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पंजाब का आर्थिक विकास : सम्भावनाएँ और नीतियाँ

वर्ष 2000 तक उत्तर भारतीय राज्य पंजाब देश में प्रति-व्यक्ति आय रैंकिंग में शीर्ष पर था, उसके बाद से इसकी स्थिति लगातार गिरती गई है। इस लेख में लखविंदर सिंह, निर्विकार सिंह और प्रकाश सिंह ने पंजाब की अ...

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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और वैश्विक जोखिम

जीडीपी की तुलना में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है। इस लेख में, केन्द्रीय बैंकों द्वारा भंडार जमा करने के पीछे के उद्देश्यों की जाँच की गई है और यह भी देखा गया है कि क्या अत्यधिक पूंजी...

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लाल में रहते हुए हरित होने के प्रयास

स्वीडन के स्टॉकहोम में 5 से 16 जून, 1972 को आयोजित पहली पर्यावरण संगोष्ठी के परिणामस्वरूप 1973 की 5 जून को 'मात्र एक पृथ्वी' के थीम से मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस ने एक लम्बी अवधि का सफर तय कर ...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर द...

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बजट 2022-23: सफलताएं एवं चूक

वर्ष 2022-23 के बजट की सफलताएं एवं चूक को रेखांकित करते हुए, राजेश्वरी सेनगुप्ता यह तर्क देती हैं कि सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना एक सही दिशा में कदम प्रतीत होता है, जबकि संरक्षणवाद पर निर...

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बजट 2022-23: पूंजीगत लाभ कर, और परिसंपत्ति-मूल्य

परिसंपत्ति-मूल्य स्थिरता को सुनिश्चित कराने की आवश्यकता होते हुए भी, वर्ष 2022-23 के बजट में इक्विटी निवेश पर पूंजीगत लाभ कर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इस लेख के ज़रिये, गुरबचन सिंह संपत्ति-मूल...

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बजट 2021-22: राजनीतिक अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में

वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट को एक राजनीतिक अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से जांचते हुए यामिनी अय्यर कहती हैं कि भारत सरकार द्वारा चुने गए नीतिगत विकल्प यह दर्शाते हैं कि सरकार का झुकाव वित्‍तीय संसाधनों ...

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बजट 2021-22: लिंग आधारित नजरिए से

2021-22 के केंद्रीय बजट को लिंग आधारित नजरिए से परखते हुए नलिनी गुलाटी ने इस बात पर चर्चा की है कि इस बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजिटल पुश, सार्वजनिक परिवहन, अन्य सार...

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बजट 2021-22: एक औसत बजट

वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट का आकलन करते हुए भास्कर दत्ता यह तर्क देते हैं कि भले इस बजट में कई सकारात्मक पहलू भी हैं परंतु यह कुल मिलाकर निराशाजनक है क्योंकि इसमें गरीबों की जरूरतों को पूरा करने पर ...

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कोविड-19 लॉकडाउन और प्रवासी श्रमिक: बिहार एवं झारखंड के व्यावसायिक प्रशिक्षुओं का सर्वेक्षण

भारत में हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण विशेष रूप से प्रवासी मजदूर बुरी तरह प्रभावित हुए। जब यात्रा प्रतिबंध हटा दिए गए तब 1.1 करोड़ अंतरराज्यीय प्रवासी अपने घर लौट गए। इस आलेख में चक्रवर्ती एवं अन्...

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क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य

लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्च...

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ड्यूएट: अनौपचारिक श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को शामिल करने हेतु विस्तार करना

ज्यां द्रेज़ के ड्यूएट प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए रक्षिता स्वामी और अमित बसोले ने इसकी सरल डिजाइन को इसकी ताकत के रूप में उजागर किया है और अधिक व्यापक दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में अ...

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