भारत में समाचार पत्र बाज़ार के राजनीतिक निर्धारक
समाचार पत्र भारतीय मतदाताओं के लिए राजनीतिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजनीतिक कारक समाचार पत्र बाज़ार को किस तरह से प्रभावित करते हैं। 2000 के दशक क...
- Julia Cagé Guilhem Cassan Francesca R. Jensenius
- 28 फ़रवरी, 2024
- लेख
क्या मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के प्रति आरबीआई की प्रतिबद्धता विश्वसनीय है?
आरबीआई द्वारा लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) को अपनाए जाने के आठ साल बाद गर्ग, लकड़ावाला और सेनगुप्ता इस फ्रेमवर्क की सफलता का मूल्यांकन करते हैं। वे कोविड-पूर्व अवधि में मुद्रास्फीति लक्ष्यीक...
- Vaishali Garga Aeimit Lakdawala Rajeswari Sengupta
- 04 जुलाई, 2023
- लेख
क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?
यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...
- Narbadeshwar Mishra Jyoti Prasad Mukhopadhyay
- 08 अप्रैल, 2024
- लेख
भारत में महिलाओं का ससुराल वालों के साथ रहने का रोजगार पर प्रभाव
आइडियास फॉर इंडिया के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के महीने भर चलने वाले अभियान के इस आलेख में राजश्री जयरामन का यह मानना है कि भारत में महिलाओं के ससुराल वालों के साथ रहने की उच्च दरों और उनके बीच ...
- Rajshri Jayaraman
- 17 मार्च, 2023
- लेख
कौशल निर्माण और उत्पादक रोजगार तक महिलाओं की पहुँच को बढ़ाना
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर फ़रज़ाना अफरीदी ने महिलाओं के लिए अच्छी नौकरियों के निर्माण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे – कौशल के प्रावधान के बारे में चर्चा की है। वे महिलाओं के कौशल प्रशिक्षण ह...
- Farzana Afridi
- 08 मार्च, 2023
- दृष्टिकोण
75 वर्षों के योजनाबद्ध विकास के बाद आदिवासी आजीविका की स्थिति
भारत में आदिवासी समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने हेतु सतत प्रयास किये जाने के बावजूद, यह समुदाय सबसे वंचितों में से एक रहा है। चौधरी एवं घोष ने इस लेख में झारखंड तथा ओडिशा में रहने वाले आदिवासी समाज की ...
- Dibyendu Chaudhuri Parijat Ghosh
- 02 मार्च, 2023
- लेख
क्या ग्रामीण उत्तर भारत में अभी भी खुले में शौच प्रचलित है?
स्वच्छ भारत मिशन के बाद चार फोकस वाले राज्यों में प्रचलित खुले में शौच को समझने की कोशिश में, व्यास और गुप्ता एनएफएचएस-5 के निष्कर्षों का मूल्यांकन करते हैं। वे पाते हैं कि पारिवारिक स्तर पर एकत्र किए...
- Aashish Gupta Sangita Vyas
- 23 फ़रवरी, 2023
- लेख
मानव और पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य किस प्रकार से आपस में जुड़े हुए हैं: भारत में गिद्धों की संख्या में गिरावट से साक्ष्य
भारत के किसान परंपरागत रूप से अपने मृत मवेशियों के शवों के निपटान हेतु गिद्धों पर भरोसा करते आये हैं। किन्तु आकस्मिक विषाक्तता के चलते भारत में गिद्धों की संख्या कम हो जाने के कारण मृत मवेशियों के शवो...
- Eyal Frank Anant Sudarshan
- 16 फ़रवरी, 2023
- लेख
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु आरक्षण को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित करने की चुनौतियाँ
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार आरक्षित श्रेणियों के सदस्यों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के दायरे से बाहर कर दिया गया है। आयगुन, तुरहान और येनमेज़ इस निर्णय के निहितार्थों ...
- Orhan Aygün Bertan Turhan M. Bumin Yenmez
- 31 जनवरी, 2023
- दृष्टिकोण
गवर्नेंस मैट्रिक्स: बदलाव हेतु सिस्टम की तैयारी को समझना
आदर्श परिणामों की अपेक्षा और किसी अपूर्ण प्रणाली की वास्तविकता के बीच के अंतर को स्पष्ट करने हेतु गौरव गोयल ने ‘गवर्नेंस मैट्रिक्स’ नामक एक ऐसा साधन प्रस्तुत किया है जिसका उपयोग सरकारी पहलों को सफलताप...
- Gaurav Goel
- 25 जनवरी, 2023
- दृष्टिकोण
मजदूरों का एक विभाजन: भारत में जाति की पहचान और कार्य कुशलता
भारत में जातियाँ कुछ व्यवसायों से निकटता से सम्बद्ध हैं और ये लाखों लोगों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करती हैं। इस अध्ययन में एक नए डेटासेट का उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया है कि अभी भी...
- Guilhem Cassan Daniel Keniston Tatjana Kleineberg
- 10 जनवरी, 2023
- लेख
वास्तविकताओं का प्रतिबिंब: महिला सूक्ष्म उद्यमियों की नज़र से डिजिटल टेक्नॉलजी
महामारी के दौरान भौतिक बाजारों से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक हुए बाजारों के विस्तार के कारण भारत में पहले से मौजूद डिजिटल लैंगिक विभाजन और भी बढ़ गया है। ऑटो-फ़ोटोग्राफ़ी का तरीका अपनाते हुए, सेवा भार...
- Aneysha Roy
- 03 जनवरी, 2023
- फ़ील्ड् नोट
राजनीतिक पद का समय और बेईमानी में लैंगिक अंतर: स्थानीय राजनीति से प्राप्त साक्ष्य
राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक होना वर्तमान साहित्य में कम भ्रष्टाचार का संकेत माना गया है | ईमानदारी को एक अंतर्निहित या स्थिर चरित्र विशेषता के रूप में देखा जाता है। हालाँकि, पश्चिम बंगाल मे...
- Ananish Chaudhuri Vegard Iversen Francesca R. Jensenius Pushkar Maitra
- 20 दिसंबर, 2022
- लेख
संकट के दौरान फर्मों के राजनीतिक संबंधों की भूमिका
शोध कहता है कि आर्थिक संकट की स्थिति में किसी फर्म के लिए राजनीतिक संबंध मायने रखते हैं। इस लेख में, भारत में फर्मों के राजनीतिक कनेक्शन के बारे में एक अद्वितीय डेटा सेट के माध्यम से पाया गया कि दुर्ल...
- Yutong Chen Gaurav Chiplunkar Sheetal Sekhri Anirban Sen Aaditeshwar Seth
- 15 दिसंबर, 2022
- लेख
विद्युत अधिनियम में संशोधन: सजग दृष्टिकोण की आवश्यकता
विद्युत अधिनियम, 2003 में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन कुछ विधायी परिवर्तनों के साथ लगभग दो दशकों के बाद आया है। इस लेख में, दीक्षित और जोसे बिजली क्षेत्र के विकास- विशेष रूप से उस समय के दौरान प्रौद्...
- Shantanu Dixit Ann Josey
- 08 दिसंबर, 2022
- लेख