ऋण बाज़ार में सकारात्मक कार्रवाई : क्या इससे अल्पसंख्यक कल्याण में बढ़ोतरी होती है?
धार्मिक अल्पसंख्यकों के कल्याण में सुधार के लिए भारत सरकार के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, वर्ष 2009 में वाणिज्यिक बैंकों को इन समूहों को दिए जाने वाले ऋण बढ़ाने के निर्देश दिए। यह लेख दर्शाता है क...
- S. K. Ritadhi Muhammad Yasir Khan
- 12 सितंबर, 2024
- लेख
भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में उप-अनुबंध लिंकेज
अनौपचारिक उद्यमों के विकास को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ी फर्मों के साथ उनके उप-अनुबंध लिंकेज को महत्वपूर्ण माना गया है। इस लेख में वर्ष 2001-2016 के दौरान भारतीय अनौपचारिक विनिर्माण से संबंधित र...
- Surbhi Kesar
- 10 सितंबर, 2024
- लेख
भारत में स्कूली पाठ्य पुस्तकों में व्याप्त लैंगिक पूर्वाग्रह का विश्लेषण
शिक्षक का पुस्तकों, पाठ्यक्रमों, शिक्षण प्रणालियों, नई पीढ़ियों, नवाचार और समाज से अंतरंग सम्बन्ध है। शिक्षक दिवस, 5 सितम्बर को प्रस्तुत इस शोध आलेख में शिक्षकों की नहीं अपितु पाठ्य पुस्तकों के एक संवे...
- Lee Crawfurd Theodore Mitchell Radhika Nagesh Christelle Saintis-Miller Rory Todd
- 05 सितंबर, 2024
- लेख
हाई स्कूल में विज्ञान? कॉलेज और नौकरी के परिणाम
भारत में विज्ञान के अध्ययन के साथ जुड़े कैरियर पथ, हाई स्कूलों में अन्य विषयों के अध्ययन से जुड़े कैरियर पथ के मुक़ाबले, अधिक प्रतिष्ठित और लाभप्रद माने जाते हैं। यह लेख उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ...
- Tarun Jain Abhiroop Mukhopadhyay Nishith Prakash Raghav Rakesh
- 17 सितंबर, 2021
- लेख
संपन्न शहरी परिवारों में जल संरक्षण को प्रेरित करना
पानी की मांग को कम करना - विशेष रूप से संपन्न, शहरी घरों में - सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने और इसे एक किफायती मूल्य पर बनाए रखने के लिए बढ़ती आपूर्ति के बोझ को कम कर सकता है। बेंगलुरू में किये गए ए...
- Vivek Deepak Malghan Kanchan Mukherjee
- 14 सितंबर, 2021
- लेख
अल्पकालिक बीमारी और परिवार में श्रम का प्रतिस्थापन
गरीब कृषि परिवारों में स्वास्थ्य-संबंधी झटकों की वजह से होने वाले चिकित्सा खर्चों का असर उनके पास के सीमित संसाधनों पर पड़ता है और इसके परिणामस्वरूप रोजगार के संभावित उत्पादक दिनों का नुकसान होता है। ...
- Abhishek Dureja Digvijay S. Negi
- 10 सितंबर, 2021
- लेख
जागरूकता और आत्म-रक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ हिंसा का सामना करना
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के प्रति हिंसा में 2018 की तुलना में 7.3% की वृद्धि हुई है जिसमें तीन में से एक महिला शारीरिक, भावनात्मक या यौन हिंसा की शिकार होती...
- Chitwan Lalji Debayan Pakrashi Sarani Saha Soubhagya Sahoo
- 07 सितंबर, 2021
- लेख
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और कोविड-19
2013 में लागू किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में मूलभूत सुधार ले आया और सबसे महत्वपूर्ण इसके जरिये कानूनी रूप से भोजन का अधिकार' दिया गया। यह लेख ब...
