Tag Search: “जाती”

मजदूरों का एक विभाजन: भारत में जाति की पहचान और कार्य कुशलता

भारत में जातियाँ कुछ व्यवसायों से निकटता से सम्बद्ध हैं और ये लाखों लोगों द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण करती हैं। इस अध्ययन में एक नए डेटासेट का उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया है कि अभी भी...

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क्‍या कोविड-19 के बढ़ते प्रसार में सामाजिक और आर्थिक विविधता मायने रखती है?

कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए समुदायों को सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता है, जो अधिक विविधत जनसंख्‍या वाले क्षेत्रों में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है। भारत से जिला-स्तरीय आंकड़ों का उ...

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व्यवहार एवं व्यक्तित्व लक्षणों में जातिगत अंतर: विश्वविद्यालय के छात्रों का एक अध्ययन

यद्यपि कई अध्ययनों में जातियों में स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणामों में अंतर की जांच की गई है, लेकिन व्यावहारिक प्राथमिकताओं और व्यक्तित्व लक्षणों में जातिगत अंतर पर बहुत कम साक्ष्‍य उपलब्‍ध हैं। दिल्ली ...

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भारत में मानसिक स्वास्थ्य असमानताएँ

सामाजिक समूहों के बीच शारीरिक स्वास्थ्य असमानताओं को लेकर अब तक काफी शोध किया जा चुका है, लेकिन इसमें मानसिक स्वास्थ्य का पहलू अब तक अनदेखा है। 2007-2008 में छह भारतीय राज्यों में डब्ल्यूएचओ द्वारा कि...

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क्या राजनीतिक आरक्षण कारगर है? यदि हाँ तो किसके लिए?

क्या राजनीतिक आरक्षण विकास को कमजोर करता है या उसे बढ़ावा देता है, तो किसके लिए? यह लेख भारत के 'अनुसूचित क्षेत्रों' का विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जहाँ ऐतिहासिक रूप से वंचित अनुसूचित जनजातियों के लिए ...

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वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन: महाराष्ट्र के दो गांवों की कहानी

वन अधिकार अधिनियम (2006) भारत में एक ऐतिहासिक वन कानून था, जिसके तहत वन संसाधनों पर व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकारों को मान्यता दी गई। हालांकि नवंबर 2018 तक देश भर में प्राप्त कुल दावों में से केवल 44...

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क्या भारत अपने सरकारी स्कूलों में सुधार कर सकता है? - शोध कहता है हां

यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रश्न है कि क्या छात्र परिणामों को प्रभावी ढंग से बढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार किया जा सकता है। यह लेख भारत में उच्च गुणवत्ता वाले सार्वजनिक स्क...

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दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में नीतिगत झटकों से निपटना: विश्‍वसनीयता के निर्धारक तत्व के रूप में सामाजिक नेटवर्क

सामाजिक नेटवर्क में विश्‍वसनीयता एवं भागीदारी एक दूसरे से अंतरनिहित रूप से परस्‍पर संबंधित हैं। यह आलेख दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में विश्‍वसनीयता के निर्धारक तत्वों को चिह्नित करता है, जहां विश्‍...

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