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क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य

लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्च...

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ड्यूएट: अनौपचारिक श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने हेतु विस्तार करना

ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए रक्षिता स्वामी और अमित बसोले ने इसकी सरल डिजाइन को इसकी ताकत के रूप में उजागर किया है और अधिक व्यापक दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में अ...

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ड्यूएट: औद्योगिक नीति के दृ‍ष्टिकोण से

ज्यां द्रेज़ के शहरी रोजगार कार्यक्रम हेतु ‘ड्यूएट’ प्रस्ताव पर अपना दृष्टिकोण प्रदान करते हुए स्वाति धींगरा का कहना है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी की तात्कालिक एवं बड़ी समस्या का हल निकाल...

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कोविड-19: बिहार लौटते प्रवासी मजदूर, ग्रामीण आजीविका तथा सामाजिक सुरक्षा

कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण अनेक प्रवासी मजदूरों ने अपना रोज़गार गँवाया और उनमें से करीब 30 लाख से ज्‍यादा प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार लौटे। इस विषय पर प्रोफेस...

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कोविड-19 संकट और छोटे व्यवसायों की स्थिति: एक प्राथमिक सर्वेक्षण से निष्कर्ष

हाल के अपने बयान में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि यह क्षेत्र "अस्तित्व के लिए जूझ रहा है"। इस आलेख में, शांतनु खन्ना और उदयन राठौर ने, मई 2020 में, 360 स...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – चौथा भाग

इस श्रृंखला के पिछले भाग में डॉ. प्रणव सेन ने सुधार के लिए एक मार्ग प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होने 'उत्तबरजीविता' के चरण, यानि लॉकडाउन की तीन महीने की अवधि पर ध्यान केन्द्रित किया था। इस भाग में उन्...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – तीसरा भाग

श्रृंखला के पिछले भाग में, डॉ. प्रणव सेन ने वर्तमान में जारी संकट के कारण हुई आर्थिक क्षति, और अगले तीन वर्षों में अर्थव्यवस्था के अपेक्षित प्रक्षेपवक्र के अनुमान प्रदान किए थे। इस भाग में, उन्‍होंने ...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – दूसरा भाग

आलेखों की इस श्रृंखला के पहले भाग में डॉ. प्रणब सेन ने पिछले दो बड़े आर्थिक झटकों – 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट और 2016-17 में नोटबंदी एवं जीएसटी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर चर्चा की...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – पहला भाग

कोविड-19 महामारी और इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए रोकथाम उपायों ने भारत के साथ-साथ दुनिया के बाकी हिस्सों में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। इसके अलावा, भारत एक बड़े मानवीय संकट का...

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कोविड-19 का राज्य वित्त पर प्रभाव

स्वास्थ्य का विषय राज्य सरकारें देखती हैं, इस लिए जब से भारत में कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई, तब से अलग-अलग राज्यों ने वे सारी प्रतिक्रियाएं अपनाईं हैं जो वे अपने राज्य-स्तरीय विधानों के तहत अपना स...

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कोविड-19 और एमएसएमई क्षेत्र: समस्या 'पहचान' की

हाल ही में 5,000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि उनमें से 71 प्रतिशत उद्यम मार्च 2020 में भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान न...

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केंद्रीय बजट 2020 और भारत का आर्थिक भविष्य

इस पोस्ट में, निर्विकार सिंह ने यह चर्चा की है कि हम हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट से भारत की अर्थव्यवस्था की संभावित दिशा के बारे में क्या जान सकते हैं। वे कहते हैं कि, हालांकि भारत की अर्थव्यवस्थ...

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