएं और भत्ते न सिर्फ बेहद कम होते हैं, बल्कि उनमें प्रदर्शन के आधार पर कोई खास फर...
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Amit Chaudhary
Song Yuan
10 अगस्त, 2022
- लेख
बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?
सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नाग...
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R. Nagaraj
02 मार्च, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: समस्याएँ तथा युक्तियां
भारत के 2022-23 के केंद्रीय बजट का विश्लेषण करते हुए, नीरज हाटेकर तर्क देते हैं कि मनरेगा, ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, जिसे 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना में अतिरिक्त धन प्राप्त नहीं हुआ है, क...
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Neeraj Hatekar
25 फ़रवरी, 2022
- लेख
बिहार में शराबबंदी: विवेकपूर्ण नीति या व्यर्थ प्रयास?
बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निर्णय इस तर्क पर आधारित है कि शराब का सेवन महिलाओं के प्रति हिंसा का प्राथमिक कारण है। इस लेख के जरिये कुमार और प्रकाश तर्क...
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Sanjeev Kumar
Nishith Prakash
03 फ़रवरी, 2022
- दृष्टिकोण
क्या ओबीसी हेतु आरक्षण विकास के लिए अच्छा है?
सकारात्मक कार्रवाई के बारे में बहस हमेशा योग्यता बनाम सामाजिक न्याय के सवाल में घिरी रही है, और जाति-आधारित जनगणना किये जाने की चर्चा ने एक बार फिर से अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के आरक्षण से संबंधित ...
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Poulomi Chakrabarti
02 नवंबर, 2021
- लेख
वह जीतती है: जातीय आधार पर विभाजित समाजों में महिलाओं का चुनाव
भारतीय संविधान के अनुसार ग्रामीण स्थानीय सरकारों में महिलाओं के लिए कम से कम 33% सीटें आरक्षित हैं, और बिहार उन नौ राज्यों में से है जिन्होंने 50% आरक्षण का विकल्प चुना है। हालांकि, राज्य और केंद्र स्...
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Arindam Banerjee
Sayan Banerjee
Charles R. Hankla
Kunal Singh
Anjali Thomas
06 अगस्त, 2021
- फ़ील्ड् नोट
दो बच्चों की सीमा का स्थानीय राजनेताओं पर प्रभाव
भारत के कुछ राज्यों में दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को स्थानीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं है। इस कॉलम से पता चलता है कि इस प्रकार के कानून के कारण ऐसे राज्यों में सामान्य जनता के बीच प्रजनन दर क...
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S. Anukriti
Abhishek Chakravarty
12 जुलाई, 2021
- लेख
2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव: क्या कोविड-19 के बढ़ने से प्रभाव पड़ा?
पश्चिम बंगाल राज्य में हुए हाल के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस विजयी हुई है। इस लेख में घटक और मैत्रा ने 2016, 2019, तथा 2021 के चुनावी आंकड़ों का उपयोग करते हुए, चुनाव लड़ने वाले दल...
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Maitreesh Ghatak
Pushkar Maitra
27 मई, 2021
- दृष्टिकोण
नेता और नागरिक: भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी
भारत में आगामी राज्य चुनावों के संदर्भ में की जाने वाली चर्चाओं में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी एक प्रमुख तत्व के रूप में उभरी है। इस पोस्ट में, नलिनी गुलाटी और एला स्पेन्सर ने देश में महिलाओं के राज...
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Nalini Gulati
Ella Spencer
16 अप्रैल, 2021
- दृष्टिकोण
कृषिक्षेत्र के द्वार पर ‘ड्रामा’
नए 'एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) बाइपास एक्ट' को 'डुअल रेगुलेशन ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग एक्ट' या ‘ड्रामा’ बताते हुए ज्यां द्रेज़ यह तर्क देते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दोहर...
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Jean Drèze
23 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
कृषि कानून: कृषि विपणन निजीकरण के लिए कार्य-योजना
कृषि विपणन में मुक्त बाजार प्रतिस्पर्धा को कथित रूप से बढ़ावा देने वाले कृषि कानूनों के सार पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिलीप मुखर्जी एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) मंडियों के सुधार की आवश्यकता पर जोर ...
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Dilip Mookherjee
05 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: अनौपचारिक श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने हेतु विस्तार करना
ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए रक्षिता स्वामी और अमित बसोले ने इसकी सरल डिजाइन को इसकी ताकत के रूप में उजागर किया है और अधिक व्यापक दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में अ...
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Amit Basole
Rakshita Swamy
27 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण