पर्यावरण

सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए सूचना-संबंधी बाधाओं को कम करना: भारत से प्रायोगिक साक्ष्य

  • Blog Post Date 17 अगस्त, 2022
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Meera Mahadevan

University of California, Irvine

meera.m@uci.edu

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Takashi Yamano

Asian Development Bank

tyamano@adb.org

अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। इस अंतर को ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकियां कम कर सकती हैं,तथापि इन्हें कम अपनाया गया है। इस लेख में तीन भारतीय राज्यों में सौर गृह-प्रणालियों को अपनाये जाने संबंधी सूचना प्रावधान की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है, और यह पाया गया कि भले ही इन प्रौद्योगिकियों में वास्तविक रूप में टेक-अप आय और क्रेडिट बाधाओं के कारण कम रहा हो, संभावित ग्राहक जिन्हें इनकी बेहतर जानकारी दी गई थी,उन्होंने सौर उत्पादों में अधिक रुचि व्यक्त की है।

दुनिया भर में, भारी संख्या में लोगों (लगभग 84 करोड़) के पास बिजली की पहुंच नहीं है; और भी अधिक लोग (अतिरिक्त एक अरब लोग) ऐसे ग्रिड से बिजली प्राप्त करते हैं जो लगातार आउटेज और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव सहित खराब गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करते हैं (विश्व बैंक,2020)। ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकियां पर्यावरणीय लाभ के अलावा, ग्रिड का विस्तार होने तक बिजली सेवाएं प्रदान करके या बिजली सेवा की गुणवत्ता खराब रहने पर बिजली आपूर्ति अंतराल को भरकर मदद कर सकती हैं (शर्मा एवं अन्य 2020)। बिजली सेवा की गुणवत्ता दक्षिण एशिया में विशेष रूप से प्रासंगिक है, क्योंकि वहाँ दुनिया में सबसे अधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है (झांग 2019)।

 ऑफ-ग्रिड सौर गृह-प्रणालियों का कम अपनाया जाना

ऑफ-ग्रिड सौर प्रणालियों के असंख्य लाभों के बावजूद, उन्हें कम ही अपनाया गया है। विगत  अध्ययनों में, इसके कम अपनाये जाने से संबंधित कई संभावित कारणों जैसे- इनके लिए भुगतान करने की कम इच्छा (रोम और गंथर 2019, बर्जेस एवं अन्य 2020, ग्रिम एवं अन्य 2020, सिवर्ट और स्टीनबक्स 2020), तरलता की कमी (ग्रिम एवं अन्य 2020),और केंद्रीकृत ग्रिड (बर्जेस एवं अन्य 2020) या विशिष्ट उपकरणों, जो ग्रिड द्वारा संभावित रूप से बेहतर संचालित हैं, के लिए प्राथमिकताएं (ली एवं अन्य 2016),की जांच की गई है। हालांकि, कुछ अन्य स्पष्टीकरणों का कम अध्ययन किया गया है: उदाहरण के लिए, विभिन्न उपकरणों हेतु सौर उत्पादों और उनकी उपयुक्तता के बारे में अधूरी जानकारी की भूमिका को मध्यम आय वाले परिवारों और छोटी फर्मों (त्रिवेदी एवं अन्य 2017, चौधरी 2018) द्वारा इन्हें कम अपनाये जाने के एक कारण के रूप में उजागर किया गया है। इन प्रणालियों को अपनाने संबंधी अन्य संदर्भों में सूचना के प्रावधान ने कुछ आशाजनक संकेत दर्शायें है (अकर और जैक 2021 देखें), और अगर इससे सौर उत्पादों को अपनाने में वृद्धि हो सकती है, तो यह इनके अपनाये जाने को बढ़ाने का कम लागत वाला एक उल्लेखनीय तरीका साबित हो सकता है।

अध्ययन

हमारे हालिया अध्ययन (महादेवन एवं अन्य 2022) में, भारतीय राज्यों- बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में सौर गृह-प्रणालियों को अपनाये जाने के बारे में सूचना की भूमिका और इसके वितरण को समझने के लिए एक यादृच्छिक प्रयोग शामिल था। हमने सौर गृह-प्रणालियों की बिक्री कर रही एक सोलर स्टार्ट-अप कंपनी के साथ सहयोगात्मक कार्य किया, जिसने पूर्व में गृह-प्रणालियों की अपेक्षा से कम बिक्री का सामना किया था। कंपनी की ओर से किए गए मार्केटिंग सर्वे के मुताबिक इसका एक कारण लोगों को इन उत्पादों के बारे में कम जानकारी होना था।

