Tag Search: “नौकरियां”
भारत में रोज़गार की स्थिति : चुनौतियाँ और भविष्य
हालांकि पिछले लगभग 20 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिर वृद्धि देखी गई है, लेकिन रोज़गार में वृद्धि गति नहीं पकड़ पाई है और अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरियों के सृजन में बड़ी चुनौतियाँ बरकरार हैं। इ...
-
Nalini Gulati
Kanika Mahajan
Anisha Sharma
06 नवंबर, 2025
- दृष्टिकोण
प्रौद्योगिकी में प्रगति तथा रोज़गार में बदलाव : भारत में हालिया रुझान
भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज़ी से हो रही प्रौद्योगिकी प्रगति का क्या असर रोज़गार पर हो रहा है? इस सवाल का पता लगाने के लिए, कथूरिया और देव ने इस लेख में ‘उपभोक्ता पिरामिड पारिवारिक सर्वेक्षण’ के डेटा क...
-
Aakash Dev
Rajat Kathuria
20 फ़रवरी, 2025
- दृष्टिकोण
भारत में सिंचाई और स्थानीय आर्थिक विकास के स्थान आधारित पैटर्न
भारत की सिंचाई परियोजनाओं का उद्देश्य कृषि की उत्पादकता और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है। इस लेख में ब्लेकस्ली एवं अन्य द्वारा स्थानीय आर्थिक गतिविधियों की संरचना में सिंचाई उपलब्ध होने के दीर्घकालि...
-
David Blakeslee
Aaditya Dar
Ram Fishman
Samreen Malik
Heitor Pellegrina
Karan Singh Bagavathinathan
21 अप्रैल, 2023
- लेख
भारत में महिलाओं का ससुराल वालों के साथ रहने का रोजगार पर प्रभाव
आइडियास फॉर इंडिया के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के महीने भर चलने वाले अभियान के इस आलेख में राजश्री जयरामन का यह मानना है कि भारत में महिलाओं के ससुराल वालों के साथ रहने की उच्च दरों और उनके बीच ...
-
Rajshri Jayaraman
17 मार्च, 2023
- लेख
कौशल निर्माण और उत्पादक रोजगार तक महिलाओं की पहुँच को बढ़ाना
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर फ़रज़ाना अफरीदी ने महिलाओं के लिए अच्छी नौकरियों के निर्माण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे – कौशल के प्रावधान के बारे में चर्चा की है। वे महिलाओं के कौशल प्रशिक्षण ह...
-
Farzana Afridi
08 मार्च, 2023
- दृष्टिकोण
क्या भारत में निर्यात-उन्मुख विनिर्माण मॉडल के दिन लद गए हैं?
भारत अपनी तेजी से बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी हेतु अच्छी तनख्वाह वाली लाखों नौकरियां सृजित करने की चुनौती का सामना कर रहा है, अतः देवाशीष मित्र विश्लेषण करते हैं कि कौन-से क्षेत्र और किस प्रकार की रणन...
-
Devashish Mitra
10 अक्टूबर, 2022
- दृष्टिकोण
अच्छी नौकरियां सुनिश्चित कराने में शहरों की भूमिका
भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण के मद्देनजर, राणा हसन उन विभिन्न कारकों पर प्रकाश डालते हैं जो बड़े शहरों को छोटे नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करते हैं: रोजगार के अधिक अवसर, अधिकतम मजदूरी, बड़े व...
-
Rana Hasan
28 सितंबर, 2022
- दृष्टिकोण
हिमाचल की शहरी रोजगार गारंटी योजना की जांच
भारत में अर्थशास्त्रियों द्वारा शहरी रोजगार कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में दिए गए सुझावों के बावजूद, इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर की नीति के अमल में आने में कुछ और समय लगेगा। हालांकि, कुछ राज्यों ने...
-
Krishna Priya Choragudi
13 अप्रैल, 2022
- फ़ील्ड् नोट
बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?
सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नाग...
-
R. Nagaraj
02 मार्च, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: समस्याएँ तथा युक्तियां
भारत के 2022-23 के केंद्रीय बजट का विश्लेषण करते हुए, नीरज हाटेकर तर्क देते हैं कि मनरेगा, ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम, जिसे 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना में अतिरिक्त धन प्राप्त नहीं हुआ है, क...
-
Neeraj Hatekar
25 फ़रवरी, 2022
- लेख
अल्पकालिक बीमारी और परिवार में श्रम का प्रतिस्थापन
गरीब कृषि परिवारों में स्वास्थ्य-संबंधी झटकों की वजह से होने वाले चिकित्सा खर्चों का असर उनके पास के सीमित संसाधनों पर पड़ता है और इसके परिणामस्वरूप रोजगार के संभावित उत्पादक दिनों का नुकसान होता है। ...
-
Abhishek Dureja
Digvijay S. Negi
10 सितंबर, 2021
- लेख
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? एक फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष-III
हालांकि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव को सभी जानते हैं परंतु इसके आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आयामों पर अपेक्षाकृत कम साक्ष्य उपलब्ध है। दिल्ली के औद्योगिक समू...
-
Farzana Afridi
Amrita Dhillon
Sanchari Roy
27 जुलाई, 2021
- फ़ील्ड् नोट



