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लिंग-आधारित हिंसा की रिपोर्टिंग : सार्वजनिक सक्रियता और संवाद क्यों महत्वपूर्ण हैं
कोलकाता के एक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या के हालिया मामले के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और इसने एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्ष...
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Abhilasha Sahay
28 नवंबर, 2024
- लेख
गर्भनिरोधक संबंधी निर्णयों के घरेलू हिंसा पर प्रभाव : निर्णय और गतिशीलता
महिलाओं की परिवार में अपनी बात रखने की शक्ति और रोज़गार व शिक्षा के रूप में उनके सशक्तीकरण को, अन्तरंग-साथी द्वारा उनके प्रति हिंसा (इंटिमेट पार्टनर वायलेंस- आईपीवी) की घटनाओं के कम होने और बढ़ जाने, द...
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Karan Babbar
Manini Ojha
14 नवंबर, 2024
- लेख
कैसे लड़कियों की शिक्षा में निवेश से भारत में घरेलू हिंसा कम हो सकती है
भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की लगभग एक तिहाई महिलाएँ घरेलू हिंसा का सामना करती हैं। यह लेख जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, बड़े पैमाने के एक स्कूल विस्तार कार्यक्रम, के कारण लड़कियों की शिक्षा में व...
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Madhuri Agarwal
Vikram Bahure
Katja Bergonzoli
Souparna Maji
25 अक्टूबर, 2024
- लेख
भारत में स्कूली पाठ्य पुस्तकों में व्याप्त लैंगिक पूर्वाग्रह का विश्लेषण
शिक्षक का पुस्तकों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण प्रणालियों, नई पीढ़ियों, नवाचार और समाज से अंतरंग सम्बन्ध है। शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर को प्रस्तुत इस शोध आलेख में शिक्षकों की नहीं अपितु पाठ्य पुस्तकों के एक संवे...
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Lee Crawfurd
Theodore Mitchell
Radhika Nagesh
Christelle Saintis-Miller
Rory Todd
05 सितंबर, 2024
- लेख
श्रम बाज़ार में महिलाओं के खिलाफ पितृसत्तात्मक भेदभाव
कई कम आय वाले देशों में महिलाएं अक्सर श्रम बाज़ार से बाहर रह जाती हैं। इस लेख में पितृसत्तात्मक भेदभाव के रूप में एक नई व्याख्या प्रस्तुत की गई है- महिलाओं को खतरनाक या अप्रिय कार्यों से बचाने के लिए प...
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Nina Buchmann
Carl Meyer
Colin D. Sullivan
28 अगस्त, 2024
- लेख
आईडियाज़@आईपीएफ2024 श्रृंखला : एनसीएईआर के भारत नीति मंच से शोध
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च हर साल भारत नीति मंच, इंडिया पॉलिसी फोरम (आईपीएफ) की मेज़बानी करता है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ अर्थशास्त्री और नीति-निर्माता सार्वजनिक नीति के लिए उनकी प्रासंगिकत...
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Pradip Kumar Bagchi
18 जुलाई, 2024
- विचार-गोष्ठी
कॉर्पोरेट भारत में महिलाओं का नेतृत्व- फर्मों का प्रदर्शन और संस्कृति
कम्पनी अधिनियम 2013 के तहत, भारत में सभी सूचीबद्ध फर्मों को अपने बोर्ड में कम से कम एक महिला को रखना आवश्यक है। इस लेख में पाया गया है कि बोर्ड में कम से कम एक के महिला होने से बड़ी और मध्यम आकार की फ...
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Ratna Sahay
Navya Srivastava
Mahima Vasishth
18 जुलाई, 2024
- लेख
भारत के तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण का महिलाओं के सशक्तिकरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
माना जाता है कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को उनके ग्रामीण समकक्षों की तुलना में अधिक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अवसर और स्वतंत्रता प्राप्त होती है। साथ ही, शोध से यह पता चलता है कि शहरी वा...
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Gaurav Dhamija
Punarjit Roychowdhury
Binay Shankar
05 जुलाई, 2024
- लेख
भारत में उद्यमिता और रोज़गार में लैंगिक असमानताओं का आकलन
आर्थिक विकास सम्पूर्ण कार्यबल के सफल उपयोग पर निर्भर करता है। एजाज़ ग़नी का तर्क है कि लैंगिक समानता न केवल मानवाधिकारों का एक प्रमुख स्तम्भ है, बल्कि उच्च और अधिक समावेशी आर्थिक विकास को बनाए रखने का ए...
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Ejaz Ghani
12 अप्रैल, 2024
- दृष्टिकोण
क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?
यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...
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Narbadeshwar Mishra
Jyoti Prasad Mukhopadhyay
08 अप्रैल, 2024
- लेख
भारत में महिलाएँ और उनका स्वास्थ्य
मार्च महीने में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सन्दर्भ में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस अंतिम आलेख में I4I की संपादकीय सलाहकार नलिनी गुलाटी भारत में महिलाओंके स्वास्थ्य पर आर्थिक शोध का एक सार प्रस्...
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Nalini Gulati
26 मार्च, 2024
- दृष्टिकोण
क्या लड़कियों पर 'नियंत्रण' रखा जाना चाहिए? बिहार के लड़कों और अभिभावकों की राय
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में मार्च महीने में प्रस्तुत लेखों की श्रृंखला के इस द्वितीय शोध आलेख में लड़कियों और महिलाओं की लैंगिकता पर नियंत्रण की चर्चा है। बिहार में लड़कियों के बाल विवाह...
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Shubha Bhattacharya
Madhu Joshi
Anamika Priyadarshini
15 मार्च, 2024
- फ़ील्ड् नोट