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महामारी के समय में बजट और राजनीति
हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर द...
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Yamini Aiyar
11 मार्च, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: सफलताएं एवं चूक
वर्ष 2022-23 के बजट की सफलताएं एवं चूक को रेखांकित करते हुए, राजेश्वरी सेनगुप्ता यह तर्क देती हैं कि सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना एक सही दिशा में कदम प्रतीत होता है, जबकि संरक्षणवाद पर निर...
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Rajeswari Sengupta
09 मार्च, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2022-23: पूंजीगत लाभ कर, और परिसंपत्ति-मूल्य
परिसंपत्ति-मूल्य स्थिरता को सुनिश्चित कराने की आवश्यकता होते हुए भी, वर्ष 2022-23 के बजट में इक्विटी निवेश पर पूंजीगत लाभ कर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इस लेख के ज़रिये, गुरबचन सिंह संपत्ति-मूल...
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Gurbachan Singh
22 फ़रवरी, 2022
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: राजनीतिक अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट को एक राजनीतिक अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से जांचते हुए यामिनी अय्यर कहती हैं कि भारत सरकार द्वारा चुने गए नीतिगत विकल्प यह दर्शाते हैं कि सरकार का झुकाव वित्तीय संसाधनों ...
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Yamini Aiyar
01 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: लिंग आधारित नजरिए से
2021-22 के केंद्रीय बजट को लिंग आधारित नजरिए से परखते हुए नलिनी गुलाटी ने इस बात पर चर्चा की है कि इस बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजिटल पुश, सार्वजनिक परिवहन, अन्य सार...
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Nalini Gulati
24 फ़रवरी, 2021
- दृष्टिकोण
बजट 2021-22: एक औसत बजट
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट का आकलन करते हुए भास्कर दत्ता यह तर्क देते हैं कि भले इस बजट में कई सकारात्मक पहलू भी हैं परंतु यह कुल मिलाकर निराशाजनक है क्योंकि इसमें गरीबों की जरूरतों को पूरा करने पर ...
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Bhaskar Dutta
18 फ़रवरी, 2021
- दृष्टिकोण
कोविड-19 लॉकडाउन और प्रवासी श्रमिक: बिहार एवं झारखंड के व्यावसायिक प्रशिक्षुओं का सर्वेक्षण
भारत में हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण विशेष रूप से प्रवासी मजदूर बुरी तरह प्रभावित हुए। जब यात्रा प्रतिबंध हटा दिए गए तब 1.1 करोड़ अंतरराज्यीय प्रवासी अपने घर लौट गए। इस आलेख में चक्रवर्ती एवं अन्...
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Bhaskar Chakravorty
Clément Imbert
Maximilian Lohnert
Poonam Panda
04 जनवरी, 2021
- फ़ील्ड् नोट
क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य
लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्च...
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Guilhem Cassan
Lakshmi Iyer
Rinchan Ali Mirza
22 दिसंबर, 2020
- लेख
ड्यूएट: अनौपचारिक श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने हेतु विस्तार करना
ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए रक्षिता स्वामी और अमित बसोले ने इसकी सरल डिजाइन को इसकी ताकत के रूप में उजागर किया है और अधिक व्यापक दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में अ...
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Amit Basole
Rakshita Swamy
27 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण
ड्यूएट: औद्योगिक नीति के दृष्टिकोण से
ज्यां द्रेज़ के शहरी रोजगार कार्यक्रम हेतु ‘ड्यूएट’ प्रस्ताव पर अपना दृष्टिकोण प्रदान करते हुए स्वाति धींगरा का कहना है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न बेरोजगारी की तात्कालिक एवं बड़ी समस्या का हल निकाल...
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Swati Dhingra
09 नवंबर, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19: बिहार लौटते प्रवासी मजदूर, ग्रामीण आजीविका तथा सामाजिक सुरक्षा
कोविड-19 के प्रसार को कम करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण अनेक प्रवासी मजदूरों ने अपना रोज़गार गँवाया और उनमें से करीब 30 लाख से ज्यादा प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार लौटे। इस विषय पर प्रोफेस...
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Farzana Afridi
Arvind Kumar Chaudhary
06 अगस्त, 2020
- पॉडकास्ट
कोविड-19 संकट और छोटे व्यवसायों की स्थिति: एक प्राथमिक सर्वेक्षण से निष्कर्ष
हाल के अपने बयान में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि यह क्षेत्र "अस्तित्व के लिए जूझ रहा है"। इस आलेख में, शांतनु खन्ना और उदयन राठौर ने, मई 2020 में, 360 स...
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Shantanu Khanna
Udayan Rathore
07 जुलाई, 2020
- फ़ील्ड् नोट