Tag Search: “लिंग”
कैंसर जांच के लिए ‘मोबाइल कैंप’ पर पुनर्विचार करना
मोबाइल शिविरों के माध्यम से कैंसर की निवारक जांचों की संख्याप बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी प्रयासों के बावजूद, इस बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक बनी हुई है। इस लेख में घोष एवं सेकर ने बड़ी संख्या में ल...
- Samayita Ghosh Preethiya Sekar
- 28 जुलाई, 2020
- दृष्टिकोण
कोविड-19 लॉकडाउन और आपराधिक गतिविधियाँ: बिहार से साक्ष्य
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए लागू किया गया लॉकडाउन समाज के लिए व्यापक रूप से परिणामकारी था। रुबेन का यह आलेख पुलिस से प्राप्त अद्यतन सूचना का उपयोग करते हुए बिहार में आपराधिक गतिविधियों पर लॉकडाउ...
- Rubén Poblete-Cazenave
- 10 जुलाई, 2020
- लेख
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - II
हालांकि कई टिप्पणीकारों ने चल रहे कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा को उजागर किया है, परंतु शहरी झुग्गी-झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में कम ही ज्ञात है। अफरीदी, ढि...
- Farzana Afridi Amrita Dhillon Sanchari Roy
- 14 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? - फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - I
यद्यपि कई टिप्पणीकारों ने वर्तमान कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है, परंतु शहरी झुग्गी झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में बहुत कम ज्ञात है। इस नोट ...
- Farzana Afridi Amrita Dhillon Sanchari Roy
- 13 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19: लॉकडाउन और घरेलू हिंसा
जैसे-जैसे दुनिया भर की सरकारें कोरोनावायरस के प्रसार को कम करने के लिए विभिन्न तीव्रता से लॉकडाउन लागू कर रहे हैं, और इससे भारत सहित कई देशों में घरेलू हिंसा की खबरों में अचानक बड़ा उछाल आया है। इस ...
- Nalini Gulati
- 30 अप्रैल, 2020
- लेख
महिलाओं का कितना नुकसान? भारत में निजी स्कूलों में नामांकन का विश्लेषण
सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति और निजी स्कूलों की स्पष्ट दक्षता को देखते हुए, भारतीय माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना तेज़ी से बढ़ रहा है। यह आलेख 2005-2012 के दौरान 7-18 वर्ष की ...
- Pushkar Maitra Sarmistha Pal Anurag Sharma
- 19 मार्च, 2020
- लेख
ग्रामीण भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी में गिरावट: आपूर्ति पक्ष
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी के कम दर, ग्रामीण क्षेत्रों की विवाहित महिलाओं पर केंद्रित है। यह कॉलम सुझाव देता है कि आंशिक ...
- Farzana Afridi Taryn Dinkelman Kanika Mahajan
- 05 मार्च, 2020
- लेख
लिंग आधारित हिंसा के लिए मौत की सजा: एक टूटी हुई व्यवस्था के लिए अस्थाई समाधान
2018 में, भारत सरकार ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोकसो) अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता में संशोधन किया है, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा ...
- Shreeradha Mishra
- 05 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
भारतीय संसद में, प्रतिनिधित्व के बारे में ‘प्रश्नकाल’ क्या बता सकता है?
क्या अपने समूह के हितों का एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के लिए किसी विशेष सामाजिक पृष्ठभूमि से भारतीय सांसदों का संख्यात्मक प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है? पिछले 20 वर्षों के संसद में सांसदों द...
- Saloni Bhogale
- 22 जनवरी, 2020
- लेख
अकालपक्वता: भारत में स्कूली शिक्षा पर जल्द माहवारी होने का प्रभाव
सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भों में, लड़कियों की माहवारी के शुरुआत का प्रतिकूल प्रभाव उनके शिक्षा पर पड़ता है। इस लेख में चर्चा की गई है कि 12 साल की उम्र से पहले माहवारी की शुरुआत के कारण स्कूल नामां...
- Madhulika Khanna
- 20 दिसंबर, 2019
- लेख
बार में शराब का सेवन और सार्वजनिक स्थान में महिलाओं की सुरक्षा का प्रबन्ध
बार ऐसे परिसर हैं जिनमें शराब प्रदान किया जाता हैं और सामाजिक रुप से शराब पीने के स्थान के रुप में जाने जाते हैं। 2014 में, केरल ने राज्य में शराब बेचने वाले वाले सभी बारों को बंद कर दिया। इस लेख में ...
- Saloni Khurana Kanika Mahajan
- 04 दिसंबर, 2019
- लेख
शौचालय तक पहुँच और महिलाओं की सार्वजनिक सुरक्षा
भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण भारत में शौचालय युक्त घरों का अनुपात वर्ष 2019 तक 38.8% से बढ़ाकर 100% करने का था। महाजन और सेखरी ...
- Kanika Mahajan Sheetal Sekhri
- 02 अक्टूबर, 2019
- लेख