विविध विषय

रिसर्च और पॉलिसी के बीच फासला कम करने के लिए प्रमुख आर्थिक संस्थानों ने हाथ मिलाया

  • Blog Post Date 19 जुलाई, 2019
  • दृष्टिकोण
  • Print Page

सुविज्ञ निर्णय लेने के लिहाज से प्रमाण-आधारित रिसर्च की बेहतर जानकारी देने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स स्थित इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आइजीसी) और शिकागो विश्वविद्यालय स्थित टाटा सेंटर फॉर डेवलपमेंट (टीसीडी) ने कॉलेबरेशन किया है।  

 

स्थिरता और समावेशिता के साथ तेज विकास की भारत की क्षमता को चुनौती देने वाले मुद्दों से निपटने के मामले में अर्थशास्त्र का बहुत महत्व है। आर्थिक विचारों के जरिए विकास को बढ़ावा देने के साझा मेंडेट के साथ लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस स्थित इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (आइजीसी) और यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो स्थित टाटा सेंटर फॉर डेवलपमेंट (टीसीडी) ने अर्थशास्त्र और नीति संबंधी पोर्टल ‘आइडियाज़ फॉर इंडिया’ (I4I) के जरिए ऑपचारिक कॉलेबरेशन किया है। यह विचारधारा-निरपेक्ष पोर्टल अर्थशास्त्रियों, अन्य समाजविज्ञानियों, और डेवलपमेंट प्रैक्टिसनर्स के लिए दमदार शोध परिणामों को प्रचारित करने और प्रभावी विकास नीतियों पर विचारों को शेयर करने का एक प्लैटफॉर्म है। पोर्टल का लक्ष्य प्रमाण-आधारित सार्वजनिक बहस को बढ़ावा देकर नीति हितधारकों के लिए सुलभ विचार प्रस्तुत करना और नीति संबंधी विचार-विमर्शों की जानकारी देना है।   

 ‘‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो स्थित टाटा सेंटर फॉर डेवलपमेंट और इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर, दोनो को समान रूप से विश्वास है कि प्रमाण-आधारित नीति निर्माण जीवन स्तरों में तेज प्रगति की कुंजी है। इसके लिए विचारों के विकास, परिश्रमपूर्वक जांच, सघन संवाद और वृद्धि के निरंतर प्रेरक चक्र की जरूरत है। रिसर्चर्स और नीति निर्माताओं के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को सुगम बनाकर यह पोर्टल इस चक्र के एक महत्वपूर्ण लिंक को मजबूत करेगा। अत्यंत सफल ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ को अगले स्तर पर ले जाने में सहयोग के लिए आइजीसी के साथ काम करने में हम अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं,’’ टाटा सेंटर फॉर डेवलपमेंट के फैकल्टी डायरेक्टर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो में अर्थशास्त्र में मिल्टन फ्रीडमैन डिस्टिंग्वीस्ड सर्विस प्रोफेसर और आइजीसी के ऊर्जा अनुसंधान कार्यक्रम के लिए रिसर्च प्रोग्राम डायरेक्टर माइकल ग्रीनस्टोन ने कहा। 

‘‘आइडियाज़ फॉर इंडिया का आरंभ गैर-तकनीकी पाठकों के लिए आइजीसी और इसके पेशेवर अर्थशास्त्रियों के नेटवर्क द्वारा सामने लाए गए भारत के आर्थिक मुद्दों पर हुए मूल रिसर्च को प्रचारित करने के लिए प्लैटफॉर्म के रूप में किया गया था। विगत वर्षों के दौरान अधिक विविधतापूर्ण मुद्दों पर काफी व्यापक योगदान को शामिल करने के लिए इसने अपने आधार का विस्तार किया है। आज व्यवहार में भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित सभी मुद्दों के लिए इसने खुद को सबसे अग्रणी पोर्टल्स में से एक के बतौर स्थापित कर लिया है। हालांकि शोध-आधारित प्रतिपादनों पर फोकस अभी भी इसके केंद्र में है। टीसीडी के साथ मिलकर काम करने से टीसीडी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो के नेटवर्क की संलग्नता के जरिए इस फोकस को निस्संदेह काफी अधिक मजबूती मिलेगी,’’ आइजीसी के इंडिया प्रोग्राम के कंट्री डायरेक्टर डॉ. प्रणब सेन ने कहा। 

‘‘एकेडमिक रिसर्च के अधिकांश क्षेत्रों के विपरीत अर्थशास्त्र की अनोखी विशेषता यह है कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी की समस्याओं के बारे में विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तावित उत्तरों को हर कोई जानना चाहता है। जानकार मतदाताओं के जरिए ही विवेकपूर्ण प्रमाण-आधारित नीतिगत व्यवस्था की संभावना बनती है, इसलिए भारत के विकास संबंधी मुद्दों पर सबसे प्रासंगिक शोध परिणामों का अनुवाद और व्याख्या आइडियाज़ फॉर इंडिया द्वारा अपने लिए तय किया गया मिशन है। टीसीडी के साथ कॉलेबरेशन के जरिए हमारे प्रयासों को काफी मजबूती मिलेगी। उनकी विशेषज्ञता के जरिए किए गए मूल्यवर्धन और उनकी वित्तीय सहायता से हमारे प्रयासों की गुणवत्ता और क्षेत्र निस्संदेह बढ़ेगा,” आइडियाज फॉर इंडिया के प्रधानसंपादक अशोक कोटवाल ने कहा।   

इस कॉलेबरेशन के हिस्से के बतौर आइजीसी और टीसीडी अपने रिसर्च को इस तरह से सामने लाएंगे कि नीतियों के मामले में उनका प्रभाव पड़े और विकासमूलक अर्थशास्त्र तथा सामाजिक विकास के क्षेत्र में हो रहे काम से आम पाठक परिचित हो सकें। शिक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण, श्रम अर्थशास्त्र, लोक वित्त, जल एवं स्वच्छता, तथा नगर विकास सहित विभिन्न थीमों वाले क्षेत्रों में जिन बाधाओं का मुकाबला करने की जरूरत है, उन्हें तय करने के लिए रिसर्चर्स और वैश्विक, राष्ट्रीय तथा स्थानीय निर्णयकर्ताओं के बीच कॉलेबरेशन को प्रोत्साहित करने के लिए आइजीसी और टीसीडी मिलकर काम करेंगे। 

यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो स्थित टीसीडी के बारे में

यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो में बेकर फ्रीडमैन इंस्टीट्यूट फॉर इकनॉमिक्स का एक संबद्ध केंद्र, टीसीडी, सामाजिक चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अर्थशास्त्रीय सोच को लागू करने की विश्वविद्यालय की परंपरा को, और भारत संबंधी महत्वपूर्ण शोध को अनेक विषयों के विद्वानों के संयोजन के माध्यम से आगे बढ़ाता है। शोध परिणामो का नीतियों में अनुवाद करने के लिए, टीसीडी, सभी स्तरों पर नीति निर्माताओं और सभी क्षेत्रों में नीति उद्यमियों के साथ जुड़ता है और सफलता का प्रदर्शन करने के लिए पायलट परियोजनाओं को शुरू करता है।

No comments yet
Join the conversation
Captcha Captcha Reload

Comments will be held for moderation. Your contact information will not be made public.

समाचार पत्र के लिये पंजीकरण करें