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भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में नाइट शिफ्ट पाबन्दी और महिलाओं का रोज़गार
वर्ष 2014 और 2017 के बीच, सात भारतीय राज्यों ने अपने नियमों में बदलाव करके महिलाओं को फैक्ट्रियों में नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाज़त दी और शर्त रखी कि मालिक ऐसी महिलाओं के लिए अच्छी सुविधाएँ देंगे।...
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Bhanu Gupta
Kanika Mahajan
Anisha Sharma
Daksh Walia
30 अक्टूबर, 2025
- लेख
भारत के डेटा कर्मचारी : मनुष्य परिश्रम से मशीनों का सीखना
प्रौद्योगिकी में तरक्की से कर्मचारियों को मौजूदा काम से हटाया जा सकता है, साथ ही नए काम का सृजन भी हो सकता है। इस प्रगति ने जनसांख्यिकीय परिवर्तनों और व्यापक आर्थिक उतार-चढ़ावों के साथ, ग़ैर-मानक रोज़ग...
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Neha Arya
16 अक्टूबर, 2025
- लेख
क्या ग्रामीण सड़कों के निर्माण से समावेशी उद्यमिता को बढ़ावा मिलता है?
सर्वविदित है कि ग्रामीण सड़कों जैसे बुनियादी ढाँचे में निवेश करने से बाज़ारों को एकीकृत करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। लेकिन क्या ये लाभ समाज के सभी समूहों में समान रूप से वितरि...
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Ananyo Brahma
Vidhya Soundararajan
11 सितंबर, 2025
- लेख
मनरेगा का संक्षिप्त इतिहास : 10 चार्टों में 20 वर्षों का लेखाजोखा
वर्ष 2005 में भारत में लागू हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को अब 20 वर्ष पूरे हो गए हैं। ज्याँ द्रेज़ और राहुल आर. इस लेख में मनरेगा कार्यक्रम की उपलब्धियों, असफलता...
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Jean Drèze
Rahul R
04 सितंबर, 2025
- लेख
बदलती दुनिया में ‘भविष्य की नौकरियों’ के लिए योजना
जलवायु परिवर्तन, बढ़ता हुआ स्वचालन तंत्र और वैश्विक आर्थिक नीतियों जैसे बाहरी कारक आने वाले वर्षों में भारत के रोज़गार के परिदृश्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। गत माह अंतर्राष्ट्री...
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Nikita Mujumdar
26 जून, 2025
- दृष्टिकोण
भारत के औद्योगिक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि
पहली मई को दुनिया भर में श्रमिकों के हितों के लिए समर्पित दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसी परिपेक्ष में प्रस्तुत है यह लेख। हाल के वर्षों में, भारत में विनिर्माण क्षेत्र के रोज़गार में औसत वार्ष...
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Suresh Chand Aggarwal
Bishwanath Goldar
01 मई, 2025
- लेख
महिलाओं के कार्यबल की क्षमता को बढ़ाना
शैक्षिक उपलब्धि और स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढाने में भारत पीछे है, जिसके चलते तेज़ और समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य बाधित हो रहा है। इस लेख मे...
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Aakash Dev
Ratna Sahay
06 मार्च, 2025
- लेख
आप्रवासन नीति सम्बन्धी अनिश्चितता श्रम बाज़ारों को प्रभावित करती है
राष्ट्रपति ट्रम्प के फिर से चुने जाने से एच-1बी वीज़ा सम्बन्धी नीतियों पर बहस फिर से शुरू हो गई है, यह एक अस्थाई उच्च कौशल कार्य वीज़ा है जिसमें 70% वीज़ा भारतीयों के पास हैं। इस लेख में, वर्ष 2016 मे...
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Ritam Chaurey
Kanika Mahajan
Shekhar Tomar
21 जनवरी, 2025
- लेख
प्रतिस्पर्धी नौकरियों की खोज : कम शेयरिंग से कंपनियों का नुकसान
श्रम बाज़ार में नौकरियों और कर्मचारियों के सही तालमेल के लिए यह ज़रूरी है कि नौकरी पोस्टिंग की जानकारी उपयुक्त नौकरी खोजने वालों तक पहुँचे। हालांकि इस सम्बन्ध में सोशल नेटवर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते...
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Gaurav Chiplunkar
Erin M. Kelley
Gregory Lane
16 जनवरी, 2025
- लेख
भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा : प्रदर्शन खराब नहीं है
भारत में नौकरियों के बारे में उपलब्ध आँकड़े पिछले 50 वर्षों में भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण के हिस्से में मामूली वृद्धि ही दर्शाते हैं। इस लेख में बिश्वनाथ गोलदार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि व...
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Bishwanath Goldar
26 नवंबर, 2024
- लेख
भारत में स्थिर वास्तविक मज़दूरी की समस्या
श्रम ब्यूरो और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के नए नए आँकड़े पिछले एक दशक में भारत में वास्तविक मज़दूरी के वास्तविक ठहराव की ओर इशारा करते हैं। इस शोध आलेख में दास और ड्रेज़ तर्क देते हैं कि यह प्र...
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Arindam Das
Jean Drèze
18 अक्टूबर, 2024
- दृष्टिकोण
भारत में रोज़गार की विशाल समस्या और इसके कुछ समाधान
भारत के केन्द्रीय बजट 2024-25 की घोषणा में रोज़गार सृजन की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण ज़ोर दिया गया है। प्रणब बर्धन इस लेख के ज़रिए लम्बे समय में अच्छी नौकरियों के स्थाई सृजन हेतु एक चार-आयामी रणनीति- बड़े प...
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Pranab Bardhan
11 अक्टूबर, 2024
- दृष्टिकोण



