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केंद्रीय-बजट 2020: बुनियादी ढांचे हेतु खर्च, हिस्सेदारी बेचना तथा संसाधनों को मध्यमवर्ग की ओर निर्देशन को प्राथमिकता
वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी को 2020-21 का केंद्रीय बजट पेश किया – यह उस समय आया है जब अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी का सामना कर रही है। इस पोस्ट में, निरंजन राजध्यक्ष ने कहा कि भले ही इस बार की कर-संबं...
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Niranjan Rajadhyaksha
12 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
उषारमुक्ति परियोजना: नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए संस्थानों का संगम
पश्चिम बंगाल सरकार की एक परियोजना ‘उषारमुक्ति’ को राज्य के पश्चिमी हिस्से में नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि मिट्टी और पानी के संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत जल विभाजक ...
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Ashwini Kulkarni
30 जनवरी, 2020
- दृष्टिकोण
उनसे ज्यादा अंधा कोई और नहीं जो देखना हीं नहीं चाहते
भारत सरकार के आंकड़ों के आधार पर, भारत के अर्थशास्त्रियों ने और सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर दो विपरीत आख्यान स्थापित किए हैं। इस पोस्ट में, प्रणव सेन ने इस दो आख्यानों के बीच के अंतर पर प्...
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Pronab Sen
02 जनवरी, 2020
- लेख
डॉ. प्रणव सेन का पी.टी.आई. भाषा के साथ देश की आर्थिक सुस्ती पर साक्षात्कार
भारत के वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहले तिमाही के रिपोर्ट आने से यह ज्ञात हो रहा है कि कई कारणों से देश आर्थिक सुस्ती से गुज़र रहा है। इस बढ़ती हुई आर्थिक सुस्ती के ऊपर डॉ प्रणव सेन का कहना है कि देश की सर...
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Pronab Sen
04 सितंबर, 2019
- दृष्टिकोण
कृषि और केंद्रीय बजट: नीतियां और संभावनाएं
इस पोस्ट में शौमित्रो चटर्जी और मेखला कृष्णमूर्ति ने कृषि बाजार में सुधार, किसानों के लिए व्यवसाय करने में आसानी, और कृषि अनुसंधान तथा विस्तार से संबंधित केंद्रीय बजट 2019 के मुख्य प्रस्तावों का विश्ल...
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Shoumitro Chatterjee
Mekhala Krishnamurthy
24 जुलाई, 2019
- लेख
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: वित्तपोषण के लिए करों की जांच-पड़ताल अत्यंत महत्वपूर्ण
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के पूर्व नैशनल फैलो प्रोफेसर एस. सुब्रामनियन ने आय अंतरण योजना को समायोजित करने के लिए बढ़े कराधान और वांछित वृद्धि के संभावित स्तर के लिए कुछ अनुमान करने के प्रश्न...
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S. Subramanian
22 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के विस्तार को प्राथमकिता
आइजीसी इंडिया के कंट्री डायरेक्टर डॉ. प्रोनाब सेन का तर्क है कि यह देखते हुए कि अधिकांश गरीबी उच्च निर्भरता अनुपातों के कारण हैं – पहली प्राथमिकता वर्तमान सामाजिक सुरक्षा का विस्तार होना चाहिए जिसमे ब...
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Pronab Sen
20 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: गरीबी के दीर्घकालिक समाधान के बजाय उपयोगी 'प्राथमिक उपचार'
लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मैत्रीश घटक का तर्क है कि न्याय द्वारा जिस तरह के नकद अंतरण के बारे में सोचा गया है, उससे जीवन निर्वाह के हाशिए पर जी रहे गरीब लोगों को कुछ राहत और स...
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Maitreesh Ghatak
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: बहुआयामी गरीबी से निपटने का साधन
प्रगति अभियान की निदेशक अश्विनी कुलकर्णी इस विचार को सामने रखती हैं कि न्याय जैसे बिना शर्त आय अंतरण कार्यक्रम से बहुआयामी गरीबी की समस्या हल करने और गरीबों के सबसे असुरक्षित हिस्से को जिंदा रहने से आ...
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Ashwini Kulkarni
17 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: सही लक्ष्यीकरण करना
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डीएगो में अर्थशास्त्र के टाटा चांसलर्स प्रोफेसर कार्तिक मुरलीधरन ने न्याय के तहत देश में सबसे गरीब 20 प्रतिशत प्रखंडों (ब्लॉक्स) को लक्षित करने की और उन क्षेत्रों में न...
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Karthik Muralidharan
16 मई, 2019
- दृष्टिकोण
'न्याय' विचार-गोष्ठी: न्याय से अन्याय न हो
रांची विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज़ ने भारत में सामाजिक सुरक्षा के व्यापक संदर्भ में ‘न्याय’ की भूमिका पर चर्चा की है और इस योजना के लिए कुछ संभावित सिद्धांत प्रस्तावित किए हैं।...
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Jean Drèze
14 मई, 2019
- दृष्टिकोण
‘न्याय’ विचार-गोष्ठी: यूनिवर्सल बेसिक इनकम के एक अनुपूरक का पक्ष
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर प्रनब बर्धन ने एक आय अनुपूरक के पक्ष में तर्क दिए हैं, लेकिन वह जो सबको उपलब्ध हो।...
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Pranab Bardhan
10 मई, 2019
- दृष्टिकोण