वज़ीरएक्स : घाटे का समाजीकरण और वित्तीय विनियमन की आवश्यकता
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को हाल ही में एक सुरक्षा सेंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इसके उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। निपुणा वर्मन ने इस लेख में, ‘घाटे का समाजीकरण’ रिकवरी योजना क...
- Nipuna Varman
- 05 दिसंबर, 2024
- दृष्टिकोण
लिंग-आधारित हिंसा की रिपोर्टिंग : सार्वजनिक सक्रियता और संवाद क्यों महत्वपूर्ण हैं
कोलकाता के एक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या के हालिया मामले के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और इसने एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्ष...
- Abhilasha Sahay
- 28 नवंबर, 2024
- लेख
भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा : प्रदर्शन खराब नहीं है
भारत में नौकरियों के बारे में उपलब्ध आँकड़े पिछले 50 वर्षों में भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण के हिस्से में मामूली वृद्धि ही दर्शाते हैं। इस लेख में बिश्वनाथ गोलदार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि व...
- Bishwanath Goldar
- 26 नवंबर, 2024
- लेख
भारत में स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच: प्रत्यक्ष और स्पिलओवर प्रभाव
भारत में स्वास्थ्य देखभाल की उच्च लागत के चलते कई कम आय वाले परिवार गरीबी में आ जाते हैं | गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम - राष्ट्रीय स्व...
- Gabriella Conti Cynthia Kinnan Anup Malani Alessandra Voena
- 04 अगस्त, 2022
- लेख
प्रवासन-प्रेरित मांग के प्रति शहरी भारत की आवास आपूर्ति प्रतिक्रिया
क्या भारत में शहरी आवास आपूर्ति ने आवास की बढ़ती मांग के साथ तालमेल बिठाया है? यह लेख, वर्ष 2001 और 2011 के बीच के जनगणना संबंधी आंकड़ों का उपयोग करते हुए प्रवासन से प्रेरित आवास मांग की प्रतिक्रिया क...
- Arnab Datta Sahil Gandhi Richard Green
- 28 जुलाई, 2022
- लेख
'इंडियन मैचमेकिंग': कामकाजी महिलाओं को विवाह बाजार में नुकसान (पेनल्टी)
भारत में महिला शिक्षा दरों में वृद्धि के बावजूद, विश्व स्तर पर भारत में महिला श्रम-शक्ति भागीदारी दर सबसे कम में से है। शादी डॉट कॉम (Shaadi.com) पर उपलब्ध प्रोफाइल के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा का उ...
- Diva Dhar
- 21 जुलाई, 2022
- लेख
भारत में शिक्षकों की कमी और इससे जुड़ी वित्तीय लागत का आकलन
भारत में नई शिक्षा नीति के तहत सार्वजनिक प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 10 लाख रिक्त पदों को अत्यावश्यक रूप से भरने का प्रस्ताव किया गया है। इस लेख में,शिक्षा से संबंधित वर्ष 2019-20 के जिला सू...
- Sandip Datta Geeta Gandhi Kingdon
- 15 जुलाई, 2022
- लेख
रोजगार का मनोसामाजिक मूल्य: एक शरणार्थी शिविर से साक्ष्य
रोजगार में आय सृजन के स्पष्ट लाभ-सहित सार्थक मनोसामाजिक लाभ होने की क्षमता के बावजूद, दुनिया के कई सबसे कमजोर समूहों- जिनमें शरणार्थी शामिल हैं, की रोजगार तक पहुंच कम है। यह लेख बांग्लादेश में रोहिंग्...
- Reshmaan Hussam Erin M. Kelley Gregory Lane Fatima Zahra
- 12 जुलाई, 2022
- लेख
शहरी अपवर्जन (बहिष्करण): कोविड-19 के मद्देनजर भारत में सामाजिक सुरक्षा पर पुनर्विचार करना
कोविड-19 के शुरुआती दिनों में लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक असुरक्षा के चलते कई परिवार अपनी उपभोग जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर रहने के लिए मजबूर हुए। यह लेख दिल्ली एनसी...
- Pallavi Choudhuri Sonalde Desai Santanu Pramanik
- 07 जुलाई, 2022
- लेख
भारत में पर्यावरणीय क्षरण में सुधार लाने में नियामक नवाचार की भूमिका
येल पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक की 180 देशों की सूची में भारत अंतिम स्थान पर है। अनंत सुदर्शन भारत में पर्यावरणीय क्षरण के व्यापक आर्थिक और विकासात्मक प्रभावों की जांच करते हैं। इस विषय पर उपलब्ध साहित्...
- Anant Sudarshan
- 30 जून, 2022
- दृष्टिकोण
उच्च वर्ग में विवाह (हाइपरगैमी) का अभाव और घरेलू हिंसा
उच्च वर्ग में विवाह (हाइपरगैमी) के अभाव - जब पत्नी की आर्थिक स्थिति उसके पति के बराबर या अधिक होती है, में क्या घरेलू हिंसा में वृद्धि होती है या कमी आती है, इसके बारे में प्राथमिक रूप से अस्पष्टता है...
- Gaurav Dhamija Punarjit Roychowdhury
- 23 जून, 2022
- लेख
डिजिटल सपना: भारत को भविष्य के लिए कौशल-निपुण बनाना
कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन में आम होती जा रही प्रौद्योगिकी की गति को तेज कर दिया है, इसने एक बड़े डिजिटल विभाजन को भी उजागर किया है, जिससे भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस प्रतिमान बदलाव से बाहर...
- Venugopal Mothkoor Fatima Mumtaz
- 16 जून, 2022
- दृष्टिकोण
जलवायु संबंधी अपने लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की प्रगति
जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत भारत का लक्ष्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक 33-35% तक कम करना है। मनीषा जैन ने ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ में प्रकाशित अपने प...
- Manisha Jain
- 05 जून, 2022
- लेख
भारतीय विनिर्माण उद्योग में हिंदू-मुस्लिम एकता और फर्म का उत्पादन- एक क्षेत्र प्रयोग से साक्ष्य
उपलब्ध प्रमाण दर्शाते हैं कि खराब सामाजिक संबंधों और श्रमिकों में पसंद-आधारित भेदभाव के चलते जातिगत विविधता फर्म के उत्पादन को कम कर सकती है। यह लेख, पश्चिम बंगाल के एक विनिर्माण संयंत्र में किये गए ए...
- Arkadev Ghosh
- 31 मई, 2022
- लेख
क्या वित्तीय पहुंच से भारतीय अनौपचारिक क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिल सकता है?
विकासशील देशों में साख बाजारों की व्यापक विफलता के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई साख संबंधी बाधाओं को व्यापक रूप से उद्यमिता के लिए एक प्रमुख बाधा के रूप में माना गया है। यह लेख वर्ष 2010-11 और 2015-16 के ...
- Ira N. Gang Rajesh Raj S.N. Kunal Sen
- 26 मई, 2022
- लेख