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क्या मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के प्रति आरबीआई की प्रतिबद्धता विश्वसनीय है?

आरबीआई द्वारा लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) को अपनाए जाने के आठ साल बाद गर्ग, लकड़ावाला और सेनगुप्ता इस फ्रेमवर्क की सफलता का मूल्यांकन करते हैं। वे कोविड-पूर्व अवधि में मुद्रास्फीति लक्ष्यीक...

  • लेख

क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?

यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...

  • लेख

क्या लड़कियों पर 'नियंत्रण' रखा जाना चाहिए? बिहार के लड़कों और अभिभावकों की राय

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मार्च महीने में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस द्वितीय शोध आलेख में लड़कियों और महिलाओं की लैंगिकता पर नियंत्रण की चर्चा है। बिहार में लड़कियों के बाल विवाह...

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भारत में ज़मीन की महँगाई और इसके उपाय

भारत में ज़मीन की कीमत उसके मौलिक मूल्य की तुलना में अधिक है, जिसके चलते देश में आर्थिक विकास प्रभावित हो रहा है। इस लेख में, गुरबचन सिंह दो व्यापक कारकों- शहरी भारत में लाइसेंस-परमिट-कोटा राज और ग्रा...

  • दृष्टिकोण

सतत विकास की दिशा में भारत के अवसर

गत सप्ताहांत लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस में 'भारत सतत विकास सम्मेलन' का आयोजन किया गया जिसमें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रो. एस्थर दुफ्लो समेत कई प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, विशेषज...

  • दृष्टिकोण

भारत के विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिकों में निवेश और उत्पादकता

पहली मई को दुनिया भर में श्रम दिवस मनाया जाता है और आधुनिक विश्व की अर्थ व्यवस्था और प्रगति में श्रम, श्रम बाज़ार व श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी सन्दर्भ में आज के इस लेख में, अध्वर्यु एवं अन्य...

  • दृष्टिकोण

अच्छी नौकरियों की खोज में सहायता : युगांडा में शोध से प्राप्त साक्ष्य

ऐसी नीतियाँ बनाने के लिए जो श्रम-बाज़ार में प्रवेश करने वाले युवाओं को अच्छी नौकरियों की ओर ले जाएं, नौकरी खोज प्रक्रियाओं को समझना महत्वपूर्ण है। यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि इनका लाभकारी रोज़गार खोजन...

  • लेख

क्या कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों को बन्द करना व्यवहार्य है? वैश्विक दृष्टिकोण सर्वेक्षण से प्राप्त साक्ष्य

हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला ‘पृथ्वी दिवस’ आधुनिक पर्यावरण जन-आन्दोलन के जन्म की सालगिरह को चिह्नित करता है और पर्यावरण के प्रति मनुष्य के दायित्व को रेखांकित करता है। इस अवसर पर प्रस्तुत शोध आ...

  • लेख

भारत में उद्यमिता और रोज़गार में लैंगिक असमानताओं का आकलन

आर्थिक विकास सम्पूर्ण कार्यबल के सफल उपयोग पर निर्भर करता है। एजाज़ ग़नी का तर्क है कि लैंगिक समानता न केवल मानवाधिकारों का एक प्रमुख स्तम्भ है, बल्कि उच्च और अधिक समावेशी आर्थिक विकास को बनाए रखने का ए...

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क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?

यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...

  • लेख

भारत में महिलाएँ और उनका स्वास्थ्य

मार्च महीने में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सन्दर्भ में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस अंतिम आलेख में I4I की संपादकीय सलाहकार नलिनी गुलाटी भारत में महिलाओंके स्वास्थ्य पर आर्थिक शोध का एक सार प्रस्...

  • दृष्टिकोण

मानसिक बीमारी की 'अदृश्य' विकलांगता : सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच में बाधाएं

विश्वव्यापी अनिश्चितता और सन्घर्ष में अंतर्राष्ट्रीय ख़ुशी दिवस, 20 मार्च का महत्व और बढ़ जाता है। इसी सन्दर्भ में दिव्यांगता के आयाम में प्रस्तुत इस शोध आलेख में साक्षी शारदा लिखती हैं कि मानसिक स्वास्...

  • दृष्टिकोण

क्या लड़कियों पर 'नियंत्रण' रखा जाना चाहिए? बिहार के लड़कों और अभिभावकों की राय

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मार्च महीने में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस द्वितीय शोध आलेख में लड़कियों और महिलाओं की लैंगिकता पर नियंत्रण की चर्चा है। बिहार में लड़कियों के बाल विवाह...

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महिलाओं में ग़ैर-संचारी रोगों की वृद्धि को रोकने के लिए स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच में सुधार करना

ग़ैर-संचारी रोगों के कारण मृत्यु दर में हो रही वृद्धि के चलते महिलाओं के लिए बदलते स्वास्थ्य देखभाल बोझ को देखते हुए, भान और शुक्ला पिछले दो दशकों में विभिन्न भारतीय राज्यों में हुई बीमारियों की घटनाओं...

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भारत में समाचार पत्र बाज़ार के राजनीतिक निर्धारक

समाचार पत्र भारतीय मतदाताओं के लिए राजनीतिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजनीतिक कारक समाचार पत्र बाज़ार को किस तरह से प्रभावित करते हैं। 2000 के दशक क...

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