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बदलती जलवायु के साथ अनुकूलन के लिए स्वैच्छिक गतिशीलता- सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह

हालांकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव दुनिया की पूरी आबादी को प्रभावित करते हैं, कुछ लोग अपनी भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण, अन्य लोगों की तुलना में अधिक जोखिम में हैं। अन्य देशों के जलवायु परि...

  • दृष्टिकोण

क्या सार्वजनिक सेवाओं में सब्सिडी से बाज़ार अनुशासित होते हैं या मांग का स्वरूप खराब हो जाता है?

पूर्व में हुए शोधों ने भारत के प्रमुख सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम की विफलता को दर्ज किया है- यह कार्यक्रम प्रसवकालीन मृत्यु दर को कम करने में विफल रहा है जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव करा...

  • लेख

आज कितने भारतीय गरीब हैं?

वर्ष 2022-23 के पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण के तहत जारी एक तथ्य पत्रक के बाद भारत में गरीबी पर बहस फिर से शुरू हो गई है। इस लेख में घटक और कुमार उल्लेख करते हैं कि शोधकर्ताओं में आम सहमति है कि देश...

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क्या लड़कियों पर 'नियंत्रण' रखा जाना चाहिए? बिहार के लड़कों और अभिभावकों की राय

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मार्च महीने में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस द्वितीय शोध आलेख में लड़कियों और महिलाओं की लैंगिकता पर नियंत्रण की चर्चा है। बिहार में लड़कियों के बाल विवाह...

  • फ़ील्ड् नोट

महिलाओं में ग़ैर-संचारी रोगों की वृद्धि को रोकने के लिए स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच में सुधार करना

ग़ैर-संचारी रोगों के कारण मृत्यु दर में हो रही वृद्धि के चलते महिलाओं के लिए बदलते स्वास्थ्य देखभाल बोझ को देखते हुए, भान और शुक्ला पिछले दो दशकों में विभिन्न भारतीय राज्यों में हुई बीमारियों की घटनाओं...

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भारत में समाचार पत्र बाज़ार के राजनीतिक निर्धारक

समाचार पत्र भारतीय मतदाताओं के लिए राजनीतिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजनीतिक कारक समाचार पत्र बाज़ार को किस तरह से प्रभावित करते हैं। 2000 के दशक क...

  • लेख

भारत का महिला आरक्षण अधिनियम : शासन के लिए एक बड़ी सफलता और उससे परे

20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस, जिसका मूल लैंगिक असमानता, बहिष्कार, गरीबी बेरोज़गारी व सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आधारित है, के उपलक्ष्य में प्रस्तुत इस लेख में महिला आरक्षण अधिनियम पर चर्चा...

  • दृष्टिकोण

भारत के मिशन परिवार विकास का प्रजनन दर व परिवार नियोजन पर प्रभाव

भारत का बड़े पैमाने का परिवार नियोजन कार्यक्रम, मिशन परिवार विकास, गर्भनिरोधक तक पहुँच में सुधार करता है, कार्यक्रम अपनाने वाले लाभार्थियों को नकद प्रोत्साहन प्रदान करता है और 146 जिलों में प्रजनन की ...

  • लेख

पीढ़ी-दर-पीढ़ी बुनाई : ग्रामीण भारत में पारिवारिक व्यवसायों में उत्पादकता लाभ

हर साल 12 फरवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में उत्पादकता, नवाचार और निपुणता के महत्त्व पर ज़ोर देना है। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत इस लेख में पारिवारिक स्वामित्व ...

  • लेख

रॉबर्ट सोलोव और 'राष्ट्रों की संपन्नता'

अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता रॉबर्ट सोलोव की हाल ही, दिसम्बर 2023 में मृत्यु हुई। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, I4I के प्रधान सम्पादक परीक्षित घोष इस दिवंगत के कुछ योगदानों को रेखांकित ...

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राजनीतिक आरक्षण के वितरणात्मक परिणाम

सन 2011 से 25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी मतदातों को मतदान के महत्त्व के बारे में जागरूक बनाया जाए। मतदान में हमेशा अनुसूचित...

  • लेख

खेत से थाली तक : भारत में सतत पोषण हेतु मोटे अनाज या मिलेट्स पर एकीकृत प्रयास आवश्यक

वर्ष 2023 को कदन्न, मोटे अनाजों या मिलेट्स के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया और आई4आई द्वारा आयोजित ई-संगोष्ठी के इस आलेख में, कुमार, दास और जाट मोटे अनाजों की खेती बढ़ाने की क्षमता के बारे ...

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भारत में विज्ञान शिक्षा के निर्धारण में जाति और लिंग की भूमिका

12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत है यह आलेख। शिक्षा और करियर युवाओं के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग औ...

  • लेख

अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी के प्रति ऋण बाज़ार की प्रतिक्रिया

अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व यानी सीएसआर के प्रति ऋण धारकों की प्रतिक्रिया की जाँच करने के लिए जीतेन्द्र अस्वानी के इस शोध लेख में भारतीय कम्पनी अधिनियम 2013 और इसके सीएसआर नियम से प्रभावित...

  • लेख

सीखने के लिए सतत संघर्ष : आदिवासी क्षेत्रों की कहानी

हाल के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण यानी नेशनल अचीवमेंट सर्वे से पता चलता है कि अधिगम परिणामों के सन्दर्भ में आदिवासी जिले पीछे चल रहे हैं। इसे महत्वपूर्ण मानते हुए, लेख में इस तथ्य पर चिन्ता जताई गई ह...

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