बेटियों को सशक्त बनाना : सशर्त नकद हस्तांतरण किस प्रकार से पारम्परिक मानदंडों को बदल सकते हैं
हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 2008 में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लड़कियों को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के महत्व के बारे में ...
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Nabaneeta Biswas
Christopher Cornwell
Laura Zimmermann
24 जनवरी, 2025
- लेख
आप्रवासन नीति सम्बन्धी अनिश्चितता श्रम बाज़ारों को प्रभावित करती है
राष्ट्रपति ट्रम्प के फिर से चुने जाने से एच-1बी वीज़ा सम्बन्धी नीतियों पर बहस फिर से शुरू हो गई है, यह एक अस्थाई उच्च कौशल कार्य वीज़ा है जिसमें 70% वीज़ा भारतीयों के पास हैं। इस लेख में, वर्ष 2016 मे...
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Ritam Chaurey
Kanika Mahajan
Shekhar Tomar
21 जनवरी, 2025
- लेख
प्रतिस्पर्धी नौकरियों की खोज : कम शेयरिंग से कंपनियों का नुकसान
श्रम बाज़ार में नौकरियों और कर्मचारियों के सही तालमेल के लिए यह ज़रूरी है कि नौकरी पोस्टिंग की जानकारी उपयुक्त नौकरी खोजने वालों तक पहुँचे। हालांकि इस सम्बन्ध में सोशल नेटवर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाते...
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Gaurav Chiplunkar
Erin M. Kelley
Gregory Lane
16 जनवरी, 2025
- लेख
येस बैंक: एक संकट का गहन विश्लेषण
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में हाल के वर्षों में सामने आई धोखाधड़ी और असफलताओं की पूरी श्रृंखला, बैंकिंग पर्यवेक्षण की कमजोरियों को दर्शाती है। इस पोस्ट में, पांडे और प्रियदर्शिनी यह तर्क देते हैं कि रिज़...
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Radhika Pandey
D. Priyadarshini
25 मार्च, 2020
- दृष्टिकोण
बच्चों के स्वास्थ्य पर कोयले का प्रभाव: भारत के कोयला विस्तार से साक्ष्य
हाल के वर्षों में, भारत में कोयले से हो रहे बिजली उत्पादन में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह लेख भारत में कोयले से होने वाले बिजली उत्पादन से बच्चों के स्वास्थ्य और मानव संसाधन पर पड़ने वाले प्रभावों ...
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Sangita Vyas
24 मार्च, 2020
- लेख
महिलाओं का कितना नुकसान? भारत में निजी स्कूलों में नामांकन का विश्लेषण
सरकारी स्कूलों की खराब स्थिति और निजी स्कूलों की स्पष्ट दक्षता को देखते हुए, भारतीय माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना तेज़ी से बढ़ रहा है। यह आलेख 2005-2012 के दौरान 7-18 वर्ष की ...
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Pushkar Maitra
Sarmistha Pal
Anurag Sharma
19 मार्च, 2020
- लेख
भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में मानव विकास
मानव विकास के मानकों में हो रहे परिवर्तनों को मापने से हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था और मानव कल्याण में किस तरह के बदलाव आ रहे है। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के मानव विकास...
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Diane Coffey
Dean Spears
12 मार्च, 2020
- दृष्टिकोण
ग्रामीण भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी में गिरावट: आपूर्ति पक्ष
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि भारत में महिला श्रम-बल भागीदारी के कम दर, ग्रामीण क्षेत्रों की विवाहित महिलाओं पर केंद्रित है। यह कॉलम सुझाव देता है कि आंशिक ...
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Farzana Afridi
Taryn Dinkelman
Kanika Mahajan
05 मार्च, 2020
- लेख
जलवायु क्षति के लिए अनुकूलन - विकासशील देशों के लिए वरदान या अभिशाप?
जलवायु पर अलग-अलग देशों की प्रतिबद्धताओं से यह साफ है कि पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के ऐसे स्तर का सामना करने वाली है जिसकी सीमा सहनीय जलवायु नुकसान पहुंचाने वाले स्तर से काफी ऊपर होगी। और आगे चल के ...
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Ingmar Schumacher
26 फ़रवरी, 2020
- लेख
केंद्रीय बजट 2020 और भारत का आर्थिक भविष्य
इस पोस्ट में, निर्विकार सिंह ने यह चर्चा की है कि हम हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट से भारत की अर्थव्यवस्था की संभावित दिशा के बारे में क्या जान सकते हैं। वे कहते हैं कि, हालांकि भारत की अर्थव्यवस्थ...
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Nirvikar Singh
20 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20: यह कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान कैसे करेगा?
इस वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण, जोकि वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि दस्तावेज है, हाल ही में संसद में पेश किया गया था। यह ऐसे वक्त में आया है जिसमे भारत आर्थिक मंदी और ग्रामीण तंगी के दौर से गुजर रहा है। इस ...
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Sudha Narayanan
17 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
केंद्रीय-बजट 2020: बुनियादी ढांचे हेतु खर्च, हिस्सेदारी बेचना तथा संसाधनों को मध्यमवर्ग की ओर निर्देशन को प्राथमिकता
वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी को 2020-21 का केंद्रीय बजट पेश किया – यह उस समय आया है जब अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी का सामना कर रही है। इस पोस्ट में, निरंजन राजध्यक्ष ने कहा कि भले ही इस बार की कर-संबं...
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Niranjan Rajadhyaksha
12 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
न्यायपालिका: अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ
आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में इस बात को मुख्य रूप से दर्शाया गया है कि भारत में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (व्यापार करने में आसानी) के लिए सबसे बड़ी बाधा ठेका (अनुबंध) प्रवर्तन और विवाद समाधान है, और यह भी की...
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Manaswini Rao
07 फ़रवरी, 2020
- लेख
लिंग आधारित हिंसा के लिए मौत की सजा: एक टूटी हुई व्यवस्था के लिए अस्थाई समाधान
2018 में, भारत सरकार ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोकसो) अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता में संशोधन किया है, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा ...
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Shreeradha Mishra
05 फ़रवरी, 2020
- दृष्टिकोण
उषारमुक्ति परियोजना: नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए संस्थानों का संगम
पश्चिम बंगाल सरकार की एक परियोजना ‘उषारमुक्ति’ को राज्य के पश्चिमी हिस्से में नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, ताकि मिट्टी और पानी के संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत जल विभाजक ...
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Ashwini Kulkarni
30 जनवरी, 2020
- दृष्टिकोण