Tag Search: “नौकरियाँ”
भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा : प्रदर्शन खराब नहीं है
भारत में नौकरियों के बारे में उपलब्ध आँकड़े पिछले 50 वर्षों में भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण के हिस्से में मामूली वृद्धि ही दर्शाते हैं। इस लेख में बिश्वनाथ गोलदार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि व...
- Bishwanath Goldar
- 26 नवंबर, 2024
- लेख
भारत में स्थिर वास्तविक मज़दूरी की समस्या
श्रम ब्यूरो और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के नए नए आँकड़े पिछले एक दशक में भारत में वास्तविक मज़दूरी के वास्तविक ठहराव की ओर इशारा करते हैं। इस शोध आलेख में दास और ड्रेज़ तर्क देते हैं कि यह प्र...
- Arindam Das Jean Drèze
- 18 अक्टूबर, 2024
- दृष्टिकोण
भारत में रोज़गार की विशाल समस्या और इसके कुछ समाधान
भारत के केन्द्रीय बजट 2024-25 की घोषणा में रोज़गार सृजन की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण ज़ोर दिया गया है। प्रणब बर्धन इस लेख के ज़रिए लम्बे समय में अच्छी नौकरियों के स्थाई सृजन हेतु एक चार-आयामी रणनीति- बड़े प...
- Pranab Bardhan
- 11 अक्टूबर, 2024
- दृष्टिकोण
श्रम बाज़ार में महिलाओं के खिलाफ पितृसत्तात्मक भेदभाव
कई कम आय वाले देशों में महिलाएं अक्सर श्रम बाज़ार से बाहर रह जाती हैं। इस लेख में पितृसत्तात्मक भेदभाव के रूप में एक नई व्याख्या प्रस्तुत की गई है- महिलाओं को खतरनाक या अप्रिय कार्यों से बचाने के लिए प...
- Nina Buchmann Carl Meyer Colin D. Sullivan
- 28 अगस्त, 2024
- लेख
पंजाब का आर्थिक विकास : सम्भावनाएँ और नीतियाँ
वर्ष 2000 तक उत्तर भारतीय राज्य पंजाब देश में प्रति-व्यक्ति आय रैंकिंग में शीर्ष पर था, उसके बाद से इसकी स्थिति लगातार गिरती गई है। इस लेख में लखविंदर सिंह, निर्विकार सिंह और प्रकाश सिंह ने पंजाब की अ...
- Nirvikar Singh Prakarsh Singh Lakhwinder Singh
- 30 जुलाई, 2024
- दृष्टिकोण
आईडियाज़@आईपीएफ2024 श्रृंखला : एनसीएईआर के भारत नीति मंच से शोध
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च हर साल भारत नीति मंच, इंडिया पॉलिसी फोरम (आईपीएफ) की मेज़बानी करता है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ अर्थशास्त्री और नीति-निर्माता सार्वजनिक नीति के लिए उनकी प्रासंगिकत...
- Pradip Kumar Bagchi
- 18 जुलाई, 2024
- विचार-गोष्ठी
भारत के विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिकों में निवेश और उत्पादकता
पहली मई को दुनिया भर में श्रम दिवस मनाया जाता है और आधुनिक विश्व की अर्थ व्यवस्था और प्रगति में श्रम, श्रम बाज़ार व श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी सन्दर्भ में आज के इस लेख में, अध्वर्यु एवं अन्य...
- दृष्टिकोण
अच्छी नौकरियों की खोज में सहायता : युगांडा में शोध से प्राप्त साक्ष्य
ऐसी नीतियाँ बनाने के लिए जो श्रम-बाज़ार में प्रवेश करने वाले युवाओं को अच्छी नौकरियों की ओर ले जाएं, नौकरी खोज प्रक्रियाओं को समझना महत्वपूर्ण है। यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि इनका लाभकारी रोज़गार खोजन...
- Oriana Bandiera Vittorio Bassi Robin Burgess Imran Rasul Munshi Sulaiman Anna Vitali
- 26 अप्रैल, 2024
- लेख
क्या रोज़गार के सृजन से भारत में गरीबी कम हो सकती है?
भारतीय अर्थव्यवस्था में जब लगातार वृद्धि हो रही है, इस बात पर आम सहमति बनी है कि गरीबी को कम करने के लिए अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन किया जाना महत्वपूर्ण है। एजाज़ ग़नी उन रुझानों को साझा करते हैं जो...
- Ejaz Ghani
- 14 दिसंबर, 2023
- दृष्टिकोण
'प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना
हालाँकि भारत डिजिटल श्रम बाज़ार प्लेटफार्मों के मामले में एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है, लेकिन गिग (अस्थाई और अल्पावधि के काम व सेवाएं) अर्थव्यवस्था के बारे में कम डेटा उपलब्ध है। नेहा आर्य सीपीएचए...
- Neha Arya
- 31 अक्टूबर, 2023
- लेख
क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव
पिछले तीन दशकों में, तापमान में वृद्धि के कारण कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को खपत में कमी का सामना करना पड़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र में खपत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस लेख में विभिन्न क्षेत्रों ...
- Raavi Aggarwal
- 08 सितंबर, 2023
- लेख