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बालिकाओं की सुरक्षा : स्कूलों में बुनियादी स्वच्छता ढाँचे से यौन हिंसा कम हो सकती है

भारत में दर्ज बलात्कार के मामलों में से 30% से अधिक मामले 18 साल से कम उम्र की बालिकाओं के साथ हुए हैं और इसी उम्र की लड़कियों को सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है। बालिकाओं को ख़तरे में डालने वाला एक प्रमुख...

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सशक्तिकरण : लैंगिक समानता पर सामुदायिक रेडियो का प्रभाव

भारत की सामुदायिक रेडियो नीति, 2006, में शैक्षणिक संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों को स्थानीय स्तर पर निर्मित सामग्री के माध्यम से स्थानीय विकास संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए सामुदायिक रेडियो स्ट...

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प्रौद्योगिकी में लड़कियाँ : आईआईटी की अतिरिक्त सीट योजना का मूल्यांकन

वर्ष 2018 में शुरू की गई अतिरिक्त सीट योजना (सुपरन्यूमरेरी सीट्स स्कीम) का उद्देश्य परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान रहे आईआईटी संस्थानों के स्नातक इंजीनियरिंग छात्रों में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार ला...

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स्वच्छ ईंधन में बदलाव हेतु महिलाओं के समय का मूल्य (महत्त्व) बढ़ाना

ग्रामीण भारत में अधिकांश महिलाएँ पारंपरिक ईंधन का उपयोग जारी रखती हैं, जिसके चलते घरेलू कामों में उनका अधिक समय व्यतीत होता है। फरज़ाना अफरीदी ने इस लेख में मध्य प्रदेश में हुए एक सर्वेक्षण के परिणामों...

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आर्थिक विकास और महिलाओं के खिलाफ अपराध

जैसे-जैसे आर्थिक विकास होता है, प्रौद्योगिकी शक्ति-प्रधान की बजाय कौशल पर अधिक निर्भर होती जाती है, जिससे महिलाओं की कमाई की सम्भावना बढ़ जाती है। इस लेख में, वर्ष 2004-2012 के भारतीय डेटा का विश्लेषण...

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भारत के औद्योगिक कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि

पहली मई को दुनिया भर में श्रमिकों के हितों के लिए समर्पित दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसी परिपेक्ष में प्रस्तुत है यह लेख। हाल के वर्षों में, भारत में विनिर्माण क्षेत्र के रोज़गार में औसत वार्ष...

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‘ब्रिंग-ए-फ्रेंड’: महिलाओं के प्रजनन अधिकार में सुधार के लिए वित्तीय और साथी के समर्थन का लाभ उठाना

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के सन्दर्भ में प्रस्तुत दो आलेखों की श्रृंखला के इस दूसरे लेख में उन परिणामों पर प्रकाश डाला गया है, जिनसे पता चलता है कि अगर महिलाओं के साथी उनके साथ हों तो उनके परिवा...

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लैंगिक समानता और सशक्तिकरण की ओर बढ़ते पहिए

भारत के बिहार और ज़ाम्बिया के ग्रामीण इलाके में, सरकार ने किशोरियों को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल प्रदान करके शिक्षा में लैंगिक अंतर को दूर करने के कार्यक्रम शुरू किए। इस लेख में, इन पहलों के तात्काल...

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गतिशीलता के माध्यम से लैंगिक असमानता से लड़ना : दिल्ली की ‘पिंक टिकट’ योजना का आकलन

आवागमन में व्याप्त लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए, दिल्ली सरकार ने वर्ष 2019 में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त बस यात्रा योजना की शुरुआत की। शहर में महिला यात्रियों के एक सर्वेक्षण के आधार पर, निशा...

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महिलाओं के कार्यबल की क्षमता को बढ़ाना

शैक्षिक उपलब्धि और स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढाने में भारत पीछे है, जिसके चलते तेज़ और समावेशी आर्थिक विकास का लक्ष्य बाधित हो रहा है। इस लेख मे...

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क्या डिजिटलीकरण भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सेवारत कर्मियों के लिए दोधारी तलवार है?

प्रौद्योगिकी को अक्सर स्वास्थ्य सेवा की अक्षमताओं के समाधान के रूप में सराहा जाता है, जबकि भारत के मान्यता-प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) पर इसके प्रभाव की स्थिति जटिल है। चार राज्यों मे...

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बेटियों को सशक्त बनाना : सशर्त नकद हस्तांतरण किस प्रकार से पारम्परिक मानदंडों को बदल सकते हैं

हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2008 में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के महत्व के बारे में ...

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