सहयोगी कंपनी अपने सौर उत्पादों को बेचने हेतु अपने बिक्री एजेंटों पर निर्भर थी, जिसमें प्रत्येक बिक्री एजेंट को एक जनगणना ब्लॉक उनके बिक्री क्षेत्र के रूप में दिया गया था। बिक्री एजेंटों का उपयोग करने वाले इस तरह के व्यवसाय मॉडल से बिक्री एजेंटों और संभावित ग्राहकों के बीच की सूचना में विषमता की संभावना है; हालांकि, विकासशील देशों में यह असामान्य नहीं है (अशरफ एवं अन्य 2013)। बिक्री एजेंट संभावित ग्राहकों को प्राप्त अधूरी जानकारी का उपयोग लाभ के रूप में करके ग्राहकों को किसी विशेष सौर उत्पाद की बिजली उपकरणों की क्षमता से अधिक का वादा कर सकते हैं या ग्राहक की आवश्यकता से अधिक सौर उत्पादों को बेच सकते हैं। पूर्व के खरीदारों के किये गए एक प्रयोग-पूर्व सर्वेक्षण (संबोधि रिसर्च, 2018) में इन दोनों चिंताओं को उजागर किया गया था। इस प्रयोग से पहले, सौर कंपनी ने ग्राहकों को पे-एज़-यू-गो मॉडल के माध्यम से वित्तपोषण विकल्प प्रदान किए, इससे क्रेडिट संबंधी बाधाओं को कुछ हद तक दूर किया गया था।

इस अध्ययन में यह जाँच की गई कि उत्पाद की सटीक जानकारी प्रदान करने वाले मोबाइल एप्लिकेशन- जिसे इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट पर लोड कर बिक्री प्रक्रिया के दौरान उपयोग किया जाता है, क्या यह उपभोक्ताओं की उत्पाद संबंधी जानकारी में सुधार करता है और उनके द्वारा उक्त उत्पाद को अपनाये जाने में वृद्धि करता है। हमारा ‘हस्तक्षेप’ निम्नानुसार आगे बढ़ा: सौर कंपनी के बिक्री क्षेत्रों के भीतर, 74 जनगणना ब्लॉकों को यादृच्छिक रूप से ‘उपचार’ या ‘नियंत्रण’ समूहों में शामिल किया गया था। ‘उपचारित’ जनगणना ब्लॉकों में काम करने वाले बिक्री एजेंटों को अपनी प्रारंभिक बिक्री यात्राओं के दौरान संभावित ग्राहक (जैसे उनकी भुगतान करने की क्षमता और बिजली की जरूरत) के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए एक विशेष एप्लिकेशन ('ट्रीटमेंट ऐप') युक्त टैबलेट प्रदान किया गया था। इस एप्लिकेशन के माध्यम से उपयुक्त सौर उत्पादों के चित्र और सौर उत्पाद द्वारा संभावित रूप से संचालित उपकरणों के बारे में विशिष्टताओं-सहित उनकी जानकारी उपलब्ध कराई गई थी। ‘नियंत्रण’ समूह में शामिल बिक्री एजेंटों को भी एक टैबलेट मिला, लेकिन उसमें मानक उत्पाद सूची का केवल एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण था।

इस विश्लेषण के लिए हमने डेटा के कई स्रोतों का उपयोग किया, जिसमें बिक्री एजेंटों संबंधी सौर कंपनी का डेटा,उनको निर्दिष्ट किये गए जनगणना ब्लॉक और उनके बिक्री के ऐतिहासिक रिकॉर्ड शामिल हैं। इसके अलावा, हमने बेसलाइन और अनुवर्ती सर्वेक्षणों के डेटा का उपयोग किया- जिसमें ग्राहकों की विशेषताओं, बिजली एवं सौर उत्पादों के बारे में उनके अनुभव, सौर उत्पादों के बारे में उनकी जानकारी,तथा बिक्री एजेंट के उत्पाद ज्ञान और व्यावसायिकता के बारे में ग्राहकों की धारणाओं संबंधी डेटा को एकत्रित किया। हमने जून 2020 में ‘बेसलाइन’ तय करने के लिए सौर कंपनी के 2,246 मौजूदा ग्राहकों तथा अक्टूबर और नवंबर 2020 में फॉलो-अप हेतु 2,328 संभावित ग्राहकों (जिनसे ‘उपचार’ और ‘नियंत्रण’- दोनों समूहों के बिक्री एजेंटों ने संपर्क किया) का सर्वेक्षण किया।

