Tag Search: “सार्वजनिक सेवा वितरण”
अंतर्निहित प्रयोगों में जोखिम
शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं द्वारा एक टीम के रूप में किये जा रहे 'अंतर्निहित प्रयोगों' में रुचि बढ़ रही है। क्षमता के पैमाने के अलावा,इन प्रयोगों का मुख्य आकर्षण किये गए शोध को शीघ्र ही नीति में पर...
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Jean Drèze
19 मई, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?
सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नाग...
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R. Nagaraj
02 मार्च, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: समस्याएँ तथा युक्तियां
भारत के 2022-23 के केंद्रीय बजट का विश्लेषण करते हुए, नीरज हाटेकर तर्क देते हैं कि मनरेगा, ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, जिसे 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना में अतिरिक्त धन प्राप्त नहीं हुआ है, क...
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Neeraj Hatekar
25 फ़रवरी, 2022
- लेख
घोर उपेक्षा: भारत की राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना
परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होने की स्थिति में परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस) कम बजट आवंटन, प्रतिबंधित कवरेज और प्रशासनिक बाधाओं से घिरी हु...
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Jasmin Naur Hafiz
13 जनवरी, 2022
- दृष्टिकोण
संपन्न शहरी परिवारों में जल संरक्षण को प्रेरित करना
पानी की मांग को कम करना - विशेष रूप से संपन्न, शहरी घरों में - सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने और इसे एक किफायती मूल्य पर बनाए रखने के लिए बढ़ती आपूर्ति के बोझ को कम कर सकता है। बेंगलुरू में किये गए ए...
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Vivek
Deepak Malghan
Kanchan Mukherjee
14 सितंबर, 2021
- लेख
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और कोविड-19
2013 में लागू किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में मूलभूत सुधार ले आया और सबसे महत्वपूर्ण इसके जरिये कानूनी रूप से भोजन का अधिकार' दिया गया। यह लेख ब...
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Ruchira Boss
Mamata Pradhan
Devesh Roy
Sunil Saroj
31 अगस्त, 2021
- लेख
कोविड-19 संकट और खाद्य सुरक्षा
2020 में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत में लगाए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन ने लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया और जो लोग रोज़गार में बने रहे उनकी कमाई में तेजी से कमी आई। बहु-राज्य सर्वेक्षणों के आ...
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Jean Drèze
Anmol Somanchi
02 जुलाई, 2021
- दृष्टिकोण
कोविड-19: बिहार की सरकारी योजनाएँ कमजोर आबादी की सहायता कितने अच्छे से कर रहीं हैं?
कोविड-19 महामारी और उससे जुड़े लॉकडाउन का तत्काल प्रतिकूल प्रभाव ऐसे प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों पर काफी अधिक देखा गया जिनकी अपने मूल गांवों में सरकारी योजनाओं तक पहुंचने की क्षमता अनिश्चित थी। ...
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Advaita Rajendra
Ankur Sarin
Karan Singhal
13 अप्रैल, 2021
- फ़ील्ड् नोट
शासन में सुधार के लिए मोबाइल का उपयोग
मुख्य सार्वजनिक कार्यक्रमों का कितनी अच्छी तरह क्रियान्वयन हो रहा है इसे मापना शासन की एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। देश में मोबाइल-फोन की तेजी से बढ़ रही पहुंच को देखते, मुरलीधरन, नीहौस, सुखतंकर, और वीवर...
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Karthik Muralidharan
Paul Niehaus
Sandip Sukhtankar
Jeffrey Weaver
26 जून, 2019
- दृष्टिकोण