- Ruchira Boss Mamata Pradhan Devesh Roy Sunil Saroj
- 31 अगस्त, 2021
- लेख
भारत में हिंदू-मुस्लिम प्रजनन दर में अंतर: 2011 की जनगणना के अनुसार जिला-स्तरीय अनुमान
2011 की भारतीय जनगणना के आंकड़े हिंदू आबादी की तुलना में मुस्लिम आबादी की उच्च वृद्धि दर दिखाते हैं। इस लेख में जिला स्तर पर हिंदू-मुस्लिम प्रजनन में अंतर और राज्य स्तर पर उनकी प्रवृत्तियों का एक सटीक...
- Saswata Ghosh
- 27 अगस्त, 2021
- लेख
पोषण में सुधार हेतु स्कूली भोजन योजनाओं का महत्व
भारत में अल्पपोषित बच्चों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है और यहां मिड-डे मील (एमडीएम) के रूप में स्कूली भोजन की सबसे बड़ी योजना जारी है परंतु इस योजना के अंतर-पीढ़ीगत प्रभाव पर सीमित साक्ष्य उपलब्...
- Harold Alderman Suman Chakrabarti Daniel Gilligan Purnima Menon Samuel Scott
- 24 अगस्त, 2021
- लेख
कोटा (आरक्षण) और स्कूली शिक्षा सम्बन्धी निर्णय
सामाजिक समूहों में व्याप्त असमानताओं को पाटने के एक साधन के रूप में, सकारात्मक कार्रवाई, दशकों से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। यह लेख 1990 के दशक में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और कॉलेजों में भारत ...
- Gaurav Khanna
- 20 अगस्त, 2021
- लेख
शिशु जन्म का बढ़ता वित्तीय बोझ
कई भारतीय राज्यों में, अभी भी बड़ी संख्या में शिशुओं को घर पर ही जन्म दिया जाता है, और सार्वजनिक एवं निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाओं में संस्थागत प्रसव पर लोगों को अपनी जेब से अधिक पैसा खर्च करना पड़त...
- Prem Shankar Mishra T.S. Syamala
- 17 अगस्त, 2021
- दृष्टिकोण
कोविड -19 लॉकडाउन और प्रवासी श्रमिक: बिहार और झारखंड के व्यावसायिक प्रशिक्षुओं का सर्वेक्षण – II
कोविड -19 और इससे संबंधित लॉकडाउन के कारण बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां चली गई, जिसके फलस्वरूप शहरों से प्रवासी श्रमिकों का पलायन हुआ। इस लेख में, चक्रवर्ती एवं अन्य, उनके द्वारा ग्रामीण बिहार और झा...
- Bhaskar Chakravorty Clément Imbert Maximilian Lohnert Poonam Panda Roland Rathelot Apurav Yash Bhatiya
- 12 अगस्त, 2021
- फ़ील्ड् नोट
वह जीतती है: जातीय आधार पर विभाजित समाजों में महिलाओं का चुनाव
भारतीय संविधान के अनुसार ग्रामीण स्थानीय सरकारों में महिलाओं के लिए कम से कम 33% सीटें आरक्षित हैं, और बिहार उन नौ राज्यों में से है जिन्होंने 50% आरक्षण का विकल्प चुना है। हालांकि, राज्य और केंद्र स्...
- Arindam Banerjee Sayan Banerjee Charles R. Hankla Kunal Singh Anjali Thomas
- 06 अगस्त, 2021
- फ़ील्ड् नोट
प्रोद्योगिकी में लैंगिक परिवर्तन: कृषि मशीनीकरण से साक्ष्य
भारतीय कृषि में बढ़ते मशीनीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर महिलाओं के लिए कृषि रोजगार में कमी आई है। यह लेख दर्शाता है कि 1999-2011 के दौरान मशीनीकरण में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कृष...
- Farzana Afridi Monisankar Bishnu Kanika Mahajan
- 03 अगस्त, 2021
- लेख