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केन्द्रीय बजट 2025-26 : कई छोटे-छोटे उपाय लेकिन बड़े विचारों का अभाव

वित्त मंत्री ने हाल ही में वर्ष 2025-26 का केन्द्रीय बजट पेश किया। राजेश्वरी सेनगुप्ता इस लेख में बजट पर चर्चा करते हुए यह बताती हैं कि इस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू कर राहत के माध्यम से मध्यम वर्ग के उप...

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तृतीय अशोक कोतवाल स्मृति व्याख्यान- स्वैच्छिक कार्बन बाज़ार : विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में चुनौतियाँ और अवसर

हमारे संस्थापक प्रधान संपादक अशोक कोतवाल की याद में वर्ष 2022 में ‘अशोक कोतवाल स्मृति व्याख्यान’ की शुरुआत विकास के प्रमुख मुद्दों पर एक वार्षिक व्याख्यान के रूप में की गई थी। 11 दिसंबर 2024 को संपन्न...

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बेटियों को सशक्त बनाना : सशर्त नकद हस्तांतरण किस प्रकार से पारम्परिक मानदंडों को बदल सकते हैं

हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2008 में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के महत्व के बारे में ...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – दूसरा भाग

आलेखों की इस श्रृंखला के पहले भाग में डॉ. प्रणब सेन ने पिछले दो बड़े आर्थिक झटकों – 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट और 2016-17 में नोटबंदी एवं जीएसटी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर चर्चा की...

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कोविड-19 झटका: अतीत के सीख से वर्तमान का सामना करना – पहला भाग

कोविड-19 महामारी और इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए रोकथाम उपायों ने भारत के साथ-साथ दुनिया के बाकी हिस्सों में अभूतपूर्व आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। इसके अलावा, भारत एक बड़े मानवीय संकट का...

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कोविड-19: भारत को प्रभावी रूप से लॉकडाउन से बाहर निकालना

भारत अपने कोविड-19 लॉकडाउन से बाहर आने की कगार पर है। इस लेख में, सुगाता घोष और सरमिष्ठा पाल ने भारत को लॉकडाउन से प्रभावी ढंग से बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ सलाह के कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों ...

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महामारी के वक्त में पक्षपात: कोविड संबंधी अफवाहें और कारखानों में श्रमिक आपूर्ति

मार्च महीने के मध्‍य में, एक इस्लामी संस्‍था तब्लीगी जमात द्वारा दिल्‍ली में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद से कोविड मामलों की संख्‍या में भरी संख्‍या में एकाएक वृद्धि हुई, और भारत में इस बीमारी के मुसलमा...

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कोविड-19: संकटग्रस्त स्कूली शिक्षा और व्याप्त शैक्षणिक विषमता में अप्रत्याशित वृद्धि

कोविड-19 महामारी ने भारत के स्कूलों में पहले से ही व्याप्त घोर असमानता को और बढ़ा दिया है। इस लेख में मार्टिन हॉस और अभिषेक आनंद ने तीन व्यापक विषयों पर चर्चा की है - डिजिटल डिवाइड, इंफ्रास्ट्रक्चर डिव...

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कोविड-19 के प्रति सरकार की प्रतिक्रियाएँ कितनी देाषपूर्ण रही हैं? प्रवासी संकट का आकलन

कोविड-19 संकट के बीच, मार्च के अंत तक, अनगिनत प्रवासी श्रमिकों ने भारत के बंद शहरों से भाग कर अपने-अपने घरों के लिए गांवों की ओर पैदल ही जाना शुरू कर दिया। इस पोस्ट में सरमिष्‍ठा पाल यह तर्क देती हैं ...

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कोविड-19 का केरल प्रबंधन: प्रमुख सीख

केरल वह पहला भारतीय राज्य था जहां एक समय कोविड-19 के सबसे अधिक मामले थे, लेकिन आज वहाँ संक्रमण वक्र सपाट हो गया है और आरोग्य प्राप्ति दर यहाँ भारत में सर्वाधिक है। इस पोस्‍ट में, एस.एम. विजयानंद, केरल...

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कोविड-19 का राज्य वित्त पर प्रभाव

स्वास्थ्य का विषय राज्य सरकारें देखती हैं, इस लिए जब से भारत में कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई, तब से अलग-अलग राज्यों ने वे सारी प्रतिक्रियाएं अपनाईं हैं जो वे अपने राज्य-स्तरीय विधानों के तहत अपना स...

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कोविड-19: दुनिया को नए विचारों की जरुरत है

मजदूर, कारीगर, छोटे किसान और अन्य साधनहीन लोग पहले की तुलना में आज अधिक अपमानजनक जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं। कोविड-19, एक महामारी, जिसने समस्त दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस लेख में प्रेमकु...

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कोविड-19 संबन्धित आलेखों का संग्रह

हम यहाँ आइडियास फॉर इंडिया (I4I) के कोविड-19 संबंधित हिन्दी विषयवस्तु के लिंक प्रस्तुत करेंगे...

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कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? फोन सर्वेक्षण के निष्‍कर्ष - II

हालांकि कई टिप्पणीकारों ने चल रहे कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा को उजागर किया है, परंतु शहरी झुग्‍गी-झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में कम ही ज्ञात है। अफरीदी, ढि...

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कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? - फोन सर्वेक्षण के निष्‍कर्ष - I

यद्यपि कई टिप्पणीकारों ने वर्तमान कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है, परंतु शहरी झुग्‍गी झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में बहुत कम ज्ञात है। इस नोट ...

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