भारत में स्कूली पाठ्य पुस्तकों में व्याप्त लैंगिक पूर्वाग्रह का विश्लेषण
शिक्षक का पुस्तकों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण प्रणालियों, नई पीढ़ियों, नवाचार और समाज से अंतरंग सम्बन्ध है। शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर को प्रस्तुत इस शोध आलेख में शिक्षकों की नहीं अपितु पाठ्य पुस्तकों के एक संवे...
- Lee Crawfurd Theodore Mitchell Radhika Nagesh Christelle Saintis-Miller Rory Todd
- 05 सितंबर, 2024
- लेख
भूमि संबंधी ऐतिहासिक नीतियाँ और सामाजिक-आर्थिक विकास : उत्तर प्रदेश का मामला
उत्तर प्रदेश में विकासात्मक परिणामों में महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय भिन्नता पाई जाती है और शोध से पता चलता है कि ऐसा आंशिक रूप से, राज्य के भीतर औपनिवेशिक भूमि संबंधी नीतियों में अंतर के दीर्घकालिक प्रभा...
- Kartikeya Batra
- 20 अगस्त, 2024
- लेख
बदलती जलवायु में बाघों का संरक्षण
बाघ वन साम्राज्य के सबसे राजसी जीवों में से एक हैं। सफ़ेद बाघ और रॉयल बंगाल टाइगर से लेकर साइबेरियन बाघ तक, इन की कई प्रजातियाँ हैं और इनमें से प्रत्येक अपने निवास स्थान पर गर्व से राज करती है। जलवायु...
- Anamitra Anurag Danda
- 13 अगस्त, 2024
- दृष्टिकोण
भारत में माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच से संबंधित चुनौतियां
भारत की नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्ष 2030 तक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच की परिकल्पना की गई है। हालांकि, प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन अधिक होने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच कम रही है।...
- Mridusmita Bordoloi Sharad Pandey
- 01 दिसंबर, 2022
- लेख
भारतीय कानून जलवायु-संबंधी नियमन किस प्रकार से कर सकता है?
बढ़ती हुई जलवायु परिवर्तन चिंता का समाधान केवल नीति के माध्यम से शायद पर्याप्त नहीं है। इस लेख में, दुबाश और श्रीधर कहते हैं कि जलवायु-संबंधित कानून से अर्थव्यवस्था के व्यापक परिणामों को सुनिश्चित किय...
- Navroz K. Dubash Anirudh Sridhar
- 25 नवंबर, 2022
- लेख
भारत में बीमा: प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना की लक्ष्यीकरण संबंधी समस्या
भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम गरीब और कमजोर आबादी पर लक्षित है जो कम से कम चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने में सक्षम होंगे। तथापि, इस लेख में छाबड़ा और स्मिथ दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय और राज्...
- Sheena Chhabra Owen Smith
- 16 नवंबर, 2022
- लेख
एमएसएमई को जमानती (कोलेटरल) ऋण दिए जाने से जुड़ा कम उत्पादकता जाल
महामारी के दौरान एमएसएमई को दिए गए बैंक ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। इस लेख में, हर्ष वर्धन ने इस वृद्धि के संभावित चालक के रूप में बैंक ऋणों की सरकारी गारंटी के बारे में चर्चा की है। वह जमानती...
- Harsh Vardhan
- 10 नवंबर, 2022
- लेख
भारत में पार्टी प्राथमिकताएं और रणनीतिक मतदान
अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव परिणामों का सटीक अंदाजा लगाने हेतु ठोस जानकारी उपलब्ध न होने के कारण कई मतदाता मानते हैं कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार जीत जाएगा। वर्ष 2017 में उत्तर-प्रदेश में हुए विधानसभ...
- Oliver Heath Adam Ziegfeld
- 03 नवंबर, 2022
- लेख
एनबीएफसी किस प्रकार से एमएसएमई वित्त की पुनर्रचना कर रहे हैं
हालांकि भारत के एमएसएमई में 99% से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यम शामिल हैं, उन्हें बैंक ऋण का अपेक्षाकृत कम अनुपात प्राप्त होता है। चंद्रा और मुथुसामी पिछले दो दशकों में एमएसएमई को उधार किस प्रकार से विकस...
- Rohit Chandra Nishanth Muthusamy
- 24 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
उच्च स्कोरिंग लेकिन गरीब: उच्च शिक्षा में प्रतिभा का गलत आवंटन
जैसे-जैसे कॉलेज शिक्षा में श्रम बाजार के लाभों में बढ़ोतरी हुई है, अब पहले से कहीं अधिक युवको को किसी न किसी प्रकार की उच्च शिक्षा प्राप्त हो रही है। फिर भी, गरीब सामाजिक आर्थिक स्थिति के बच्चों की कॉ...
- Andres Yi Chang Jishnu Das Abhijeet Singh
- 20 अक्टूबर, 2022
- लेख
क्या भारत में निर्यात-उन्मुख विनिर्माण मॉडल के दिन लद गए हैं?
भारत अपनी तेजी से बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी हेतु अच्छी तनख्वाह वाली लाखों नौकरियां सृजित करने की चुनौती का सामना कर रहा है, अतः देवाशीष मित्र विश्लेषण करते हैं कि कौन-से क्षेत्र और किस प्रकार की रणन...
- Devashish Mitra
- 10 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
बुढ़ापे का भविष्य
भारत में बुजुर्गों के लिए सार्वजनिक सहायता के व्यापक स्तर पर विस्तार की आवश्यकता है। ड्रेज़ और डफ्लो इस लेख में तर्क देते हैं कि इसकी अच्छी शुरुआत निकट-सर्वव्यापक सामाजिक सुरक्षा पेंशन से हो सकती है। ...
- Jean Drèze Esther Duflo
- 07 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
अच्छी नौकरियां सुनिश्चित कराने में शहरों की भूमिका
भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण के मद्देनजर, राणा हसन उन विभिन्न कारकों पर प्रकाश डालते हैं जो बड़े शहरों को छोटे नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करते हैं: रोजगार के अधिक अवसर, अधिकतम मजदूरी, बड़े व...
- Rana Hasan
- 28 सितंबर, 2022
- दृष्टिकोण
इल्लम थेडी कलवी: कोविड के बाद की शिक्षा के लिए एक बूस्टर शॉट
कोविड -19 महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण हुए शिक्षण के नुकसान की चिंताओं के बीच, तमिलनाडु के एक स्वयंसेवक-आधारित शिक्षा कार्यक्रम - इल्लम थेडी कलवी (आईटीके) – ने सीखने की खाई को पाटने में महत...
- Sarthak Agrawal
- 23 सितंबर, 2022
- फ़ील्ड् नोट
विकासशील देशों में उन्नति से जुड़ी बाधाएं
हाल के दशकों में, उन्नत विश्व प्रौद्योगिकियों को अपनाये जाने से मदद मिलने के कारण कुछ हद तक कई देशों में तेजी से विकास हुआ है। इस लेख में, एरिक वरहोजेन ने उन कारकों के बारे में चर्चा की है जो विकासशील...
- Eric Verhoogen
- 20 सितंबर, 2022
- दृष्टिकोण