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क्या कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों को बन्द करना व्यवहार्य है? वैश्विक दृष्टिकोण सर्वेक्षण से प्राप्त साक्ष्य

हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला ‘पृथ्वी दिवस’ आधुनिक पर्यावरण जन-आन्दोलन के जन्म की सालगिरह को चिह्नित करता है और पर्यावरण के प्रति मनुष्य के दायित्व को रेखांकित करता है। इस अवसर पर प्रस्तुत शोध आ...

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क्षेत्रीय असमानताओं पर जलवायु परिवर्तन के आघात का प्रभाव

पिछले तीन दशकों में, तापमान में वृद्धि के कारण कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को खपत में कमी का सामना करना पड़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र में खपत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस लेख में विभिन्न क्षेत्रों ...

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कोलकाता में ऑटो रिक्शा हेतु अवैध ईंधन के उपयोग के बारे में साक्ष्य

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 में वायु की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास में आदेश दिया कि कोलकाता और ग्रेटर कोलकाता में सभी पेट्रोल ऑटो को बदल कर पेट्रोल के स्थान पर तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी)...

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विद्युत अधिनियम में संशोधन: सजग दृष्टिकोण की आवश्यकता

विद्युत अधिनियम, 2003 में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन कुछ विधायी परिवर्तनों के साथ लगभग दो दशकों के बाद आया है। इस लेख में, दीक्षित और जोसे बिजली क्षेत्र के विकास- विशेष रूप से उस समय के दौरान प्रौद्...

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भारतीय कानून जलवायु-संबंधी नियमन किस प्रकार से कर सकता है?

बढ़ती हुई जलवायु परिवर्तन चिंता का समाधान केवल नीति के माध्यम से शायद पर्याप्त नहीं है। इस लेख में, दुबाश और श्रीधर कहते हैं कि जलवायु-संबंधित कानून से अर्थव्यवस्था के व्यापक परिणामों को सुनिश्चित किय...

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सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए सूचना-संबंधी बाधाओं को कम करना: भारत से प्रायोगिक साक्ष्य

अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। इस अंतर को ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकियां कम कर सकती हैं,तथापि इन्हें कम अपनाया गया है। इस लेख में तीन भारती...

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भारत में पर्यावरणीय क्षरण में सुधार लाने में नियामक नवाचार की भूमिका

येल पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक की 180 देशों की सूची में भारत अंतिम स्थान पर है। अनंत सुदर्शन भारत में पर्यावरणीय क्षरण के व्यापक आर्थिक और विकासात्मक प्रभावों की जांच करते हैं। इस विषय पर उपलब्ध साहित्...

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जलवायु संबंधी अपने लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की प्रगति

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत भारत का लक्ष्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक 33-35% तक कम करना है। मनीषा जैन ने ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ में प्रकाशित अपने प...

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बिजली की कटौती को कम करने हेतु बिजली संयंत्रों की प्रोत्साहन राशि निश्चित करना

भारत में अपेक्षाकृत उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और बिजली संयंत्रों की पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद, उपभोक्ताओं को लगातार बिजली की कटौती का सामना करना पड़ता है। यह लेख भारत में ब्लैकआउट के सन्दर्भ ...

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जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना

सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पन...

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जलवायु क्षति के लिए अनुकूलन - विकासशील देशों के लिए वरदान या अभिशाप?

जलवायु पर अलग-अलग देशों की प्रतिबद्धताओं से यह साफ है कि पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के ऐसे स्तर का सामना करने वाली है जिसकी सीमा सहनीय जलवायु नुकसान पहुंचाने वाले स्तर से काफी ऊपर होगी। और आगे चल के ...

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क्या सेवा की गुणवत्ता से ग्रामीण भारत में बिजली के कनेक्शन के लिए परिवारों की भुगतान करने की इच्छा का अनुमान लग सकता है?

जहां ग्रामीण विद्युतीकरण विकासशील जगत में सरकारों की उच्च प्राथमिकता रही है, वहीं जिन कारणों से परिवारों द्वारा बिजली के लिए भुगतान करने की अधिक संभावना होती है, उन पर अपर्याप्त ध्यान दिया गया है। ग्र...

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