परिणाम

हमारे विश्लेषण से तीन मुख्य परिणाम सामने आए। सबसे पहला, ‘उपचारित’ बिक्री एजेंटों (अर्थात,ऐप वाले) द्वारा संपर्क किए गए अपने संभावित ग्राहकों को ‘नियंत्रण’ समूह के संभावित ग्राहकों की तुलना में उनके खरीद विकल्पों के बारे में बेहतर जानकारी दी गई थी। दूसरा,इन ग्राहकों ने यह भी माना कि उनके पास आए बिक्री एजेंट उच्च स्तर की व्यावसायिकता और अपने उत्पाद का अच्छा ज्ञान रखते हैं। ये प्रभाव ‘नियंत्रण’ समूह के बिक्री एजेंटों द्वारा भी अपनी बिक्री प्रक्रिया के दौरान टैबलेट का उपयोग करने के बावजूद दिखाई दिए। तीसरा, हमारे ‘हस्तक्षेप’ ने ‘उपचार’ समूह के बीच सौर गृह-प्रणालियों को अपनाने में एक मजबूत रुचि पैदा की जो ‘नियंत्रण’ समूह की तुलना में 6 प्रतिशत अंक अधिक थी।

हालांकि, अपनी अल्पकालिक अध्ययन अवधि के दौरान हमने सौर गृह-प्रणालियों को अपनाये जाने संबंधी कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पाया,लेकिन यह संभव है कि यह लंबे समय में  प्रभावित होगा। खरीदारी से पहले बिक्री एजेंट को आमतौर पर अपने ग्राहकों के पास कई बार विज़िट करने की आवश्यकता होती है, इसलिए हम संभावित ग्राहकों की निकट भविष्य में सौर उत्पादों को अपनाने की योजना को बाद में खरीद1 की मजबूत संभावना के रूप में देखते हैं। इसके अतिरिक्त, यह संभव है कि सौर उत्पादों को वास्तविक रूप में अपनाया जाना हाल की आय और ऋण बाधाओं से प्रभावित हुआ हो, क्योंकि हमारे अध्ययन के दौरान कोविड-19 महामारी श्रमिकों की गतिशीलता और कमाई को बाधित कर रही थी। 

निष्कर्ष

हमारा अध्ययन अपेक्षाकृत कम अध्ययन किए गए जनसांख्यिकीय समूह: भारत में निम्न-मध्यम और मध्यम आय वाले परिवारों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह समूह महत्वपूर्ण है, क्योंकि भविष्य में ऊर्जा-उपयोग करने वाली परिसंपत्तियों की खरीद में वैश्विक मध्यम वर्ग द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाये जाने की उम्मीद है (गर्टलर एवं अन्य 2016) और इसे किफायती बनाए रखने हेतु बिजली के उपयोग को सब्सिडी2 देने का सरकारी नीतियों का लक्ष्य होगा (भारत सरकार, 2018)। इस जनसांख्यिकीय समूह के उपभोक्ता द्वारा स्पष्ट रूप से न केवल ग्रिड बिजली के विकल्प के रूप में, बल्कि बिजली सेवाओं3 की खपत को सुचारू करने हेतु सौर होम-सिस्टम का उपयोग किए जाने की भी संभावना है। ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकी को निम्न-मध्यम और मध्यम आय वाले परिवारों द्वारा अपनाये जाने की बढ़ती गुंजाइश न केवल ऊर्जा पहुंच लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, बल्कि ऊर्जा सेवा खपत की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए भी सौर ऊर्जा के महत्व पर प्रकाश डालती है। 

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टिप्पणियाँ:

  1. प्रयोग-पूर्व सर्वेक्षण में, उत्पाद में रुचि दिखाने वाले 46% उपभोक्ताओं ने इसे खरीदा (संबोधि रिसर्च, 2018)
  2. उदाहरण के लिए, यह सुनिश्चित करने की नीति कि 100,000 रुपये से कम में रूफटॉप सोलर सिस्टम उपलब्ध हैं, मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को लाभान्वित करेगी।
  3. अर्थात्, परिवार बिजली सेवाओं के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग उस समय कर सकते हैं जब लोडशेडिंग होती है/ग्रिड के माध्यम से बिजली उपलब्ध नहीं होती है। 

लेखक परिचय: मीरा महादेवन यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया के अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। रॉबिन मीक्स ड्यूक यूनिवर्सिटी में सैनफोर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में सहायक प्रोफेसर हैं | ताकाशी यामानो एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में आर्थिक अनुसंधान और क्षेत्रीय विकास में प्रधान अर्थशास्त्री हैं।

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