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भारत में उद्यमिता और रोज़गार में लैंगिक असमानताओं का आकलन

आर्थिक विकास सम्पूर्ण कार्यबल के सफल उपयोग पर निर्भर करता है। एजाज़ ग़नी का तर्क है कि लैंगिक समानता न केवल मानवाधिकारों का एक प्रमुख स्तम्भ है, बल्कि उच्च और अधिक समावेशी आर्थिक विकास को बनाए रखने का ए...

  • दृष्टिकोण

भारत में समाचार पत्र बाज़ार के राजनीतिक निर्धारक

समाचार पत्र भारतीय मतदाताओं के लिए राजनीतिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजनीतिक कारक समाचार पत्र बाज़ार को किस तरह से प्रभावित करते हैं। 2000 के दशक क...

  • लेख

क्या मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के प्रति आरबीआई की प्रतिबद्धता विश्वसनीय है?

आरबीआई द्वारा लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) को अपनाए जाने के आठ साल बाद गर्ग, लकड़ावाला और सेनगुप्ता इस फ्रेमवर्क की सफलता का मूल्यांकन करते हैं। वे कोविड-पूर्व अवधि में मुद्रास्फीति लक्ष्यीक...

  • लेख
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समय पर चेतावनी’ के रूप में स्कूल में अनुपस्थिति

जब बच्चे अक्सर स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि वे प्रतिकूल व्यक्तिगत परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं। अनुराग कुंडू इस लेख में, स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर नज़र रखन...

  • फ़ील्ड् नोट

बिहार में शराबबंदी का जीवन साथी द्वारा हिंसा पर प्रभाव

इस लेख में वर्ष 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के कारण महिलाओं के प्रति उनके जीवन साथी द्वारा होने वाली हिंसा की घटनाओं पर पड़े प्रभाव की जांच की गई है। एनएफएचएस ...

  • लेख

भारत में महिला बाल विवाह के संबंध में एक डेटा अध्ययन

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के उपलक्ष्य में I4I के महीने भर चलने वाले अभियान के दौरान प्रस्तुत अपने लेख में, क्वांटम हब के शुभम मुदगिल और स्वाति राव देश भर के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में बाल विवा...

  • दृष्टिकोण

भारत में पराली जलना कम करने के लिए स्थानांतरण भुगतान डिज़ाइन करना

पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, ख़ासकर उत्तर भारत में। पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए सशर्त नकद हस्तांतरण कार्यक्रम की शुरुआत के बावजूद, किसानो...

  • लेख

भारत में महिलाओं का सशक्तिकरण : क्या औपनिवेशिक इतिहास मायने रखता है?

क्या औपनिवेशिक इतिहास भारत में महिलाओं के समकालीन आर्थिक परिणामों की दृष्टि से मायने रखता है? इसकी जांच करते हुए यह लेख इस बात की ओर इशारा करता है कि जो क्षेत्र सीधे ब्रिटिश शासन के अधीन रहा, महिला सश...

  • लेख

जलवायु परिवर्तन और नदी प्रदूषण : भारत में उच्च गुणवत्ता के पर्यावरण डेटा की आवश्यकता

भारत में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए गहन डेटा संग्रह और निगरानी की आवश्यकता है। पोहित और मेहता इस लेख में, एनसीएईआर और टीसीडी की एक परियोजना का वर्णन करते हैं, जिसमें...

  • दृष्टिकोण

अज्ञात गरीबों की खोज: अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की पहचान और लक्ष्यीकरण

गरीबी के बारे में अलग-अलग अनुमानों के परिणामस्वरूप कुछ वंचित समुदाय अक्सर सरकारी कल्याण योजनाओं से बाहर रह जाते हैं। सबरवाल और चौधरी बिहार में लागू ‘सतत जीविकोपार्जन योजना’ का अध्ययन करते हैं, जिसमें ...

  • दृष्टिकोण

फिल्में किस तरह से नकारात्मकता (स्टिग्मा) और पसंद को प्रभावित करती हैं- भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग से साक्ष्य

हाल ही में, शैक्षिक मनोरंजन सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए एक मंच के रूप में उभरा है। इस लेख में, अग्रवाल, चक्रवर्ती और चैटर्जी जांच करते हैं कि क्या फिल्में स्वास्थ्य देखभाल के प्रति नक...

  • लेख

क्या मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के प्रति आरबीआई की प्रतिबद्धता विश्वसनीय है?

आरबीआई द्वारा लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (एफआईटी) को अपनाए जाने के आठ साल बाद गर्ग, लकड़ावाला और सेनगुप्ता इस फ्रेमवर्क की सफलता का मूल्यांकन करते हैं। वे कोविड-पूर्व अवधि में मुद्रास्फीति लक्ष्यीक...

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भारत में स्वच्छ पेयजल तक पहुंच और महिलाओं की सुरक्षा

सेखरी और हुसैन इस अध्ययन में, भूजल की कमी के कारण महिलाओं के प्रति होने वाली यौन हिंसा में वृद्धि के संदर्भ में अनुभवजन्य साक्ष्य का पता लगाने के लिए जिला स्तर के आंकड़ों का उपयोग करते हैं। वे तर्क दे...

  • लेख

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेवा-आधारित विकास : भारतीय नौकरी विज्ञापनों से साक्ष्य

भारत में नौकरियों की सबसे बड़ी वेबसाइट से रिक्तियों की ऑनलाइन सूचनाओं के एक नए डेटासेट का उपयोग करते हुए, कोपेस्टेक एवं अन्य, वर्ष 2016 के बाद से सेवा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित कौ...

  • लेख

मातृत्व पर पोषण का बोझ : क्या बच्चों को दिया जाने वाला मध्याह्न भोजन उनकी माताओं के स्वास्थ्य परिणामों में भी सुधार ला सकता है?

मध्याह्न भोजन बच्चों को पोषण सुरक्षा जाल प्रदान करता है और उनके अधिगम परिणामों तथा स्कूलों में उनकी उपस्थिति में सुधार लाता है। निकिता शर्मा तर्क देती हैं कि मध्याह्न भोजन प्राप्त करने वाले बच्चों की ...

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